- ग्रामवासियों की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की थी घोषणा,राजपत्र भी हो चुका था प्रकाशित
- नगर पंचायत न बनाए जाने के विरोध में कुछ लोग गए थे उच्च न्यायालय की शरण में इसलिए रुक गई थी प्रक्रिया
- नगर पंचायत के विरोध में उच्च न्यायालय की शरण में गए लोग नहीं रख पाए अपना पक्ष खारिज हुआ मामला
-रवि सिंह-
कोरिया,17 जून 2024 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के ग्राम पंचायत पटना का नगर पंचायत बनना अब लगभग तय है और कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर अमल होना भी लगभग तय है क्योंकि उन्होंने ही ग्रामवासियों की मांग पर पटना एक कार्यक्रम में पहुंचने पर मंच से इसकी घोषणा की थी और जिसको लेकर राजपत्र का भी प्रकाशन हो चुका था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पटना के साथ ही एमसीबी जिले के ग्राम जनकपुर को भी नगर पंचायत बनाने की घोषणा की थी और वहां उन्होंने सरकार रहते हुए ही घोषणा पर अमल कर लिया था वहीं पटना के मामले में कुछ लोग जिसमे आदिवासी समुदाय के लोग शामिल थे जैसा बताया जा रहा है के द्वारा उच्च न्यायालय में इस मामले में वाद दायर किया गया था और पटना को नगर पंचायत न बनाए जाने को लेकर अपना विरोध दर्ज किया था जिसके कारण तब इसकी प्रकिया रुक गई थी जो अब पुनः प्रारंभ होती नजर आने वाली है क्योंकि बताया जा रहा है की उच्च न्यायालय से उन लोगों का वाद खारिज हो गया है जिन्होंने पटना नगर पंचायत के विरोध में वाद दायर किए थे। वैसे पूर्व की कांग्रेस सरकार के ही कार्यकाल में पटना एक तरह से नगर पंचायत घोषित हो चुका था और केवल कार्यालय खुलना और नगर पंचायत अनुसार ग्राम की सरकार का संचालन शेष बचा था जो अब संभव होगा ऐसा लगने लगा है। पूर्व बैकुंठपुर विधायक का तो नगर पंचायत गठन को लेकर पटना ग्राम में स्वागत सम्मान भी हो चुका था और जिस कार्यक्रम में भाजपा नेताओं ने भी पूर्व विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री की तारीफ में कसीदे पढ़े थे और उपस्थित होकर मंच पर बैठकर कांग्रेस की पूर्व विधायक के साथ नगर पंचायत के गठन की प्रक्रिया आरंभ होने के अवसर पर मुंह मीठा किया था।
अक्टूबर 2023 में नगर पंचायत गठन के लिए आवश्यक कार्यवाही हो चुकी थी पूर्ण,तत्कालीन विधायक का भी हुआ था सम्मान
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा अनुरूप वर्ष 2023 के अक्टूबर माह तक पटना ग्राम को नगर पंचायत का दर्जा मिल सके इसके लिए सभी आवश्यक कार्यवाहियां पूर्ण कर ली गई थीं। तत्कालीन मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल हो सके और वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में घोषणा का फायदा मिल सके इसलिए तेज गति से कार्यवाहियां आवश्यक पूर्ण की गईं जिससे चुनाव आचार संहिता पूर्व नगर पंचायत का दर्जा पटना को मिल सके। कार्यवाहियों को लेकर पूर्णता प्रक्रिया जारी ही थी की तब ग्राम पटना को नगर पंचायत न बनाए जाने को लेकर आदिवासी समुदाय के कुछ लोगों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और जिसके बाद प्रक्रिया रुक