अंबिकाुपर@भारतीय परिस्तिथियों कों ध्यान मे रख कर भारतीयों द्वारा तैयार किया गया है नवीन कानून : आईजी

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अंबिकाुपर,29 जून 2024 (घटती-घटना)। नए कानून भारतीय न्याय संहिता,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम हैं। इन कानूनों के प्रति लोगों को जागरुक करने सरगुजा पुलिस द्वारा पीजी कॉलेज के ऑडिटोरियम में शनिवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। नए कानूनों को लागू करने का उद्देश्य जनता को पारदर्शी और त्वरित न्याय दिलाने तथा दंड व्यवस्था से न्याय व्यवस्था की ओर ले जाना है। कार्यशाला में कमिश्नर जीआर चुरेंद्र, आईजी अंकित गर्ग,कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान व एसपी योगेश पटेल ने लोगों को नवीन कानूनों की जानकारी दी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आईजी ने कहा कि समाज के सभी वर्गों मे नवीन कानूनों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए उक्त सेमिनार का आयोजन किया गया हैं, सेमिनार का मुख्य उद्देश्य आमनागरिकों की दिनचर्या से जुड़े हुए कानूनों एवं आमनागरिकों कों प्रभावित करने वाले कानूनों के सम्बन्ध मे जानकारी प्रदान करना हैं, पूर्व प्रचलित क¸ानून सन 1860 से देश मे प्रभावशील था और यही क¸ानून आमलोगो की सामान्य दिनचर्या का हिस्सा रहे हैं, पूर्व प्रचलित क¸ानून लम्बे समय से चले आ रहे थे, नवीन कानूनों के सम्बन्ध मे कार्यशाला एवं सेमिनार के माध्यम से जनजागरूकता अभियान चलाकर लोगो कों क¸ानून मे हुए बदलाव की जानकारी दी जा रही हैं, नवीन क¸ानून मे जीरो एफआईआर की सुविधा हैं, जिसमे आम व्यक्ति किसी भी छेत्र के थाने मे अपनी शिकायत एवं रिपोर्ट दर्ज करा सकता हैं, थाना छेत्र की सीमा कों दूर करने के अन्य प्रावधान भी दिए गए हैं जीरो एफआईआर के तहत अपराध दर्ज कर सम्बंधित थाने कों प्रकरण अग्रिम जांच हेतु निश्चित समयावधि मे भेजा जाना होगा, साथ ही नवीन क¸ानून मे कई ऐसे ही कई बदलाव किये गए हैं जो आमनागरिकों के प्रति जवाबदेही तय करते हैं एवं दंड व्यवस्था से न्याय व्यवस्था की ओर कदम बढ़ाया गया हैं उपरोक्त नवीन क¸ानून भारतीय परिस्तिथियो कों ध्यान मे रख कर भारतीयों द्वारा तैयार किया गया हैं, वीडियोग्राफी,ऑडियोग्राफी जैसे महत्वपूर्ण साक्ष्य कों प्राथमिक साक्ष्य के रूप शामिल किया गया हैं, पुराने क¸ानून की स्वीकार्यता नवीन परिस्थितियो के हिसाब से भिन्न थी, अब साइबर अपराध, आतंकवाद, संगठित अपराध, मॉब लिंचिंग सम्बन्धी अपराधों की नवीन परिस्थितियों कों ध्यान मे रखकर नवीन क¸ानून कों लागु किया जाना आवश्यक था। कार्यक्रम में कार्यशाला के दौरान सुजीत कुमार उमनि 10 वीं वाहिनी सिलफिली, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लों, नगर पुलिस अधीक्षक रोहित शाह, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस ग्रामीण अमित पटेल, उप पुलिस अधीक्षक जयराम चेरमाको, संभागीय सेनानी नगर सेना राजेश पाण्डेय, प्राचार्य पीजी कॉलेज रिजवान् उल्ला, रक्षित निरीक्षक तृप्ति सिंह राजपूत, निरीक्षक मनीष