मनेद्रगढ़,19 जून 2024 (घटती-घटना)। मनेद्रगढ़ जो जिला मुख्यालय का शहर है, इन दिनों अवैध जुआ सट्टा के कारोबार के लिए कुख्यात हो चुका है। शहर के विभिन्न हिस्सों में खुलेआम सट्टेबाजी का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है, लेकिन पुलिस इस पर लगाम लगाने में पूरी तरह से विफल साबित हो रही है। शहर में अवैध सट्टेबाजी के इस गोरख धंधे का मुख्य सरगना पंकज को माना जाता है। उसके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगे हैं,लेकिन पुलिस अब तक उसे गिरफ्तार करने में नाकाम रही है। शहर के हर हिस्से में अवैध सट्टेबाजी की जानकारी आम जनता के बीच चर्चा का विषय बन चुकी है। जब भी किसी सट्टेबाज की सूचना पुलिस को दी जाती है,आरोपी पुलिस के पहुंचने से पहले ही फरार हो जाता है। यह स्थिति पुलिस की निष्कि्रयता या फिर उनकी मिलीभगत की ओर इशारा करती है? पुलिस की इस कोताही के पीछे कई सवाल उठते हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि पंकज गुप्ता की राजनीतिक पकड़ इतनी मजबूत है कि उसकी गिरफ्तारी से कई अन्य बड़े नाम भी बेनकाब हो सकते हैं? क्या पुलिस मुख्य खाईवाल को इसलिए नहीं पकड़ रही कि पुलिस की भी पोल न खुल जाए? मनेद्रगढ़ की जनता इस स्थिति से बेहद त्रस्त हो चुकी है। अवैध सट्टेबाजी का यह कारोबार केवल समाज में अपराध को बढ़ावा नहीं दे रहा है, बल्कि युवाओं को भी गलत दिशा में प्रेरित कर रहा है। यह सामाजिक संकट न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ी के भविष्य को भी दांव पर लगा रहा है।इस विकट स्थिति में यह अत्यंत आवश्यक हो गया है कि शासन-प्रशासन इस मामले पर त्वरित और सख्त कार्रवाई करे। इस गंभीर मसले की निष्पक्ष जांच के लिए एक स्वतंत्र जांच आयोग का गठन होना चाहिए,जो पुलिस और अन्य संबंधित अधिकारियों की भूमिका की गहनता से जांच करे। जांच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि समाज में अवैध सट्टेबाजी और अपराध की रोकथाम हो सके।
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