गई। बताया जाता है की यदि याचिका दायर नहीं होती पटना के नगर पंचायत के रूप में कार्यकाल का यह दूसरा वर्ष होता। वर्ष 2023 के अक्टूबर माह में ही पटना में तत्कालीन विधायक का स्वागत सम्मान कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था जो नगर पंचायत की घोषणा की वजह से ही किया गया था जो धन्यवाद स्वरूप आयोजित स्वागत सम्मान कार्यक्रम था। स्वागत सम्मान कार्यक्रम अक्टूबर माह वर्ष 2023 के 9 तारीख को किया गया था और तब ग्राम के ही व्यापारियों सहित कांग्रेस एवम भाजपा नेता कार्यक्रम में उपस्थित होकर तत्कालीन विधायक का स्वागत करते नजर आए थे। वहीं तत्कालीन विधायक ने स्वागत सम्मान कार्यक्रम में पटना को उसी दिन 9 अक्टूबर 2023 को ही नगर पंचायत कहकर संबोधित कर दिया गया था।
बेवजह का श्रेय न लें सत्ताधारी दल के विधायक,पटना को नगर पंचायत का दर्जा कांग्रेस सरकार की देन:विजय सिंह जिलाध्यक्ष आदिवासी कांग्रेस प्रकोष्ठ कोरिया
हाल ही में पटना को नगर पंचायत बनाए जाने को लेकर भाजपा से वर्तमान बैकुंठपुर विधायक भइयालाल राजवाड़े का प्रयास उप मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात और संबंध में उप मुख्यमंत्री का आश्वासन की जल्द नगर पंचायत बनाए जाने की प्रक्रिया आरंभ होगी को लेकर आदिवासी प्रकोष्ठ जिला कांग्रेस कमेटी कोरिया के अध्यक्ष विजय सिंह ने अपना बयान दिया है। विजय सिंह ने कहा की जब भाजपा शासनकाल में पूर्व में पटना को नगर पंचायत बनाए जाने की मांग होती थी तब भाजपा के ही मुख्यमंत्री मना कर देते थे और तब यही विधायक चुप रह जाते थे। वहीं कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री जो एक ही बार की मांग में वह भी केवल ग्राम के लोगों की मांग पर ही पटना को नगर पंचायत घोषित कर दिए जो यह बतलाता है की कांग्रेस की सरकार और मुख्यमंत्री कितने संवेदनशील थे आम लोगों की मांगों के प्रति। अब वही घोषणा कांग्रेस सरकार की पूर्व मुख्यमंत्री की पूरी होने जा रही है जो एक अवरोध की वजह से पूरी नही हो पा रही थी जो अवरोध हट गया तो वर्तमान विधायक बैकुंठपुर श्रेय लेने लगे। विजय सिंह ने कहा की भाजपा ने ही पटना के विकास को रोक रखा था वहीं वर्तमान विधायक भी इस क्षेत्र का विकास नहीं चाहते थे जिसके कारण पटना नगर पंचायत न बन सका अब वही खुद श्रेय ले रहे हैं क्योंकि उन्हे मालूम है की पटना नगर पंचायत बन चुका है पूर्व की सरकार के कार्यकाल में जो उनके लिए एक बड़ा सच है जिसे वह झूठ में नहीं बदल सकते।विजय सिंह ने यह भी कहा की पटना को उसका असली हक कांग्रेस शासन में मिल सका था और जिसको खुद पटना के भाजपा नेताओं ने स्वीकार किया था वरना वह तत्कालीन विधायक के स्वागत सम्मान कार्यक्रम में मंच पर बैठकर उन्हे धन्यवाद नहीं देते जब नगर पंचायत बनाने के लिए उनका स्वागत सम्मान किया गया था।
बैकुंठपुर के भाजपा विधायक पटना को नगर पंचायत बनाए जाने के लिए पुनः प्रयास किया शुरू…