सिंह परिहार, निरीक्षक प्रदीप जायसवाल, निरीक्षक दुर्गेश्वरी चौबे, प्राचार्य साईं बाबा कॉलेज राजजेश श्रीवास्तव, वक्तागण ब्रजेश राय विभागाध्यक्ष विधि संकाय, श्रुति कांबले एडीपीओ, जितेश्वरी सोनवानी, एडीपीओ, डॉ मिलेन्द्र सिंह सहायक प्राध्यापक,उप निरीक्षक अभय सिंह, सहायक उप निरीक्षक अभय तिवारी एवं समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि, एनजीओ एवं पुलिस अधिकारी/ कर्मचारीगण सहित काफ़ी संख्या मे छात्र- छात्राएं शामिल रहे।
कानूनों में किया गया है व्यवहारिक परिवर्तन
सेमिनार कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर सरगुजा विलास भोस्कर ने कहा कि 1 जुलाई 2024 से नया क¸ानून लागु होना सुनिश्चित हैं,पुराने कानूनों में कुछ व्यवहारिक परिवर्तन किया गया हैं,कुछ नियम बदले गए हैं, और कुछ नियम जो वर्तमान के लिए आवश्यक थे उन्हें जोड़ा गया हैं,जिला प्रशासन,पुलिस एवं माननीय न्यायालय द्वारा आमनागरिकों को नवीन क¸ानून के सम्बन्ध मे सम्यक जानकारी दी जा रही हैं, न्याय प्रणाली मे पारदर्शिता लाने के लिए नागरिक केंद्रित क¸ानून बनाया गया हैं, आप सब नवीन क¸ानून का प्रचार प्रसार करें, जन जन तक नवीन कानूनों कों पहुंचाने की जिम्मेदारी हम सबकी हैं,पुराने कानूनों मे बदलाव कर नवीन कानूनों कों सरल एवं पारदर्शी किया गया हैं,एवं आमजनता कों अपने अधिकारों की रक्षा हेतु नये क¸ानून को आत्मसात करने की जानकारी दी गई।
पुराने क¸ानून औपनिवेशिक काल में किए गए थे लागू
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक सरगुजा योगेश पटेल ने कहा कि जो क¸ानून अंग्रेजों द्वारा उस समय की परिस्थितियो कों देखकर बनाये गए थे वो अब नवीन परिस्थितियों के हिसाब से कानूनों में बदलाव किया जाना आवश्यक था,तीनों नवीन क¸ानून भारतीय न्याय संहिता,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य संहिता कों वर्तमान में लागू किया जाना हैं। आपराधिक क¸ानून देश के प्रत्येक व्यक्ति पर लागु होते हैं और सबको प्रभावित करते हैं, पुराने क¸ानून औपनिवेशिक काल में लागू किये गए थे,पुराने क¸ानून मे आज की परिस्थितियों कों ध्यान मे रखकर बदलाव की आवश्यकता महसूस की जाती रही थी,नवीन क¸ानून मे नये अपराध कों सम्मिलित कर नये क¸ानून लाये गए हैं,पुराने कुछ क¸ानून कों समाप्त किया गया,नवीन कानूनों मे ई-एफआईआर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दर्ज करा सकते हैं, बच्चों एवं महिलाओ के विरुद्ध सख़्ती से कार्यवाही की जाने के प्रावधान किये गए हैं साथ ही आतंकवाद,मॉब लिंचिंग मे सख्त प्रावधान किये गए हैं,पूर्व मे कोर्ट की प्रक्रिया मे काफी समय लगता था,जिसे अब समय सीमा के अंदर तय किया गया हैं, उपरोक्त नवीन क¸ानून सम्पूर्ण प्रक्रिया कों दंड व्यवस्था से न्याय व्यवस्था की ओर लाये जाने हेतु महत्वपूर्ण कदम होना बताया गया,नवीन क¸ानून का लाभ आमनागरिकों कों प्रदान करने एवं नागरिको की सुविधाओं से जुड़े नवीन प्रावधानो का जानकारी दिए जाने हेतु सेमीनार का आयोजन सरगुजा पुलिस द्वारा किया गया हैं।


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