- खुद के लोकसभा क्षेत्र से पराजित होने के बाद भाजपा केंद्रीय कार्यालय में जश्न मना रहे हैं स्वास्थ्य मंत्री व दो जिलों के जिलाध्यक्ष!
- लोकसभा जीतकर शामिल होते शपथ ग्रहण में तो बात ही कुछ और थी लेकिन हारकर भी हुए शामिल और कर रहे फोटो बाजी, क्या हार का नहीं है गम
- दो जिलाध्यक्ष…एक मंत्री…दो विधायक…फिर भी तीनों विधानसभाओं में मिली लोकसभा में करारी हार…कमियों की समीक्षा छोड़ जश्न में डुबे मंत्री सहित दो दो जिलाध्यक्ष
- जहां दो जिलाध्यक्ष व एक कैबिनेट मंत्री व दो विधायक को हार की जिम्मेदारी लेनी थी वहां जिम्मेदारी से भाग रहे दूर क्यों?
- लोकसभा प्रत्याशी को अपने क्षेत्र के तीनों विधानसभाओं से हराने के बाद किस मुंह से पहुंचे भाजपा के केंद्रीय कार्यालय स्वास्थ्य मंत्री व दो जिलाध्यक्ष?
- फोटो सोशल मीडिया में तस्वीर साझा कर खुद को बड़ा बतलाने की कोशिश, जबकि इन्होंने कर डाला है पार्टी का बंटाधार
- दोनो जिलाध्यक्षों के विधानसभा क्षेत्र में हुई है पार्टी की लोकसभा प्रत्याशी की हार
- दोनो जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में कमजोर हो गई दोनों जिले में पार्टी…महिमा मंडन करने की अजीब सी ललक है जिलाध्यक्ष कोरिया भाजपा को
- श्रेय खुद लेना और दोष दूसरे पर डालना आदत है उनकी इसलिए कार्यकर्ता भी हो गए हैं बिल्कुल मायूस
- जल्द नहीं हटाए गए दोनों जिलाध्यक्ष तो पंचायत चुनावों में भी पार्टी प्रत्याशियों की होगी हार
-रवि सिंह-
कोरिया/एमसीबी, 13 जून 2024(घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ 2023 विधानसभा में विभाजित कोरिया जिले के तीनो विधानसभाओं में भाजपा को जीत मिली थी भाजपा के तीन विधायक निर्वाचित होकर जनता की सेवा करने के लिए विधानसभा पहुंचे थे, उसमें से एक विधायक को सरकार बनते ही कैबिनेट में शामिल किया गया किसी को उम्मीद नहीं थी मनेंद्रगढ़ विधायक को कैबिनेट में सबसे बड़ा पद जो की स्वास्थ्य मंत्री का पद है दिया जायेगा, लेकिन जब उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया तो लोगों की लगा की हर जगह की स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होगी और प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग बेहतर काम करेगा लेकिन स्वास्थ्य मंत्री बनने के चार माह तक उनका कोई भी स्वास्थ्य विभाग के मामले में लोगों के बेहतर स्वास्थ्य मामले में ऐसा कोई काम नहीं देखने को मिला जिससे जनता संतुष्ट हो, यही वजह थी कि लोकसभा चुनाव में जिस अंतर से वह जीत दर्ज कर सके थे खुद के विधानसभा में उससे भी अधिक अंतर से भाजपा की प्रत्याशी को हार का समाना करना पड़ा, उनके विधानसभा से और उनके प्रभाव वाले दो अन्य विधानसभाओं से जिसकी आलोचना भी खूब हो रही है मंत्रिमंडल से उन्हें हटाने की भी बात सामने आ रही है, अब जब कोरबा लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी को मनेंद्रगढ़ विधानसभा से भी पिछड़ना पड़ा तब इसके बाद कई सवाल खड़े होने लगे, जहां पर मंत्री सहित विधायकों को इस मामले में समीक्षा करनी चाहिए थी वहां वह गोंडवाना पार्टी के वोट को कांग्रेस में शिफ्ट होने की बात करके अपने आप को बचाना चाह रहे हैं। हार के बावजूद भी जहां समीक्षा होनी थी वहां पर न जाने किस मुंह से स्वास्थ्य मंत्री वहीं दोनों जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष के केंद्रीय कार्यालय में हंसते हुए जश्न में मनाते दिखे, केंद्र में भले ही एनडीए सरकार बन गई हो पर अपना सांसद प्रत्याशी तो इन्होंने हरवा दिया? स्वास्थ्य मंत्री का तो यह हाल रहा की कांग्रेस समय के भ्रष्टाचार की भी जांच नहीं कर पाए ना ही कोई आदेश दे पाए, यहां तक की भ्रष्टाचार मचाने वाले अधिकारियों को भी हटा नहीं पाए और अब जब मंत्रिमंडल से उन्हे हटाए जाने का खतरा मंडरा रहा तो लगातार बैठक करके बता रहे कि अब वह प्रदेश के स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति व अपने मंत्री पद के प्रति जागरूक हो गए हैं और बैठक ले रहे हैं पर आज भी सवाल वही है की फिर 4 महीनों में उन्होंने क्या किया? मंत्री बनने के बाद उनके पास 4 महीने काम करने का समय था पर यह चार महीने उन्होंने क्या किया?
