रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट होगा सस्ता…
दूध पर एक टैक्स…
नई दिल्ली,23 जून 2024 (ए)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स
काउंसिल की पहली बैठक आज हुई। आम चुनाव में जीत के बाद मोदी 3.0 सरकार में जीएसटी की इस पहली बैठक में कई राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हुए। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि बैठक में व्यापार को आसान बनाने और करदाताओं
को राहत देने के लिए कई फैसले लिए गए हैं। इन फैसलों से व्यापारियों, रूस्रूश्वह्य और करदाताओं को लाभ होगा।
आज जीएसटी काउंसिल की बैठक में क्या अहम फैसले हुए
रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट अब जीएसटी के दायरे से बाहर
भारतीय रेलवे की ओर से आम आदमी को दी जाने वाली सेवाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने की सिफारिश की है। इसमें प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री, रिटायरिंग रूम और वेटिंग रूम की सुविधा, बैटरी चालित कार जैसी सेवाएं शामिल हैं। इसके अलावा इंट्रा-रेलवे सप्लाई को भी जीएसटी से छूट दी जा रही है।
सेक्शन 73 के तहत भेजे नोटिस पर ब्याज और जुर्माना होगा माफ
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, आज काउंसिल ने जीएसटी एक्ट की सेक्शन 73 के तहत जारी किए गए डिमांड नोटिसों पर ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है, जिसमें धोखाधड़ी, दमन या गलत बयानी से जुड़े मामले शामिल नहीं हैं। वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और
2019-20 के लिए सेक्शन 73 के तहत जारी किए गए सभी नोटिसों के लिए, परिषद ने उन डिमांड नोटिसों पर ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है, जो तामील हो चुकी है।
सोलर कुकर,दूध के कैन और कार्टन बॉक्स पर लगेगा 12 प्रतिशत टैक्स
जीएसटी काउंसिल ने दूध के कैन पर 12 फीसदी के दर से टैक्स लगाने की सिफारिश की है। इसके अलावा काउंसिल ने सभी कार्टन बॉक्स पर 12 फीसदी की दर निर्धारित की है। सभी सोलर कुकर पर भी 12त्न जीएसटी दर लागू होगी। साथ ही फायर स्पि्रंकलर सहित सभी प्रकार के स्पि्रंकलर पर भी 12 फीसदी जीएसटी की दर लागू होगी।
फेक इनवॉइस रोकने के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि फेक इनवॉइस पर रोक लगाने के लिए चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन लागू किया जाएगा।दरअसल, पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है। वहीं, राज्य सरकार द्वारा वैट वसूला जाता है। इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन लागत और डीलर कमीशन मिलाकर अंतिम कीमत आती है। उदाहरण के लिए मौजूदा समय में दिल्ली में पेट्रोल का बेस प्राइस 55.46 रुपये है। इस पर 19.90 रुपये की एक्साइज ड्यूटी, 15.39 रुपये का वैट लगता है। इसके बाद ट्रांसपोर्टेशन लागत और डीलर कमीशन क्रमश: 20 पैसे और 3.77 रुपये लगता है। ऐसे में अंतिम कीमत 94.72 रुपये निकलकर आती है। वहीं, दिल्ली में डीजल का बेस प्राइस 56.20 रुपये है। इस पर 15.80 रुपये की एक्साइज ड्यूटी, 12.82 रुपये का वैट लगता है। इसके बाद ट्रांसपोर्टेशन लागत और डीलर कमीशन क्रमश: 22 पैसे और 2.58 रुपये लगता है। ऐसे में अंतिम कीमत 87.62 रुपये होती है। अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो काफी फायदा होगा, क्योंकि जीएसटी की अधिकतम दर 28 प्रतिशत है। दिल्ली में पेट्रोल का बेस प्राइस 55.46 रुपये है। इस पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगा दी जाए तो टैक्स 15.58 रुपये बनता है। अगर ट्रांसपोर्टेशन लागत और डीलर कमीशन क्रमश: 20 पैसे और 3.77 रुपये जोड़ दिए जाए तो अंतिम कीमत 75.01 रुपये बनती है। ऐसे में पेट्रोल 19.7 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो सकता है।
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी,20 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकती हैं कीमतें
पेट्रोल-डीजल को लंबे समय से जीएसटी के तहत लाने की मांग की जा रही है। अगर ऐसा होता है तो देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ी कमी आ सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए पेट्रोल-डीजल को जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज) के तहत लाने के सवाल पर कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहती है। अब राज्यों को इसके बारे में फैसला लेना है और वे साथ आकर दरें तय करें।
अगस्त में होगी जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक
जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक अब अगस्त में होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बाकी बचे एजेंडे पर चर्चा के लिए काउंसिल की अगली बैठक अगस्त के मध्य में आयोजित करने का फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए एक मंत्रियों के समूह का गठन हुआ है, जो अगस्त में जीएसटी परिषद को रिपोर्ट देगा।