- सरगुजा संभाग के दो अच्छे कलेक्टरों को हटाने विधायक और मंत्रियों ने एक्सरसाइज की शुरू?
- क्या कलेक्टर को विधायक मंत्री की गलत बात भी माननी होगी…नहीं तो होगी उनकी छुट्टी?
- सरगुजा व सूरजपुर कलेक्टर को हटाने का प्रयास जारी…इन दोनों जिलों के कलेक्टर के अच्छे काम करने के बावजूद हटाने की कवायद जनप्रतिनिधियों के लिए ही नुकसानदायक
-भूपेन्द्र सिंह-
सरगुजा/सुरजपुर 26 जून 2024 (घटती-घटना)। जिला प्रशासन में कलेक्टर का पद लोकहित के लिए होता है जिसमें कलेक्टर की जिम्मेदारी होती है लोकहित में काम करना पर पिछले कुछ सालों से इस हित के लिए कलेक्टर नहीं भेजे जा रहे सिर्फ अपने मतलब व अपने काम को अपने हिसाब से करवाने के लिए मंत्री विधायक की मांग पर कलेक्टर भेजे जाते थे, जिस वजह से कई बार लोकहित में काम करने वाले अच्छे आईएएस को कलेक्टर बनने का मौका नहीं मिलता था,आईएएस आईपीएस के ट्रांसफर पोस्टिंग ही नेताओं के लिए कमाई के जरिया बन चुकी थी,ऐसा माना जा रहा था कि सरकार बदलने के बाद यह स्थिति खत्म हो जाएगी और एक अच्छे व्यवस्था के लिए कलेक्टर एसपी की पोस्टिंग जिले में होगी कुछ ऐसा देखने को भी मिला पहले चरण में, सूरजपुर कलेक्टर व सरगुजा कलेक्टर ने जनता के अनुरूप काम करना ज्यादा जरूरी समझा सही गलत को उसी हिसाब से उन्होंने तय किया, जिस वजह से जनता में उनकी छवि तो अच्छी बन गई पर वही निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को ऐसे कलेक्टर पसंद नहीं आ रहे हैं जबकि यह वह कलेक्टर हैं जो जनता के हित को लेकर और उनके न्याय के लिए काम कर रहे हैं और प्रशासन को जनता के लिए बेहतर कर रहे हैं, उससे जनता की दूरी समाप्त कर रहे हैं जो काफी अधिक बढ़ चुकी थी सूरजपुर कलेक्टर जहां अपने कार्यशैली को लेकर काफी कड़े अंदाज में काम कर रहे हैं ताकि जिले की व्यवस्था अच्छी रहे और लोग प्रशासनिक काम के लिए परेशान ना हो जिस वजह से लगातार उनकी बैठक होती रहती है और सभी कर्मचारियों को टाइम पर आने की हिदायत दी जाती है स्वास्थ्य विभाग को लेकर कलेक्टर काफी खड़ा रुख अपनाए बैठे हैं ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य मिल सके वही सरगुजा कलेक्टर ने तो आने के साथ ही सरकार को बड़ा फायदा पहुंचाया और शासन की बेस कीमती जमीन को भूमाफियाओं के कब्जे से वापस कराया इसके बावजूद भूमाफियाओं के साथ मिलकर जनप्रतिनिधि इन्हीं कलेक्टरों की छुट्टी करने के षड्यंत्र में लगे हुए हैं। बताया जा रहा है की भूमाफियाओं के पक्ष में जनप्रतिनिधि सामने आ भले नहीं रहे हैं लेकिन वह भूमाफियाओं को प्रशासन से कोई परेशानी न हो उनका भूमाफिया वाला काम चलता रहे इसके लिए उनका वह सहयोग कर रहे हैं और कलेक्टर को हटाने की कवायद भी कर रहे हैं जिससे कलेक्टर के हटते ही भूमाफिया फिर बेशकीमती शासकीय भूमि पर कब्जा कर लें और जिसमे से हिस्सा उन्हे मिल जाए।
क्या नियम के तहत चलने वाले कलेक्टर नहीं पसंद आते निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को?
