कभी भी निकल जाएगा आदेश
रायपुर,29 जून 2024(ए)। मंत्रालय में हुई डीपीसी में एडीजी अरुणदेव गौतम और हिमांशु गुप्ता को डीजी बनाने का रास्ता साफ हो गया है। डीपीसी ने इन दोनों आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन को हरी झंडी दे दी। डीपीसी के बाद फाइल गृह मंत्री से होते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पास पहुंच गई है। संकेत हैं, मुख्यमंत्री का अनुमोदन होते ही आजकल में दोनों अफसरों के प्रमोशन का आदेश जारी हो जाएगा। इसके अलावा पवनदेव का लिफाफा बंद कर दिया गया है।
डीजी के चार पद
छत्तीसगढ़ में डीजी के दो कैडर पद हैं। इसके विरूद्ध राज्य सरकार दो एक्स कैडर पोस्ट क्रियेट कर सकती है। याने कुल चार पद हुए। अभी चार में से सिर्फ एक पद भरा है। इस पद पर अशोक जुनेजा डीजी पुलिस हैं। बाकी तीनों पद खाली है। जुनेजा के बाद राजेश मिश्रा डीजी थे। मगर जनवरी में उनके रिटायरमेंट के बाद वो भी खाली हो गया। बहरहाल, डीजी के तीन पदों के लिए मंत्रालय में डीपीसी हुई। राजेश मिश्रा के रिटायरमेंट के बाद सीनियरिटी में 92 बैच के दो आईपीएस अधिकारी हैं। पवनदेव और अरूणदेव गौतम। इसके बाद 94 बैच में सबसे उपर हिमांशु गुप्ता हैं। सो, इन तीनों के लिए डीपीसी हुई।
पवनदेव का लिफाफा बंद
94 बैच में वैसे पवनदेव का नाम सबसे उपर है। मगर उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है इसलिए डीपीसी में उनके नाम पर चर्चा तो हुई मगर प्रमोशन नहीं हो पाया। डीपीसी ने उनके नाम का लिफाफा बंद कर दिया। लिफाफा बंद करने का मतलब यह होता है कि निकट भविष्य में अगर उनके खिलाफ जांच खतम हो जाती है तो उन्हें बिना डीपीसी के प्रमोशन दे दिया जाएगा। पवनदेव के साथ प्लस यह है कि डीपीसी ने उनका पद सुरक्षित रखा है। जानकारों का कहना है कि डीपीसी को अधिकार होता है कि उसे अगर लगे कि जांच लंबा खिंचेगा और इसमें उन्हें बचने की कोई संभावना नहीं तो फिर उस पद के खिलाफ नीचे वाले को मौका दे देता है। मगर पवनदेव के लिए पद रखा गया है। याने भले ही उनका प्रमोशन नहीं हुआ मगर तीसरा पद रिजर्व माना जाएगा।
डीजी कौन बनेगा?
डीजीपी अशोक जुनेजा अगस्त के पहले हफ्ते में रिटायर हो जाएंगे। दरअसल,उन्हें पूर्णकालिक डीजीपी बनाने का आदेश 5 अगस्त 2022 को निकला था। दो साल का उनका टेन्योर 4 अगस्त को पूरा हो जाएगा। जाहिर है,उस समय दो डीजी होंगे। अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता। राज्य सरकार सीनियरिटी के हिसाब से अगर डीजी बनाएगी तो फिर अरुण गौतम का नाम फायनल समझिए और कहीं हिमांशु गुप्ता के माथे पर लिखा होगा डीजीपी बनना तो फिर उनके नाम का आदेश निकल जाएगा। जाहिर है, सीएस, डीजीपी और पीसीसीएफ सभी नहीं बन जाते।