भाजपा के दो जिलाध्यक्ष भी केंद्रीय कार्यालय में मंत्री जी के साथ हंसते मुस्कुराते नजर आ रहे हैं वह किस हिम्मत और जज्बे से वहां जाकर जश्न पार्टी की जीत का सरकार गठन का मना रहे हैं यह भी सवाल है क्योंकि आधी हार उनके व्यवहार और उनकी एकला चलो की नीति से तय हो चुकी थी जिसमे लोकसभा प्रत्याशी उलझ गईं और वह नहीं समझ पाई की जिलाध्यक्ष अपने एकला चलो की नीति के कारण कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ भाजपाइयों के बीच ही विरोध झेल रहे हैं और उनका पार्टी में होना ही पार्टी के लिए नुकसानदायक है। वैसे पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की हार हुई है हार का कारण भी ज्ञात है जो शुरू से ही लोगों को आभास हो चला था और जिसकी लोग चर्चा भी आपस में कर रहे थे खासकर पार्टी के लोग और हुआ भी वही लेकिन उसके बावजूद मंत्री दो जिलाध्यक्ष पहुंच गए केंद्रीय पार्टी कार्यालय और जश्न में शामिल हो लिए। वैसे मंत्री जी मंत्री बने रहने की दौड़ में केंद्रीय कार्यालय दौड़ रहे हैं लेकिन क्या जिलाध्यक्ष भी जिलाध्यक्ष बने रहने के लिए दौड़ रहे हैं यह भी एक सवाल है वैसे सभी का कार्यकाल कैसा है यह चार महीने में समझ में आ चुका है और तय है की इनके नेतृत्व में अगला मौका पार्टी को इन जगहों पर नहीं मिलना है जो तय है,क्योंकि सीधे मुंह कार्यकर्ताओ से बात भी नहीं करते यह लोग यह कार्यकर्ताओं का ही कहना है।
काश खुद के विधानसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी को जिताकर शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होते जिलाध्यक्ष
कोरिया जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष विगत दिनों से खासकर मोदी पार्ट 3 के शपथ ग्रहण समारोह संपन्न होने के बाद से ही काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं सोशल मिडिया में और लगातार शपथ ग्रहण की वह तस्वीर साझा कर रहे हैं,तस्वीरों में उनके साथ राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और प्रदेश के ही सांसद जिन्हे केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया है वह मौजूद हैं और एक अन्य जिलाध्यक्ष भी मौजूद हैं जो एमसीबी नवीन जिले के प्रथम जिलाध्यक्ष हैं जो भी उनके साथ मौजूद हैं और तस्वीरों में दोनों देश की राजधानी में मौजूद हैं काफी उत्साहित हैं और प्रसन्न भी हैं यह समझ में आ रहा है। दोनों जिलाध्यक्ष मोदी पार्ट 3 का जश्न मना रहे हैं यह वह जता रहे हैं जबकि दोनों के ही जिले की तीनों विधानसभाओं से भाजपा की कोरबा लोकसभा प्रत्याशी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है और कहीं न कहीं भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी की हार इन्हीं दोनों जिले में बड़ी हार है और जिसकी संभावना भी