अम्बिकापुर @ कलम बंद का सोलहवां दिन @ खुला पत्र @मंत्री जी…जिस मीडिया के सामने आप अपनी बात रख रहे हैं…इन्हीं के द्वारा कमी बताने पर आप प्रतिबंध का काम करते हैं क्यों…?

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-रवि सिंह-
रायपुर/अम्बिकापुर,15 जुलाई 2024 (घटती-घटना)।
पद और सत्ता के घमंड में चूर प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल कुर्सी संभालने के बाद से स्वास्थ्य सुविधा सुधारने का सिर्फ दावा करते देखे जा रहे हैं। स्वास्थ्य केन्द्रों के निरीक्षण की बात हो या फिर किसी बैठक की, मंत्री द्वारा हर जगह सिर्फ व्यवस्था में सुधार की बात कही जाती है लेकिन 7 माह से अधिक का समय बीतने के बाद भी व्यवस्था में सुधार कहीं-नही हो सका है। राजधानी रायपुर से लेकर सरगुजा और बस्तर क्षेत्र में मरीज स्वास्थ्य केन्द्रों में परेशान हो रहे हैं,लापरवाही का आलम है कि बेबश होकर परिजन मरीज को निजी चिकित्सालय लेकर जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री द्वारा आए दिन सुविधा सुधारने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है लेकिन स्थिति दिनों दिन बदत्तर होते जा रही है, सोमवार को ही मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बस्तर संभाग के दूरस्थ बीजापुर का दौरा किया और एक बार फिर मीडिया के सामने हवा-हवाई दावा करते हुए कहा कि व्यवस्था में सुधार किया जाएगा लेकिन मंत्री जी…आपसे सवाल है कि आखिर कब…?
मंत्री जी…आप खुद के गृह जिले मनेंद्रगढ के चिकित्सालय से लेकर पड़ोसी जिले कोरिया की स्वास्थ्य सुविधा तो सुधार नहीं सके हैं राजधानी तक में स्थिति दयनीय है फिर आप यह हवा-हवाई दावा कब तक करते फिरेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने जब बीजापुर चिकित्सालय का दौरा किया तब उनके सामने कई कमियां नजर आई,और कमियां एक नहीं बल्कि प्रदेश के सारे अस्पतालों में व्याप्त हैं,एक बार मरीज यदि शासकीय चिकित्सालय चला जाए तो अन्य किसी दूसरे को शायद ही शासकीय चिकित्सालय में ईलाज कराने की सलाह देगा और इन्हीं कमियों को लगातार घटती-घटना अखबार द्वारा उठाया जा रहा था लेकिन मंत्री जी को यह समाचार पसंद नहीं आई तो उन्होने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज को ही दबाने की कोशिश की है,उन्होंने कमियों की खबर प्रकाशन ना हो,इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से संबंधित विज्ञापन घटती-घटना अखबार को देने से मनाही करा दी है,साथ ही अपने तथाकथित भतीजे प्रभारी डीपीएम प्रिंस जायसवाल से अखबार एवं उनसे जुड़े प्रतिनिधियों, संपादक के खिलाफ भी शिकायत कराकर दबाव बनाने की कोशिश की है लेकिन मंत्री जी लोकतंत्र में यह संभव नहीं है शायद आप इससे अंजान और सलाहकारों के कारण दिग्भ्रमित हैं।


ज्ञात हो कि इन दिनों बस्तर संभाग में मलेरिया ने तेजी से अपना पांव पसार लिया है। संभाग अंतर्गत आने वाले जिलों में मच्छरों का प्रकोप इतना बढ चुका है कि संक्रामक रोगों को लेकर लोग चिंतित हैं। दुरस्थ बीजापुर जिले में मलेरिया से छात्राओं की मौत ने स्वास्थ्य विभाग पर सवालिया निशान लगा दिया है। बस्तर क्षेत्र के जिलों में प्रतिदिन पाजीटिव केस की संख्या में इजाफा हो रहा है। बतलाया जाता है कि बीजापुर जिले के भोपालपट्टनम ब्लॉक के संगमपल्ली पोटाकेबिन की छात्रा वैदिका जव्वा की मलेरिया से मौत हो गई,तमाम दावों के बीच 30 घंटे में यह दूसरी मौत है। इससे पहले तारालागुड़ा के पोटाकेबिन में मलेरिया से दूसरी कक्षा की छात्रा ने दम तोड़ दिया था। बतलाया जाता है कि बीजापुर ब्लॉक के आश्रमों में 187 बच्चे मलेरिया पॉजिटिव हो चुके हैं यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बस्तर जैसे वनांचल और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में मलेरिया ने जिस प्रकार से पांव पसार रखा है उससे स्वास्थ्य सुविधा की पोल गई है वहीं बतलाया यह भी जा रहा है कि बस्तर क्षेत्र में मलेरिया मुक्त अभियान का 10 वां चरण शुरू होना था लेकिन दवाई ना पहुंचने के कारण यह अभियान शुरू नहीं हो सका है,दवा क्यों नही पहुंची, यह भी जांच का विषय है। लेकिन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के राज में ऐसा कुछ होगा इसकी उम्मीद नहीं है।