अक्सर देखा गया है की जो कलेक्टर जनप्रतिनिधियों की हर जायज नाजायज मांग को लेकर अपनी सहमति देता है वह लंबे समय तक जिले में रहता है और उसे फिर से नया जिला मिलना भी तय रहता है। नियम से चलने वाले कलेक्टरों को कोई पसंद नहीं करता खासकर निर्वाचित जनप्रतिनिधि यह देखा जाता रहा है। अब सवाल यह है की क्या नियम से चलने वाले न्यायप्रिय कलेक्टरों को जनरतिनिधि जिले में नहीं रहने देने वाले। सरगुजा का मामला देखकर यही कहा जा सकता है।
भूमाफिया के मसीहा बने विधायक सरगुजा कलेक्टर को हटाने के लिए लगा रहे एड़ी चोटी का जोर
सूत्रों की माने तो सरगुजा विधायक सरगुजा कलेक्टर को हटाने एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। बताया जा रहा है सूत्रों द्वारा की सरगुजा विधायक भूमाफियाओं के पक्ष में कलेक्टर को ही हटाने अपनी ऊर्जा लगा रहे हैं जिससे भूमाफियाओं का साम्राज्य फिर से स्थापित हो सके जिले में जो अभी कलेक्टर सरगुजा के कारण ध्वस्त हो चुका साम्राज्य है। सरगुजा विधायक को लेकर बताया जा रहा है की वह रायपुर तक लगातार दौड़ लगा रहे हैं जिससे भूमाफियाओं को राहत मिल सके जो इस कलेक्टर के रहते नहीं मिलना तय है।वहीं माना जा रहा है की अभी हाल में ही जो जमीन भूमाफियाओं के कजे से शासन को वापस मिली है वह भी पुनः भूमाफियाओं को मिल सके यह भी उनका उद्देश्य है।
जहां राजमोहिनी भूमि कार्यवाही मामले में कलेक्टर को होना था सम्मानित तो वहां उन्हें हटाने की कवायद क्यों?
राजमोहनी देवी भवन के पीछे की शासकीय भूमि जो करोड़ों की भूमि थी को लेकर जब यह जानकारी सामने आई की वह जमीन कूट रचित दस्तावेज के सहारे बेच दी गई तब सरगुजा कलेक्टर ने मामले में संज्ञान लिया और तेजी से कार्यवाही कर जमीन को कजा मुक्त कराते हुए दोषियों को जेल भेजा। कार्यवाही में शासन को बेशकीमती जमीन का फायदा हुआ जिसे भूमाफियाओं ने बेच दिया था। मामले में जहां माना जा रहा था की कलेक्टर सम्मानित होंगे ऐसा न होकर अब उनके विरुद्ध उन्हे हटाए जाने की कार्यवाही हो रही है जो गंभीर विषय है एक इमानदार अधिकारी के हिसाब से सही नहीं है।
विधायक के आँख की किरकिरी क्यों बने सरगुजा कलेक्टर?
सरगुजा कलेक्टर अच्छा काम करने के बावजूद सरगुजा संभाग के एक विधायक की आंखों किरकिरी बन गए हैं ऐसा जन चर्चा बना हुआ है सूत्रों का कहना है कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अवैध अतिक्रमणधारी सहित भू माफिया और विधायक के खास है या काहे की गुर्गे है, भू माफिया के ऊपर कार्यवाही हुई जिस वजह से विधायक के पास भू माफिया उसे कलेक्टर को हटाने के लिए दवा बना दिए हैं और विधायक भी उसे दबाव में है जिस वजह से उन्हें कलेक्टर का अच्छा काम नहीं दिख रहा है जबकि वह शासन के लिए सही सरगुजा संभाग के लिए काफी फायदेमंद था, जो काम आज तक करेक्टर नहीं कर पाए वह भाजपा सरकार में पहली पोस्टिंग पाते ही सरगुजा कलेक्टर ने कर दिखाया इसके बावजूद विधायक की आंखों की किरकिरी बना समझकर परे है विधायक का किन भूमाफिया से है साठगांठ जल्द होगा खुलासा?