पहले से ही व्यक्त की जा रही थी क्योंकि दोनों की एकला चलो नीति से कार्यकर्ता निराश थे और उन्हे चुनाव में जिम्मेदारी भी नहीं प्रदान की गई,सारी जिम्मेदारी अकेले ही जिलाध्यक्षों ने उठा ली थी अपने कंधे पर अपने घर परिवार के सदस्यों के कंधे पर और परिणाम यह हुआ की पार्टी प्रत्याशी बुरी तरह हार गईं। कोरिया जिले एमसीबी जिले में कार्यकर्ता संगठन और जिलाध्यक्ष अलग अलग चल रहे हैं एकजुटता का अभाव है यह पार्टी प्रत्याशी भी भांप चुकी थीं प्रचार के दौरान उन्हे यह आभास हो गया था की दोनों जिले में संगठन जिलाध्यक्षों की तानाशाही में निष्क्रीय हो चुका है इसलिए वह खुद ही दोनों जिले में ज्यादा से ज्यादा समय तक प्रचार अभियान में शामिल होती रहीं और कहीं न कहीं मोदी जी के गारंटी के नाम पर लोगों से मतदान की अपील करती रहीं। भाजपा की कोरबा लोकसभा प्रत्याशी को कांग्रेस की लोकसभा प्रत्याशी से आखिरकार हार का सामना करना पड़ा और वह भी तब जबकि कांग्रेस प्रत्याशी से ज्यादा उन्होंने चुनाव में मेहनत की।
बिना प्रत्याशी के जीत के ही खुशी मना रहे हैं दोनो जिलाध्यक्ष
खैर फिलहाल सोशल मिडिया पर जिलाध्यक्ष द्वय की तस्वीर कोरिया जिला भाजपा अध्यक्ष साझा कर रहे हैं, दिल्ली का उत्साह सरकार तीसरी बार बन सकी इसका उत्साह वह जाहिर कर रहे हैं और मंत्रियों से बड़े नेताओं से मुलाकात की तस्वीर शपथ ग्रहण समारोह की तस्वीर गेट पास की तस्वीर साझा कर रहे हैं और जिसके बाद यह भी लोगों की प्रतिक्रिया खासकर भाजपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं की प्रतिक्रिया दोनों जिले के समाने आ रही है की काश मेहनत करके अपना प्रत्याशी जीताकर ले जाते दिल्ली तब शामिल होते उत्साह से शपथ ग्रहण समारोह में, बिना प्रत्याशी के जीत के ही खुशी मना रहे हैं दोनो जिलाध्यक्ष अन्य पार्टी के कार्यकर्ताओं को पदाधिकारियों के साथ जहां दोनों को जाकर समीक्षा करने की जरूरत थी हार की दोनों दिल्ली में अकेले उत्साह मना रहे हैं जश्न मना रहे हैं। कार्यकर्ताओं को काफी आक्रोशित देखा जा रहा है अंदरखाने और दबी जबान में वह यह कहते भी सुने जा रहे हैं की यही एकला चलो की नीति अभी डुबाई है आगे फिर डूबाएगी। वैसे जब प्रदेश में सरकार रहते हुए जिले में मंत्री रहते हुए जिले से दोनों जिले से भाजपा प्रत्याशी की हार हुई जबकि पूरे प्रदेश में भाजपा की लहर थी मोदी की लहर थी यह कहना गलत नहीं होगा की जीत को हार में बदला गया कहीं न कहीं हार प्रायोजित की गई क्योंकि बड़े स्तर की नेता की जीत कोई भाजपा नेता नहीं चाहता था और खासकर जिलाध्यक्ष द्व्यय तो बिलकुल नहीं।
अपने सांसद प्रत्याशी को जीता नहीं पाए और भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में घूम रहे मंत्री जी व जिलाध्यक्ष दो जिले के किस मुंह से?
