सुरजपुर@प्रभारी रहने की आदत…अचानक किसी के अधीनस्थ होकर काम कैसे करेंगे,क्या इस बात का डर सता रहा उप निरीक्षक को?

Share


-ओंकार पाण्डेय-
सुरजपुर,27 जून 2024(घटती-घटना)। पुलिस विभाग पहले अपने अनुशासन के लिए जाना जाता था वहीं अब वही विभाग अपने कर्मचारियों की मनमानी के लिए जाना जाने लगा है। पहले विभाग के उच्च अधिकारी और विभाग के द्वारा समय समय पर जारी निर्देश और जारी तबादला आदेश तत्काल पुलिस विभाग के कर्मचारी अधिकारी स्वीकार कर लेते थे वहीं अब ऐसा नहीं देखने को मिलता है और अब यदि तबादला आदेश गलती से भी जिले के उच्च अधिकारी संभाग के उच्च अधिकारी या पुलिस मुख्यालय के उच्च अधिकारी जारी करते हैं उसको लेकर असहमति तत्काल समाने आ जाती है और तबादला रुकवाने मनचाही पोस्टिंग पाने कर्मचारी जोड़ जुगाड में लग जाते हैं। चूंकि पुलिस विभाग कानून व्यवस्था से जुड़ा विभाग है और समय समय पर विभाग के उच्च अधिकारी मिलने वाली सूचनाओं आधार पर कर्मचारियों को इधर से उधर करते हैं ऐसे में यदि उच्च अधिकारियों के आदेश की अवहेलना इसी तरह जारी रही तो वह दिन भी दूर नही जब तबादले से नाखुश कर्मचारी हड़ताल पर न बैठ जाएं।
बता दें कि हाल ही में सूरजपुर जिले के पुलिस कप्तान ने जिले की कानून व्यवस्था में कसावट लाने के उद्देश्य से निरीक्षक उप निरीक्षक,सहायक उप निरीक्षक ,प्रधान आरक्षक सहित आरक्षकों का तबादला जिले के ही भीतर एक जगह से दूसरे जगह किया गया है वहीं आदेश जारी होने उपरांत ही अब आदेश को लेकर अस्वीकार्यता देखने सुनने को मिल रही है और एक उप निरीक्षक तो नाराजगी और असहमती जताते हुए अवकाश पर ही चले गए हैं ऐसी भी जानकारी सूत्रों से मिल रही है। वैसे जो उप निरीक्षक आदेश जारी होते ही अवकाश पर चले गए हैं वह वर्तमान में बसदेई पुलिस चौकी प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे थे वहीं जारी आदेश में उन्हे कोतवाली भेजा गया है और यही उनकी नाराजगी की वजह है क्योंकि वह बिना प्रभार लिए या बिना प्रभारी रहे काम ही नही करते यह उनकी खासियत रही है और वह जब से नौकरी में हैं उन्हे प्रभार में ही रहने की आदत है चाहे सरकार भाजपा की रही हो या कांग्रेस की सभी में उनका जुगाड कायम रहा है और सभी दलों की सरकार में वह प्रभारी ही रहे हैं। अब जब उन्हे कोतवाली भेजा गया है जहां वह निरीक्षक के अधीन हो जाएंगे उन्हे यह बात नागवार गुजरी है और वह आदेश जारी होते ही अवकाश पर चले गए हैं।
प्रभारी रहने की आदत,अचानक किसी के अधीनस्थ होकर काम कैसे करेंगे क्या इस बात का डर सता रहा?
वैसे उप निरीक्षक जिन्हे चौकी से कोतवाली सूरजपुर भेजा गया है वह कोतवाली में काम करने तैयार नही है ऐसा सूत्रों का कहना है और इसलिए वह फिलहाल अवकाश पर हैं और ऐसी स्थिति को लेकर यह भी कहा जा रहा है की उन्हे प्रभारी ही रहने की आदत है वह बिना प्रभार किसी के अधीन होकर काम करने में खुद को असमर्थ मानते हैं या डरते हैं की उनकी कार्यप्रणाली जो अब तक स्वतंत्र रही है वह एकाएक अधीन हो जायेगी और उन्हे हर बात पर अनुमिति की भी जरूरत पड़ेगी वहीं उनके कार्यों पर निगरानी होगी इसलिए वह कहीं न कहीं भयभीत हैं। वैसे उनका डर अपने जगह अच्छा भी है क्योंकि पहली बार शायद उन्हे यह आभास होने जा रहा है की उनके पद के ऊपर भी एक पद है जो उन्हे अब नियंत्रित करने वाला है।
फिर से उप निरीक्षक लगाएंगे मंत्री के पास पैरवी और स्थानांतरण सूची में करने कहेंगे फेरबदल?
