बलौदाबाजार@बलौदा बाजार हिंसा के बाद बदले गए कलेक्टर-एसपी

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बलौदाबाजार 12 जून 2024 (ए)।
बलौदाबाजार में हुई हिंसा मामले में मंगलवार की रात सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटा दिया. जिसमें कलेक्टर कुमार लाल चौहान के जगह पर दीपक सोनी को पदस्थ किया और पुलिस अधीक्षक सदानन्द कुमार के जगह पर विजय अग्रवाल को पुलिस अधीक्षक का प्रभार सौंपा. वहीं नियुक्ति के बाद दोनों ही अधिकारियों ने आज बलोदाबाजार पहुंचकर पदभार ग्रहण किया. इस दौरान दोनों ने घटनास्थल का जायजा लिया. साथ ही जिले वासियों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.
कलेक्टर दीपक सोनी ने संयुक्त जिला कार्यालय का निरीक्षण कर हुए नुकसान के साथ ही जिला कार्यालय में चल रहे मरम्मत कार्य का जायजा लिया. साथ ही मरम्मत कार्य को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया. इस दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि जल्द ही सारी व्यवस्थाओं को ठीक कर कामकाज फिर से शुरू किया जाएगा. सभी अधिकारी कर्मचारी की यही प्राथमिकता है कि जन सहभागिता के साथ यहां के लोगों को ज्यादा से ज्यादा राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए पूरा जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है.
एसपी विजय अग्रवाल ने एसपी कार्यालय का निरीक्षण कर घटना में हुई क्षति की जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के आदेश का पालन करते हुए पुलिस अधीक्षक के रूप में ज्वाइन किया हूं. पदभार ग्रहण करने के बाद सहयोगियों के साथ बातचीत करके पूरे घटना की जानकारी ली. घटना से संबंधित वायरल हो रहे वीडियो को लेकर एसपी अग्रवाल ने कहा कि इसका आकलन किया जाएगा. उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. उपद्रवियों की गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने कहा कि इसकी भी विवेचना में कई सारे प्रक्रिया होते हैं. उसमें गिरफ्तारी भी एक प्रक्रिया है. जिस तरह से सबूत पाए जाएंगे उसके आधार पर गिरफ्तारी की जाएगी.


छत्तीसगढ़ के आईपीएस बिरादरी में विजय अग्रवाल ऐसा निर्विवाद नाम है, जिन्हें सरकार कोई भी हो…हर डीजीपी और खुफिया चीफ चाहते हैं कि जिले में वे एसपी रहे…तो ईओडब्लू चीफ चाहते हैं विजय अग्रवाल जैसा अफसर उनके पास हो। तभी सीएम हाउस में हुई हाई लेवल मीटिंग में सभी का एक ही मत था…इस सिचुएशन में विजय से बेहतर कोई नहीं।
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 80 किलोमीटर दूर बलौदा बाजार में हुई तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा के बाद सीएम विष्णुदेव सरकार ने कल सख्त तेवर दिखाते हुए जिले के कलेक्टर, एसपी को हटा दिया। एसएसपी सदानंद की जगह अंबिकापुर के एसपी विजय अग्रवाल को बलौदा बाजार का नया पुलिस कप्तान
अपाइंट किया गया। विजय अग्रवाल को सरकार ने तुरंत ज्वाईन करने का एक लाइन का प्वाइंट दिया था। लिहाजा, उन्होंने आज सुबह सरगुजा आईजी के समक्ष रिलिविंग देते हुए बलौदा बाजार के लिए रवाना हो गए। विजय ने आज दोपहर बलौदा बाजार में ज्वाइन भी कर लिया।


