- छाीसगढ़ के सरगुजा में पुलिस को सात सायकल मालिकों,694 मोटरसाइकिल मालिकों की तलाश…
- सरगुजा पुलिस के 11 थानों में सालों से लावारिस हालत में मौजूद वाहनों के मालिकों की तलाश में जुटी है। जि़ले के 11 थानों में 700 के आसपास ऐसे वाहन हैं जिनके मालिकों का कोई पता नहीं चल रहा है। वाहनों में साइकल से लेकर चार पहिया वाहन शामिल हैं…
अंबिकापुर,24 जून 2024 (घटती-घटना)। जि़ला मुख्यालय के तीन थानों में ही 449 लावारिस टू व्हीलर,सबसे ज़्यादा गांधीनगर में सरगुजा जि़ले के 11 थानों में सालों से सैकड़ों वाहन मौजूद हैं,जिनके मालिकों का कोई पता नहीं है। अब तक जो टू व्हीलर के आँकड़े हैं उनकी कुल संख्या 694 हैं।इनमें से जि़ला मुख्यालय अंबिकापुर के तीन थानों में ही 449 लावारिस टू व्हीलर हैं।जि़ला मुख्यालय में सबसे ज़्यादा 220 टू व्हीलर जि़ले के गांधी नगर थाने में हैं, जबकि थाना कोतवाली में 164 टू व्हीलर हैं, जबकि मणिपुर थाने में 65 वाहन लावारिस की श्रेणी में हैं।
यह अंतिम संख्या नहीं हैः एस पी सरगुजा
एसपी सरगुजा योगेश पटेल ने द हिट डॉट इन से कहा है कि, यह अंतिम संख्या नहीं है। कप्तान योगेश पटेल ने कहा -“अभी भी हम प्रयासरत हैं कि, वाहनों के मालिक यदि मिल सकें तो हम उन्हें गाड़ी सुपुर्द कर दें। इसलिए जो संख्या अभी आपके पास है, वह अंतिम हैं, ऐसा नहीं है।यह संख्या घट भी सकती है।अभी भी गाडि़यों की लिस्टिंग जारी है, तो यह संख्या बढ़ भी सकती है।
साइकल और फोर व्हीलर भी लावारिस
जिले के सीतापुर थाना में जहां 118 टू व्हीलर हैं तो उसी थाने में ही एक फ़ोर व्हीलर भी है। थाना धौरपुर में सात साइकल हैं, पुलिस को उनके मालिकों का भी पता नहीं चल रहा है।
क्यों हैं लावारिस
गाडि़याँ अरसे से थाने परिसरों में मौजूद हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार अधिकांश वाहन पंद्रह से बीस साल बल्कि कुछ तो उससे भी पुराने समय से थाने में हैं।कुछ वाहन एक्सीडेंट की वजह से आए तो वारिसान ने उन्हें लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। कई बार वाहन लावारिस मिले।
इन वाहनों का होगा क्या
पुलिस की प्रचलित बोली में ऐसे लावारिस वाहनों को लादावा वाहन कहा जाता है। लादावा का अर्थ होता है वह संपçा जिसका कोई दावेदार ना हो। जब इन वाहनों के स्वामी का पता नहीं चलता है तो अंततः इन सबकी नीलामी होती है। लेकिन उसकी प्रक्रिया है। प्रक्रिया के तहत थाना प्रभारी संबंधित एसडीएम को ऐसे लावारिस वाहनों की सूची सौंपेंगे। सूची मिलने के बाद एसडीएम इश्तहार जारी करते हैं,जिसमें यह लिखा होता है कि, यदि कोई वाहन स्वामी है तो स्वामित्व के अभिलेख दिखा कर ले जाए। नियत समय तक जब कोई नहीं आता को नीलामी की प्रक्रिया शुरु होती है