उप निरीक्षक बताया जा रहा है की अब स्वास्थ्य मंत्री की शरण में हैं और वह अब उनके पास पैरवी लगवा रहे हैं जिससे तबादला सूची पुनः उनके आदेश में संशोधन कर जारी किया जाए और उन्हे प्रभारी ही बनाया जाए।वैसे यदि उप निरीक्षक का तबादला प्रभारी के रूप में किया जाता है तो यह भी तय हो जायेगा की पुलिस विभाग में भी अनुशासन समाप्त हो गया और अब विभाग में भी नेतागिरी हावी हो गई है। वैसे पुलिस विभाग में नेतागिरी करने वाले यह उप निरीक्षक खुद के लिए तो नेतागीर करते ही हैं वह अन्य को भी स्वास्थ्य मंत्री के पास अपनी पकड़ बताकर बरगलाते हैं और उन्हे भी अनुशासन भंग करने की नसीहत देते हैं। उप निरीक्षक का तबादला यदि रुकता है या आदेश बदला जाता है तो यह तय हो जायेगा की उप निरीक्षक का जुगाड तगड़ा है और वह कानून व्यवस्था पुलिस के अनुशासन से ऊपर हैं और उनके ऊपर कोई नहीं है।
बसदेई क्षेत्र में बंद होंगे अवैध कारोबार,अब उम्मीद बढ़ी
उप निरीक्षक को बसदेई चौकी के प्रभारी पद से हटाए जाने के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है की अब चौकी अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में अवैध कार्य बंद होंगे और अब चौकी क्षेत्र में अवैध कारोबारियों का बेखौफ राज भी समाप्त होगा। वैसे माना यह भी जा रहा है की चौकी से एक प्रधान आरक्षक और एक आरक्षक को भी हटाए जाने की जरूरत है तभी चौकी क्षेत्र में अवैध कारोबार पूरी तरह बंद होंगे।
उप निरीक्षक एक ही जिले में बने बैठे रहे हैं वही उप निरीक्षक बनने उपरांत यह नक्सल क्षेत्र में भी सेवा प्रदान करने नहीं गए हैं…
बता दें की सूत्रों का यह भी कहना है की वह सीधे स्वास्थ्य मंत्री की शरण में जा पहुंचे हैं और उनका साफ निवेदन है की उन्हे प्रभारी ही बनाया जाए चाहे जहां का बनाया जाए। वैसे यह वही उप निरीक्षक हैं जो अब तक के सेवाकाल में एक सिपाही से उप निरीक्षक एक ही जिले में बने बैठे रहे हैं वही उप निरीक्षक बनने उपरांत यह नक्सल क्षेत्र में भी सेवा प्रदान करने नहीं गए हैं जबकि नियमानुसार इन्हे नक्सल क्षेत्र में भी कुछ वर्ष सेवा प्रदान करना आवश्यक है। वैसे किसी तरह उनका तबादला विभाग जब कर पाया तब उन्हे उस जिले से भी अन्य जिले भेजने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी विभाग को क्योंकि उन्होंने तबादला उपरांत तब भी एमसिबी जिले से सूरजपुर जिले जाने में कम सहमति जताई थी और अंत में वह तब ही सुरजपुर जिले गए जब उन्हे चौकी प्रभारी बनाया गया। वैसे बसदेई चौकी प्रभारी रहते हुए उन्होंने कोई विशेष कार्य कानून व्यवस्था के लिहाज से नहीं किया है वहीं उनके प्रभारी रहते हुए चौकी क्षेत्र में अवैध कारोबार जमकर फलाफुला है और एक बार तो खुद जिले के तत्कालीन कप्तान को चौकी क्षेत्र में जारी बड़े जुआ फड़ पर जिले की अन्य थानों की पुलिस बल से छापा डलवाना पड़ा था और लाखों रुपए नकद सहित कई जुआड़ी पकड़े गए थे। वहीं उस दौरान यह बात भी सामने आई थी की चौकी के पुलिसकर्मी जुआ फड़ को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं और इसीलिए चौकी के पुलिसकर्मियों को भनक भी नहीं लगी थी और छापा पड़ा जहां जुआड़ी और नकद रकम पकड़ी गई।


Share

Check Also

कोरबा@ युवती पर प्राणघातक हमला

Share चाकू मारकर बदमाश फरारकोरबा,24 नवम्बर 2024 (ए)। छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर में पूजा करने …

Leave a Reply