कुछ व्यापारियों का गलत काम करने से कलेक्टर का इंकार जिस वजह से सूरजपुर कलेक्टर को हटाने के लिए विधायक के प्रयास भी जारी
बताया जा रहा है की सरगुजा कलेक्टर के लिए जहां सरगुजा विधायक एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं की उन्हे हटाया जाए जिससे भूमाफियाओं का धंधा फिर से जारी हो सके वहीं सूरजपुर कलेक्टर को लेकर बताया जा रहा है की कुछ व्यापारियों का गलत काम नही करना सूरजपुर कलेक्टर को भारी पड़ सकता है क्योंकि व्यापारी इसकी शिकायत विधायक से कर चुके हैं और अब विधायक कलेक्टर को हटाने प्रयास जारी रखे हुए हैं। बताया जा रहा है की सूरजपुर कलेक्टर की कार्यप्रणाली साफ सुथरी है और जिसे लेकर कुछ लोगों को दिक्कत है क्योंकि उनका गलत काम नहीं हो पा रहा है इसीलिए ऐसे लोग विधायक की शरण में हैं और विधायक कलेक्टर को हटाने शासन और सरकार की शरण में हैं।
सरगुजा कलेक्टर लगातार अतिक्रमण के विरुद्ध कर रहे कार्यवाही जो जनप्रतिनिधियों के गुर्गो को नहीं आ रहा पसंद
सूत्रों की माने तो सरगुजा कलेक्टर अपने ही धुन में काम करने में लगे हुए हैं। वह लगातार अतिक्रमण के विरोध में कार्यवाही कर रहे हैं जो अतिक्रमण करने वालों को और जनप्रतिनिधियों के गुर्गों को रास नहीं आ रहा है। बताया जा रहा है इसीलिए जनप्रतिनिधि किसी भी हाल में सरगुजा कलेक्टर को सरगुजा से हटाने के जुगाड में लगे हैं। वैसे प्रदेश की भाजपा सरकार देश के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में काम कर रही है ऐसा सरकार ही दावा करती है वहीं प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार मुक्त भारत को लेकर एक अभियान चला रखे हैं ऐसे में यदि भाजपा के ही नेता भूमाफियाओं और अतिक्रमणकारियों के साथ मिलकर गलत काम करेंगे अतिक्रमण सहित शासकीय भूमि का गबन करेगें कैसे प्रधानमंत्री की भ्रष्टाचार मुक्त भारत अभियान को सफल बनाया जा सकेगा। वैसे केवल गैर भाजपा शासित राज्यों में ही भ्रष्टाचार मुक्त भारत अभियान जारी रहेगा वहीं भाजपा शासित राज्यों में यह अभियान शिथिल रहेगा यदि ऐसा है तो फिर सब कुछ जैसा चल रहा है वह सही है।
गुर्गो के कहने पर निर्वाचित जनप्रतिनिधि कलेक्टर को चाहते हैं बदलना
अपने ही गुर्गों के इशारे पर निर्वाचित जनप्रतिनिधि कलेक्टर को हटाना चाहते हैं। कलेक्टर वैसे बेहद कड़क मिजाज के हैं गलत कार्यों के मामले में वहीं यदि काम नियम अनुसार है वह काफी सरल सहज हैं और न्याय प्रिय हैं।
एक समाज विशेष का शहर में अतिक्रमण ज्यादा
शहर में एक समाज विशेष का अतिक्रमण ज्यादा है। माना जाता है की शहर के हर हिस्से में उनकी जमीन है और जमीन के साथ उनका कब्जा शासकीय भूमि पर भी कई जगह है। शहर में या उसके आसपास शरणार्थियों को भी भूमि दी गई है शासन द्वारा जिसे खरीदना बेचना मना है और ऐसी भूमि की भी खरीदी बिक्री होती रही है जिसमे भी एक समाज का ही ज्यादा हिस्सा है खरीदी में। कुल मिलाकर वह समाज चाहत ही नहीं की जमीन मामले में जांच हो कार्यवाही हो क्योंकि उसे उससे नुकसान है। माना जा रहा है इसीलिए वह जनप्रतिनिधि के साथ मिलकर कलेक्टर के खिलाफ उन्हे हटाने का षडयंत्र रच रहा है।