क्या भेलवाडीह पहाड़ी कोरबा आश्रम में सपरिवार बना रखा है अपना आशियाना?
- सुदामा राजवाड़े-
बलरामपुर,13 जून 2024 (घटती-घटना)। सर्व विदित होगी की राष्ट्रपति के दाक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा के बच्चों के साक्षर बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा देशभर में स्कूल व हॉस्टल बनाकर उनका मुख्य धारा में जोड़ने का प्रयासरत है और इसके लिए सालाना बजट भी निर्धारित किया गया है। जिन पर कई क्षेत्र में कर्मचारियों की नियुक्तियां कर संतोष जनक उपलçधयां भी देखे जा सकते हैं। लेकिन छाीसगढ़ के बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत भेलवाडीह पहाड़ी कोरवा आश्रम के अधीक्षिका सुप्प्ला टोप्पो के द्वारा सूत्रों की माने तो लगता है अपना आधिपत्य जमाकर सपरिवार भरण पोषण का अड्डा बना रखा है।
सूत्रों के द्वारा बताया गया कि जब से सुप्पला टोप्पो का पदस्थापना पहाड़ी कोरबा आश्रम भेलवाडीह में हुआ है तब से वह यहां अपना हुकूमत चल रही है। सूत्र बताते हैं उक्त आश्रम में नौकरी में लगे दैनिक वेतन भोगीयो अपने घर में भी कार्य करवाया जाता है। यही नहीं जो पुराने दैनिक वेतन भोगी मजदूरों जिनके द्वारा उक्त आश्रम में वर्तमान में कार्य नहीं किया जा रहा है। उनके नाम पर भी वेतन निकाल कर उन्हें एक हजार देकर बाकी वेतन के रुपए अपने पास रख लेती है। सूत्र के द्वारा बताया गया कि वहां कार्य कर रहे दैनिक वेतन भोगी कर्मियों में इतना दहशत व्याप्त है इसलिए वह इनका विरोध नहीं कर पाते हैं और ना ही कहीं शिकायत कर पाते हैं। ऐसा कहना इसलिए लाजमी होता है कि उक्त आश्रम में कार्य कर रहे दैनिक वेतन भोगियों का एकमात्र सहारा उनके द्वारा कार्य करने के एवज में मिली मजदूरी से उनका परिवार का भी भरण पोषण होता है। साथ ही उन्हें कार्य से निकालने का धौंस दिखाय रखा है जिस कारण मजदूर उनके खिलाफ शिकायत करने से कतराते हैं। सूत्र बताते हैं कि मजदूरों का वेतन भी 8 महीने 9 महीने में मिलता है। वह भी एक दो महीने का वेतन रोक कर दिया जाता है। क्या भेलवाडीह कोरवा आश्रम के अधीक्षिका के उच्च अधिकारियों का वधहस्त प्राप्त है? जो डंके के चोट पर सब परिवार उक्त आश्रम में अपना पोषण करने में लगे हैं? अगर बात सही है तो क्यों नहीं जा रहा है उच्च अधिकारियों का ईश्वर ध्यान?