करने के जारी आदेश के बाद भी खुले आम हो रही रेत की चोरी
-राजा मुखर्जी-
कोरबा,18 जून 2024 (घटती-घटना)। जिले में मानसून आगमन को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रियूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद विभाग द्वारा रेत घाटों को बंद कर दिया गया हैं जो अब सीधे अक्टूबर में ही खुलेंगे। जिसका लाभ उठाते हुए रेत माफियाओं द्वारा अवैध तरीके से रेत का संग्रहण किया जा रहा है। वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास सहित अन्य निर्माण कार्य लंबित हैं, ऐसे में सर्वाधिक जरूरत और मांग के बीच रेत की किल्लत में अवैध कारोबारी लाभ कमाने में जुट गए हैं। रात के अंधेरे में हो या सरकारी छुट्टी के दिन उजाले में खुले आम छोटी छोटी ट्रकों में रेत की तस्करी किया जा रहा है । बता दें के जिले में अधिकृत रूप से 12 लोगों को ही खनिज विभाग ने भंडारण का लाइसेंस जारी किया है। इनमें से आधे के पास रेत का स्टाक ही नहीं है, जिसका फायदा उठाते हुए रेत तस्करों ने रेत का रेट बढ़ा दिया है। वहीं विभाग के आदेशों को ताक में रखकर नदी-नालों से रात के अंधेरों में रेत की चोरी को अंजाम देते हुए अवैध भंडारण किया जा रहा है, साथ ही पिछले सात दिनों में ही रेत के दाम भी प्रति ट्रैक्टर 1500 रुपये तक बढ़ा दिया है । क्योंकि एनजीटी के आदेश के साथ जिले में रेत घाटों को बंद बंद कर दिया गया है,जिस वजह से रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण एक बार फिर से जोर पकड़ने लगा है। 10 जून से एनजीटी के आदेश के बाद रेत घाट बंद हो गए हैं,जबकि जिले में 24 में से 16 घाट ही चल रहे थे। राज्य शासन ने अब रेत घाटों को ग्राम पंचायतों और निकायों को दे दिया है,पर कई घाट अब भी आपसी सहमति से ठेकेदार ही चला रहे हैं। दूसरी ओर रेत ठेकेदारों ने पहले से ही भंडारण करने लाइसेंस लिया हुआ है। इनमें से छह के पास लाइसेंस भी नहीं है,वहीं भंडारण की आड़ में रेत चोरी हो रही है साथ ही मांग को देखते हुए अब रेत के दाम भी 1500 से 3000 प्रति ट्रैक्टर कर दिया गया है । जिला खनिज अधिकारी प्रमोद कुमार नायक का कहना है कि एनजीटी के आदेश के अनुसार रेत घाट बंद है अब अक्टूबर में ही खुलेंगे। जहां तक रेत भंडारण का सवाल है उसका सत्यापन कराया जा रहा है। अधिक मात्रा पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी । साथ ही अवैध भंडारण के खिलाफ भी कार्रवाई करने की बात कही है ।