कोच्चि@रिटायर्ड डीजीपी को रेप पीçड़ड़ता की पहचान उजागर करना पड़ गया भारी

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कोच्चि,13 जून 2024(ए)।
केरल हाईकोर्ट ने अपनी पुस्तक ‘निर्भयम’ में रेप पीडि़ता की पहचान उजागर करने पर सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सिबी मैथ्यूज के खिलाफ एफ आईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा, पुस्तक में भले ही पीडि़ता का नाम स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया, लेकिन पीडि़ता के माता-पिता, पीडि़ता और उसके माता-पिता के रहने की जगह व पीडि़ता ने जिस स्कूल में पढ़ाई की, उसका विवरण विस्तार से बताया गया है। यह खुलासा प्रथम दृष्टया आईपीसी की धारा 228 ए के तहत दंडनीय अपराध को दर्शाता है। कोर्ट ने इस मामले में के.के. जोशुआ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्व डीजीपी के खिलाफ एफ आईआर का आदेश दिया है।
जोशुआ ने केस दर्ज न किए जाने पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को केस दर्ज करने का आदेश दिया। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा, पीçड़ता को ‘पीडिप्पिक्कापेट्टा पेनकुट्टी’ (छेड़छाड़ की गई लड़की) के रूप में संदर्भित करने के साथ-साथ उसकी व्यक्तिगत जानकारी विस्तृत रूप से पुस्तक में बताई गई है। यह रेप पीडि़ता की पहचान उजागर करती है। कोर्ट ने पुलिस को ललिता कुमारी फैसले के अनुपालन में एफआईआर दर्ज करने और जांच का आदेश दिया। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले मैथ्यूज को बाद में मुख्य सूचना अधिकारी नियुक्त किया गया।


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