कोरबा लोकसभा सीट यदि भाजपा जीत जाती प्रदेश की सभी सीट भाजपा के खाते में आ जाती। बता दें की 11 में से 10 लोकसभा सीट प्रदेश में भाजपा ने जीती हैं और यह इसलिए संभव हो सका क्योंकि 10 सीटों पर मंत्री विधायक जिलाध्यक्ष सहित कार्यकर्ताओं के बीच आपसी तालमेल अच्छा था और वह बेहतर सामंजस्य के साथ चुनाव प्रचार करते रहे और उन्हे सफलता मिली।कोरबा लोकसभा सीट में सबसे खराब प्रदर्शन पार्टी का कोरिया जिले एमसीबी जिले में रहा।दोनो जिले में पार्टी अपने प्रत्याशी के लिए उतना भी मत नही जुटा पाई जितना उसे विधानसभा चुनाव में मिल सका था। बता दें की भले ही जिम्मेदार गोंडवाना पार्टी के वोटों को जिम्मेदार बता रहे हैं और उनका मानना है की इसीलिए हार हुई लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है की जिम्मेदारों के कारण हार हुई। जिन्हे जिम्मेदारी मिली थी उन्होंने किसी को विश्वास में नहीं लिया एकला चलने के चक्कर में पार्टी प्रत्याशी को उन्होंने चुनाव में हार का स्वाद चखने मजबूर कर दिया। अब अपनी सीट गवाने के बाद मंत्री दो जिलाध्यक्ष केंद्रीय कार्यालय में घूम रहे हैं पार्टी के और वरिष्ठ पदाधिकारियों से नव निर्वाचित सांसदों से मिलकर उन्हे बधाई दे रहे हैं।अब यह भी कहा जा रहा है की वह किस मुंह से वहां पहुंचे हैं,कार्यकर्ता जहां उदास है वहां मंत्री और दो जिलाध्यक्ष जश्न में डूबने की बजाए अपने अपने क्षेत्र में समीक्षा करते तो ज्यादा बेहतर होता और इसी वर्ष के पंचायत चुनाव के दौरान वह कारगर होता लोगों का यह कहना है।
कोरिया सहित एमसीबी में भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी की हुई है हार
बता दें की कोरबा लोकसभा क्षेत्र में आने वाले तीन विधानसभाओं के दो जिले कोरिया और एमसीबी ऐसे जिले हैं भाजपा के हिसाब से जिनके जिलाध्यक्ष दिल्ली मोदी पार्ट 3 के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे हैं। दोनों जिलाध्यक्ष अपने अपने जिले से पार्टी प्रत्याशी को बढ़त दिला पाने में असफल साबित हुए हैं और दोनों जिले की तीनों विधानसभाओं में पार्टी प्रत्याशी की करारी हार हुई है। अपने क्षेत्र में विधानसभा चुनाव का परिणाम जहां जिलाध्यक्षों को दुहरना था दोनों दोहरा पाने में असफल साबित हुए और उसके बावजूद दिल्ली पहुंच गए शपथ ग्रहण समारोह में।
क्या बना था खाद्य मंत्री बनाकर स्वास्थ्य मंत्री?
मनेन्द्रगढ़ विधायक को सबसे बड़ा पद यानी कि स्वास्थ्य विभाग दे दिया गया पर उनकी रुचि खाद्य विभाग में ज्यादा है क्योंकि वह खुद ही राइस मिलर है और उनकी राइसमिलरों से काफी अच्छी मित्रता है राइस मिलर संघ में वह पदाधिकारी भी रह चुके हैं आज भी राइस मिलर अपने किसी भी काम के लिए इन्हीं के पास जाना ज्यादा उचित समझते हैं ऐसा सूत्रों का कहना। ऐसे में सवाल यह उठने लगा है कि क्या उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाकर भाजपा ने गलत कर दिया उन्हें खाद्य मंत्री बनाना था ताकि राइस मिलरों का काम होता रहता और राइस मिल खुलते रहते, मंत्री के नाम पर राइस मिलर धमकी भी देते रहते हैं जैसा की एक धमकी देने का ऑडियो भी वायरल हुआ था। जनता को छोड़ व्यापारियों से ज्यादा गिरे रहते हैं स्वास्थ्य मंत्री।
भाजपा प्रत्याशी जितना मत प्राप्त कर सकीं वह अपने मेहनत के बलबूते प्राप्त की
बता दें की यह कहना कतई गलत नहीं होगा की भाजपा प्रत्याशी जितना मत प्राप्त कर सकीं वह अपने मेहनत के बलबूते प्राप्त कर सकीं वहीं वह मोदी गारंटी के बलबूते दोनों जिले में कुछ मत प्राप्त का सकीं, जिलाध्यक्षों के भरोसे उन्हे भाजपा के कर्मठ एवम जुझारू कार्यकर्ताओं का भी मत नहीं मिलता यह सभी की जुबानी कही जाने वाली बात है।