बता दें की हाल ही में अब फिर यह बताया जा रहा है की बैकुंठपुर के भाजपा विधायक पटना को नगर पंचायत बनाए जाने के लिए पुनः प्रयास जारी कर रहे हैं और जिसके लिए उन्होंने नगरीय प्रशासन मंत्री साथ ही उप मुख्यमंत्री छाीसगढ़ शासन को मांग पत्र सौंपा है और जिसमे नगरीय प्रशासन मंत्री की तरफ से आश्वासन मिलने की बात बताई जा रही है। वहीं नगर पंचायत गठन को लेकर जो बात सामने आ रही है वह यह आ रही है की नगर पंचायत का गठन अब संभव हो चुका है क्योंकि उच्च न्यायालय में दायर याचिकाएं खारिज हो चुकीं हैं जो इसके विरुद्ध लगाई गईं थीं और याचिका खारिज होते ही अब नगर पंचायत का गठन तय है और अब इसीलिए इस मामले में वर्तमान भाजपा नेता और विधायक श्रेय लेना चाहते हैं जबकि घोषणा और उस घोषणा पर अमल पूर्व की कांग्रेस सरकार के ही कार्यकाल में आरंभ हो चुका था और केवल एक याचिका जो न्यायालय में दायर किया गया था की वजह से नगर पंचायत का गठन रुक गया था यह कांग्रेस नेताओं का कहना है। कुल मिलाकर अब नगर पंचायत पटना के गठन को लेकर श्रेय की राजनीति देखी जा रही है जिसमे कौन बाजी मार ले जायेगा यह देखने वाली बात होगी वहीं नगर पंचायत के रूप में किस दिन कार्यालय खुल पाता है यह भी देखने वाली बात होगी।
भेंट मुलाकात कार्यक्रम में पटना पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री ने 3 जुलाई वर्ष 2022 में पटना को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की थी
पटना ग्राम को नगर पंचायत बनाने की मांग वर्षों पुरानी थी। भाजपा शासनकाल में भी कई बार जब भाजपा 15 वर्ष तक लगातार साा में रही तब यह प्रयास भाजपा नेता करते रहे लेकिन तब भाजपा की सरकार ने पटना को नगर पंचायत बनाने से इंकार कर दिया। साा परिवर्तन उपरांत पटना को नगर पंचायत बनाए जाने का मामला कांग्रेस नेताओं के पास पहुंचा और इस मामले में कांग्रेस नेताओं ने काफी तत्परता दिखाई साथ ही मुख्यमंत्री से इस विषय पर निर्णय लेने की मांग की जिसपर मुख्यमंत्री सहमत हुए और उन्होंने घोषणा कर दी। बता दें की 3 जुलाई वर्ष 2022 के दिन भेंट मुलाकात के दौरान जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पटना पहुंचे तब उन्होंने पटना के लोगों की मांग पर पटना को नगर पंचायत का दर्जा मंच से ही प्रदान करने का निर्णय लिया और घोषणा कर दी। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद मामले में कार्यवाही भी तत्काल आरंभ हो गई थी। पटना पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री ने 3 जुलाई 2022 को पटना को तीन प्रमुख सौगातें प्रदान की गईं थीं जिसमे पटना को आत्मानंद विद्यालय की सौगात पटना में जिला सहकारी बैंक की स्थापना साथ ही नगर पंचायत की स्थापना की घोषणा प्रमुख थी जिसमे से आत्मानंद विद्यालय मात्र ही आरंभ हो सका था शेष दो घोषणाएं शेष थीं जिनमें से नगर पंचायत की घोषणा पर अब अमल होना तय नजर आ रहा है।
उच्च न्यायालय से खारिज हुई याचिका,अब पटना का नगर पंचायत बनना तय
उच्च न्यायालय से याचिका खारिज हो चुकी है जैसा सूत्रों का कहना है जो पटना को नगर पंचायत न बनाए जाने को लेकर दायर थी और उसी के साथ अब पटना का नगर पंचायत बनना तय है। अब श्रेय मात्र की होड़ में जो न विलंब हो वरना लगभग कार्यवाही पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही पूर्ण हो चुकी है।