प्रदेश में घूम-घूम कर स्वास्थ्य सुविधा सुधारने का दावा करने वाले प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के राज में कहीं स्थिति सुधरी हो ऐसा नहीं लगता बल्कि स्थिति दिन-प्रतिदिन और बदत्तर होती जा रही है । प्रदेश के कवर्धा जिले में भी डायरिया से मौत की खबर सामने आई है वहीं बिलासपुर जिले के रतनपुर क्षेत्र में भी कई परिवार इससे पीçड़त हैं। लगभग जिलों में डायरिया पीçड़तों की संख्या में बढोत्तरी हुई है लेकिन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री इन सबसे दूर मीडिया पर प्रतिबंध की कोशिश में लगे हुए हैं।


प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बनने के 7 महीने बीतने के बाद भी श्री जायसवाल ने प्रदेश भर का दौरा नहीं किया जिससे कि स्वास्थ्य सुविधा बेपटरी हो चुकी है,दलालो और अधिकारियों के चंगुल से मंत्री और उनका विभाग बुरी तरह घिरा हुआ है। दागी स्टॉफ मंत्री बंगले की गतिविधि पर सवालिया निशान पैदा कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री द्वारा सिर्फ सुविधा में सुधार का दावा किया जाता है लेकिन हकीकत कोसो दूर है। मंत्री के गृह जिले एमसीबी और पड़ोसी जिला कोरिया में स्वास्थ्य सुविधा इतनी बिगड़ी हुई है कि मरीज मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। कमियां अपार है लेकिन उन पर जानबूझकर ध्यान नही दिया जा रहा है। घर की स्वास्थ्य सुविधा ना सुधार पाने वाले स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा बीजापुर जाकर सुधार की बात खुद को मुंह चिढ़ा रही है।


प्रदेश के बस्तर और कवर्धा में मलेरिया एवं डायरिया से मौत के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने भी प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए उसे सरकार की कमी बतलाया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियों से आदिवासियों की मौत हो रही है यह भाजपा सरकार की लापरवाही है। उन्होने जांच और उपचार के लिए तत्काल शिविर लगाने,वनांचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढाने,हॉट बाजार क्लिनिक शुरू करने की मांग की है।


लचर और दयनीय स्थिति में पहुंच चुकी प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधा के लिए सीधा और विभागीय मंत्री को ही जिम्मेदार माना जाता है। बतलाया जाता है मंत्री की कार्यप्रणाली विभागीय उच्चाधिकारियों को भी रास नहीं आ रही है। दलाल,सप्लायर मिलकर विभाग का ठेका ले चुके हैं। मंत्री बंगले में बैठे स्टॉफ अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। आरोपो से घिरे मंत्री के स्टॉफ गलत सलाह देने में भी माहिर बतलाये जाते हैं। वैसे भी विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी संजय मरकाम और विशेष सहायक आशुतोष पांडेय जैसे अधिकारी जिस मंत्री के साथ चल रहे हों वहां ज्यादा उम्मीद करना भी बेमानी था इसलिए आज यह विभाग लोगों को सुविधा उपलब्ध नही करा पा रहा है। खैर मंत्री जी को इन सभी बातो से कोई लेना-देना नहीं है, उन्हे सिर्फ वाहवाही की खबरे पसंद हैं लेकिन कमियां पसंद नहीं हैं। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज को दबाकर मंत्री जी खुद को सुपर तो साबित करना चाह रहे हैं लेकिन आम जन की नजरों में प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग सरकार की किरकिरी के लिए पर्याप्त है। प्रदेश के मुखिया को अब जरूर संज्ञान लेते हुए समीक्षा किया जाना चाहिए कि जन सरोकार से जुड़े विभाग की जिम्मेदारी एक समझदार और सुलझे मंत्री को देना चाहिए ना कि दलाल और सप्लायरों से लेकर विवादित स्टॉफ से घिरे मंत्री को,क्योंकि विभाग का हाल बेहाल है।


सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल राजधानी रायपुर में पत्रकारों से चर्चा कर फिर एक बार स्वास्थ्य सुविधा मे सुधार का दावा करते दिखे,उन्होने विपक्ष के आरोप भी जवाब दिया और यहां तक कहा कि विपक्ष का काम है मुद्वे को उठाना,हम चाहते हैं कि सशक्त विपक्ष की तरह कांग्रेस मुद्वो को उठाए। मंत्री ने पूरी ताकत के साथ प्रयास करने की बात कही और कांग्रेस पर ही उल्टा आरोप भी लगाया। यह सोचनीय विषय है कि एक तरफ स्वास्थ्य मंत्री मीडिया के सामने सशक्त विपक्ष की उम्मीद करते हैं और दूसरी तरफ लोकतंत्र के चैथे स्तंभ की आवाज को दबाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।


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