विजय अग्रवाल को छत्तीसगढ़ पुलिस में तुरुप का इक्का कहा जा सकता है। सरकारें कोई भी हो, जब भी कोई क्रायसिस आता है, विजय अग्रवाल को वहां भेजा जाता है। बीजेपी की सरकार के समय 2018 में बिलासपुर में कांग्रेस नेताओं पर लाठी चार्ज
हो गया था। एडिशनल एसपी का ट्रांसफर समेत बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियो के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। इसके बाद कोई पुलिस अधिकारी बिलासपुर जाना नहीं चाहता था। क्योंकि, वहां कांग्रेस नेताओं द्वारा बडा प्रदर्शन चल रहा था। तब रमन सरकार ने विजय अग्रवाल को भेजा। पिछली सरकार में वे जशपुर एसपी थे। जांजगीर में भीम आर्मी का प्रदर्शन और चक्का जामा चल रहा था। तब वहां के एसपी को हटाकर विजय को जांजगीर भेजा गया। जांजगीर जैसे जिले में विजय अग्रवाल सब कुछ ठीक कर दिया। कांग्रेस नेताओं के झगड़े में अंबिकापुर की पोलिसिंग ध्वस्त हो गई थी। सो, विष्णुदेव सरकार ने विजय को इसी साल जनवरी में अंबिकापुर भेजा था।


छत्तीगसढ़ में बेसिक पोलिसिंग के जानकार माने जाते हैं विजय अग्रवाल। इंवेस्टिगेशन में भी खासी पकड़। नियमित थानों का निरीक्षण, देर रात तक गश्त, थानेदारों की मानिटरिंग, उनका शगल है। जिस जिलों में पोस्टेड रहे हैं, बड़े-बड़े मामलों को उन्होंने सुलझा दिया। जांजगीर में व्यापारी की हत्या के जटिल केस को उन्होंने हफ्ते भर में पर्दाफाश कर आरोपी आटो चालक को गिरफ्तार कर लिया था। दरअसल, आटो वाले ने झारखंड के एक व्यापारी की रात में हत्या कर उसके शव में अपने कपड़े पहना दिया और खुद उसका कपड़ा पहन कोरबा के होटल में छिप गया। सिर चूकि कुचल डाला था, इसलिए चेहरा बिगड़ चुका था। लोग समझे के आटो वाले की हादसे में मौत हो गई। आटो चालक के घर वालों ने उसका अंतिम क्रिया करने के साथ ही दशगात्र वगैरह करने की तैयारी में लग गए थे। मगर विजय अग्रवाल का माथा ठनका। उन्होंने इस केस की खुद विवेचना की। और आटो चालक को पकड़ने के बाद मर्डर मिस्ट्री के खुलासे हुए उससे पुलिस महकमा सन्न रह गया था।


बलौदा बाजार हिंसा के बाद मुख्यमंत्री निवास में हाई लेवल मीटिंग बुलाई गई थी। इसमें नए एसपी पर भी चर्चा हुई। सभी ने एक सूर में विजय अग्रवाल का नाम सुझाया। तब मीटिंग में किसी ने कहा कि विजय को अंबिकापुर गए अभी छह महीने भी नहीं हुए हैं। मगर और कोई दूसरा नाम ऐसा दिखाई नहीं पड़ रहा, जो बलौदा बाजार में हालात को पटरी पर ला सके। ऐसे में, डीपी से लेकर इंटेलिजेंस चीफ, आईजी समेत सभी ने विजय अग्रवाल का नाम प्रपोज किया। विजय जशपुर के एडिशनल एसपी रहे हैं और एसपी भी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय उनकी वर्किंग को पर्सनल जानते हैं। तभी सरकार बदलने के बाद भी उन्हें जांजगीर से चुनौतीपूर्ण जिला अंबिकापुर का दायित्स सौंपा था। और अब बलौदा बाजार के लिए उनके नाम पर अंतिम मुहर लगाने में उन्होंने देरी नहीं लगाई।


आईपीएस विजय अग्रवाल का एसपी के तौर पर चौथा जिला होगा। जशपुर उनका पहला जिला था, उसके बाद जांजगीर और सरगुजा। और अब बलौदा बाजार। वे लंबे समय तक राजधानी रायपुर के एडिशनल एसपी रह चुके हैं।


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