राइसमिलरों की गिरफ्त में मंत्री
मंत्री जी भले ही स्वास्थ्य मंत्री हैं लेकिन वह नब्ज राइसमिलरो का पढ़ना बेहतर जानते हैं यह बताया जाता है। बताया जा रहा है की मंत्री जी का खुद का राइस मिल है और उनके मंत्री बनते ही प्रदेश के सभी राइसमिलर अब पूरी तरह उन्हे गिरफ्त में ले चुके हैं।वैसे कौन किसके गिरफ्त में है यह कहना स्पष्ट रूप से आसान नहीं है लेकिन राइस मिलर पूरी तरह मनमानी पर उतर चुके हैं और उन्हे मंत्री जी के रहते हुए कोई भय नहीं है यह उनका साफ कहना है।बता दें की राइस मिलर मंत्री जी के नाम पर धमकाने का भी काम कर रहे हैं। हाल ही में एक राइस मिल खोलने जा रहा व्यापारी जनपद उपाध्यक्ष पति बैकुठपुर को धमकी दे रहा है फोन पर और जीने नहीं दूंगा कह रहा है मंत्री जी का नाम ले रहा है ऑडियो वायरल है सुना जा सकता है।मंत्री जी राइसमिलरो से पूरी तरह संपर्क में रहते हैं उनकी जायज नाजायज मांग पूरी हो यह राइस मिलर चाहते हैं जिसको लेकर मंत्री जी की भी सहमति उनके प्रति है यह सूत्रों का कहना है।
अपने अपने जिले में कार्यकर्ताओं के साथ करनी थी समीक्षा बैठक, हार के कारणों पर करना था मंथन लेकिन हार कर भी उत्साह प्रदर्शन करते आए नजर
कोरिया जिला और एमसीबी जिला दो ऐसे जिले हैं जिनके जिलाध्यक्ष अपने अपने जिले से भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी को सरकार प्रदेश में रहते हुए नहीं जीता पाए। ऐसा क्यों हुआ किस कारण हुआ चार महीने में क्यों जनता क्षेत्र की पार्टी से विमुख हुई यह एक बड़ा चिंतन था पार्टी के लिए जिलाध्यक्षों के लिए जो उन्हे करना था क्योंकि पूरे प्रदेश में कोरबा लोकसभा प्रत्याशी की ही हार हुई थी। हार के बाद जिलाध्यक्षों को कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा करनी थी की क्यों हुआ आखिरकार ऐसा और आगे पार्टी मजबूत हो इसको लेकर उन्हे प्रतिबद्धता अपनी कार्यकर्ताओं के साथ जाहिर साबित करनी थी लेकिन जिलाध्यक्षों ने ऐसा करने की बजाए दिल्ली जाना जरूरी समझा और दोनों दिल्ली में शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल नजर आए। जब चिंतन और मनन सहित पुनः एकजुटता स्थापित करने कार्यकर्ताओं को विश्वास में लेने साथ ही मतदाताओं के बीच पुनः विश्वास कायम करने का समय था जिलाध्यक्ष दोनों जश्न सरकार गठन में शामिल नजर आए और जिसका बखान सोशल मिडिया में करते नजर आए।
श्रेय में अपना नाम दोष में कार्यकर्ता का नाम जिलाध्यक्ष की है नीति,कार्यकर्ता इसलिए पार्टी से हो रहा दूर
कोरिया जिला भाजपा अध्यक्ष की नीति है की जब श्रेय की बात आए वह अपना नाम आगे कर देते हैं और जब कोई दोष समाने आता है वहां कार्यकर्ता का नाम वह बढ़ा देते हैं।उनकी यही आदत अब पार्टी को कमजोर कर रही है जिले में और अब पार्टी कार्यकर्ता पार्टी से विमुख हो रहा है। लोकसभा की हार के बाद कार्यकर्ता और उदास हुआ है क्योंकि कार्यकर्ताओं का मानना है की संसाधन मिलने के बावजूद उन्हें संसाधन प्रदान नहीं किया गया और अभाव में वह बेहतर कार्य न कर सके और प्रत्याशी की हार हुई,वैसे कुछ का कहना यह भी है की खेला हुआ और प्रत्याशी को निपटाया गया।
खुद नैतिकता दिखाते हुए पद का करेंगे त्याग या पार्टी दिखाएगी बाहर का रास्ता,इनके हटते ही भाजपा होगी मजबूत
