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लखनपुर@बांध बनने के बाद भी किसानों को नहीं मिल रहा लाभ,टूटा नहर

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  • मनोज कुमार –
    लखनपुर,14 जून 2024 (घटती-घटना)। सरकार के द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करके गांव में बांध और नहर का निर्माण कर किसानों को खेती के लिए बेहतर सिंचाई व्यवस्था मुहैया करना है। परंतु जल संसाधन विभाग के अनदेखी के चलते किसान सिंचाई से वछित है,नहर से सिंचाई हेतु पानी उपलध नहीं हो पा रहा है। किसान मुआवजा पाने 35 वर्षों से दर-दर भटकने को मजबूर है और लगातार मुवाबजा पाने कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। कुछ ऐसा ही देखने को मिला सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड के ग्राम लोसंगा में जहा जल संसाधन विभाग के द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से बांध और नहर का निर्माण कराया गया। जिसके लिए किसानों का भूमि अधिग्रहण किया गया और किसानों को मुआवजा देना और सिंचाई हेतु पानी देना भूल गए। शासन बदला साा बदला जिला में कई अधिकारी आए परंतु आज तक भूमि स्वामियों को मुआवजा नहीं मिल सका। जिसे लेकर किसानों में आक्रोश व्याप्त है। 11 जून को किसानों ने संभाग आयुक्त जी आर चूरेंद्र के नाम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उदयपुर को ज्ञापन सोपा मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है। ज्ञापन में उल्लेखनीय है कि कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग 01 अंबिकापुर सरगुजा द्वारा लोसंगा योजना के डूब एवं नहर क्षेत्र हेतु राजस्व निरीक्षक मण्डल कुन्नी तहसील लखनपुर जिला सरगुजा के निजी भू स्वामियों की कुल रकबा 9.929 हेक्टेयर अर्जन हेतु प्रस्ताव कलेक्टर को प्रस्तुत किया था ।उक्त ग्राम में कुल 59 भू स्वामियों के कुल खसरा 80 कुल रकबा 8.540 हेक्टेयर के संबंध में अधिनियम की धारा 11 के तहत प्रारंभिक अधिसूचना का प्रकाशन कराया गया अधिसूचना का प्रकाशन छाीसगढ़ राजपत्र भाग 01 के पृष्ठ क्रमांक 759 पर दिनांक 10/ 9/ 2021 को हुआ ।शासन द्वारा भू स्वामियों को मुआवजा हेतु 15/9/2023 को आवर्ड पारित किया गया। उक्त जलाशय और नहर बनाने के लिए गरीब आदिवासी की कृषि भूमि शासन द्वारा सन 1989- 90 में अधिग्रहित किया गया था। जिसका शासन द्वारा आज पर्यतन 35 वर्षों तक अधिग्रहित भूमि का मुआवजा कृषकों को प्रदाय नहीं किया गया है। सन 1989- 90 की स्थिति में और आज की स्थिति में कृषि का मूल्यांकन में काफी अंतर है। विभागीय उदासीनता व लापरवाही के कारण गरीब आदिवासी कृषक तीन दशक से मुआवजा से वंचित है और कई कृषकों की मृत्यु भी हो गई है। गरीब आदिवासियों के कृषि भूमि का शासकीय प्रयोजन के लिए अधिग्रहित कर मुआवजा प्रदान नहीं करना मानव अधिकार का हनन है मुआवजा हेतु त्वरित कार्रवाई करते हुए एक माह के भीतर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करने ज्ञापन सोपा गया है।

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