@ भ्रष्टाचार की खबरों से दिक्कत…
@ कमी दिखाओ तो दिक्कत…
@ जनता की परेशानियों को
दिखाओ तो दिक्कत…
आखिर लोकतंत्र का चौथा स्तंभ करें तो क्या करें? सरकारी तंत्र भ्रष्टाचार की ओर बढ़ रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने पत्रकार दौड़ रहा पर पत्रकार की दौड़ के पीछे निर्वाचित जनप्रतिनिधि उसकी दौड़ की गति को कम करने का प्रयास कर रहे हैं,भ्रष्टाचार बढ़ता रहे पर पत्रकार ना दिखाएं क्या यही चाहता है जनप्रतिनिधि या फिर सरकारी तंत्र।
@ क्या छापें माननीय मुख्यमंत्री जी?
@ क्या छापें स्वास्थ्य मंत्री जी ?
@ क्या छापें आयुक्त सहसंचालक आईपीएस मयंक श्रीवास्तव जी?
@ देश के माननीय प्रधानमंत्री से भी सवाल…क्या भ्रष्टाचार के विरुद्ध छत्तीसगढ़ की प्रदेश सरकार के खिलाफ समाचार लिखना है अपराध?
@ क्या भ्रष्टाचार का मामला वहीं होगा दर्ज जहां होगी भाजपा से इतर दल की सरकार?
@ क्या भाजपा के भ्रष्टाचारी नेता इसलिए हैं पाक-साफ क्योंकि वह हैं भाजपा के पदाधिकारी?