भाजपा कोरिया और एमसीबी जिले के जिला अध्यक्षों को खुद हटाएगी या वह नैतिकता के आधार पर हार की जिम्मेदारी लेकर स्तीफा देंगे यह देखने वाली बात होगी।वैसे कार्यकर्ताओं की माने तो उनका मानना है की कोरिया एमसीबी में भाजपा के जिलाध्यक्ष दोनों जगहों से रह चुके हैं फिलहाल अलग अलग जिला होने से अलग अलग जिलाध्यक्ष हैं,पहले के जिलाध्यक्ष पार्टी के लिए लाभदायक साबित होते थे क्योंकि उनकी कार्यप्रणाली बेहतर थी वह कार्यकर्ताओं के साथ सामंजस्य बनाकर चलते थे वहीं वर्तमान के दोनो कार्यकर्ताओं से दूरी बनाए रखने में ही दिमाग लगाए रहते हैं। वैसे इनकी एकला चलो की नीति का नुकसान भाजपा को हो चुका है और अब आगे न हो इसलिए इनका हटना जरूरी है यह कार्यकर्ता दबी जबान में कह रहा है।
तस्वीर साझा कर खुद को श्रेष्ठ साबित करने में लगे हैं जिला भाजपा अध्यक्ष,जबकि पार्टी का अपने कार्यकाल में कर चुके हैं बंटाधार
कोरिया जिला भाजपा अध्यक्ष आजकल सोशल मिडिया में छाए हुए हैं और यह प्रयास वह खुद कर रहे हैं तस्वीर साझा करके।तस्वीर साझा करके जिसमे वह हमेशा बड़े नेताओं के साथ ही नजर आते हैं की वह श्रेष्ठ हैं पार्टी के सबसे वरिष्ठ हैं।खुद की श्रेष्ठता साबित करने के चक्कर में वह पार्टी का बंटाधार कर चुके हैं और लोकसभा चुनाव परिणाम उसका उदाहरण है।पार्टी के जिलाध्यक्ष को आम कार्यकर्ताओं के साथ भेंट मुलाकात की तस्वीर खींचकर साझा करनी चाहिए जिससे उनका मनोबल ऊंचा हो वहीं जिलाध्यक्ष कोरिया कार्यकर्ताओं से दूर रहते हैं बड़े नेताओं के करीब उन्हे ज्यादा आनंद मिलता है। पार्टी का बंटाधार इसीलिए जिले में हुआ है क्योंकि जिलाध्यक्ष वहीं शामिल होते हैं सहज रहते हैं जहां उन्हे बड़े लोगों का सानिध्य मिलता है आम लोगों और कार्यकर्ताओं के बीच उनकी असहजता यह बताती है की वह आम नहीं खास हैं और खास ही बड़े ही लोग उन्हे पसंद हैं।
कोरबा लोकसभा क्षेत्र की प्रत्याशी रही राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ एक भी तस्वीर नही नजर आई जिलाध्यक्ष की
कोरबा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थीं जिन्हें भाजपा की आंतरिक रूप से संगठन में व्याप्त कमियों के कारण हार का मुंह देखना पड़ा। कोरिया जिला भाजपा अध्यक्ष इस बीच नई केंद्रीय सरकार के शपथ ग्रहण में शामिल होने पहुंचे और जहां उन्होंने जमकर फोटोग्राफी कराई और जिसे वह अब सोशल मिडिया पर साझा कर रहे हैं।जिलाध्यक्ष का इस बीच एक भी फोटो हारी हुई प्रत्याशी के साथ नजर नहीं आई न उनसे मुलाकात का कोई जिक्र ही जिलाध्यक्ष ने किया है कहीं। बता दें की भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं कोरबा से हार चुकी भाजपा प्रत्याशी ऐसे में उनका कद अभी छोटा नहीं हुआ है पार्टी में और उनसे दिल्ली जाकर भी कार्यक्रम के दौरान न मिलना जिलाध्यक्ष का बताता है की उन्हे चुनाव में निपटाया गया है न की उनकी हार हुई है।
यू ट्यूबर जैसा नजर आया सोशल मडिया पर कोरिया भाजपा जिलाध्यक्ष का दिल्ली दौरे का व्याख्यान,एंट्री पास की तस्वीर भी डालना नहीं भूले जिलाध्यक्ष
भाजपा जिलाध्यक्ष कोरिया का सोशल मिडिया एकाउंट देखने के बाद एक बात ही लोगों के जबान से निकल रही है की जिलाध्यक्ष किसी यू ट्यूबर जैसा अकाउंट चलाते नजर आए दिल्ली दौरे के दौरान शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान और उन्होंने उस एंट्री पास की भी तस्वीर साझा कर दी सोशल मिडिया पर जो उन्हे शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जारी हुई थी। बता दें की कई तस्वीरों को उन्होंने साझा किया है।वैसे उन्होंने अपने साथ कई बड़े नेताओं की भी तस्वीर साझा की जिसमें स्वास्थ्य मंत्री प्रदेश सरकार और केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू के साथ की उनकी तस्वीर शामिल है। जिलाध्यक्ष ने पूरी तरह सोशल मीडिया पर साबित किया है की वह आमंत्रण पाने में वाले गिने चुने लोगों में से एक हैं और वह खास हैं जिले के अन्य भाजपाइयों से।