नईदिल्ली@ब्लूप्रिंट तैयार,अब होगा अंतिम प्रहार

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नईदिल्ली,11 जून 2024 (ए)।
एस जयशंकरशपथ ग्रहण समारोह के बाद मोदी सरकार के मंत्रियों ने कमान संभाल ली है। चार्ज लेने के बाद ही मंत्री एक्शन में नजर आ रहे हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अपने इरादे साफ करते हुए तीसरे टर्म में क्या-क्या होगा, उसकी तस्वीर भी साफ कर दी है। मंगलवार को जयशंकर ने कहा कि भारत, चीन के साथ सीमा पर बाकी मुद्दों को सुलझाने पर फोकस करेगा।
पूर्वी लद्दाख में चार साल से ज्यादा वक्त से जारी सीमा विवाद के कारण दोनों देशों के संबंधों में काफी तनाव आया है। विदेश मंत्री के रूप में कामकाज संभालने के कुछ ही समय बाद जयशंकर ने पाकिस्तान से होने वाले सीमापार आतंकवाद का जिक्र किया और कहा कि इस चुनौती से निपटने की कोशिशें की जाएंगी.।
जयशंकर के अलावा राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी और निर्मला सीतारमण समेत कुछ सीनियर बीजेपी नेताओं को वही जिम्मेदारी सौंपी गई हैं, जो 2019 में उनके पास थीं। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत प्रथम और वसुधैव कुटुम्बकम भारतीय विदेश नीति के दो दिशा निर्देशक सिद्धांत होंगे। चीन के साथ संबंधों पर जयशंकर ने कहा कि उस देश की सीमा पर कुछ मुद्दे बने हुए हैं और उन्हें सुलझाने की कोशिश की जाएगी।. उन्होंने कहा, चीन को लेकर हमारा फोकस इस बात पर होगा कि बाकी मुद्दों को कैसे सुलझाया जाए।
भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच मई 2020 से गतिरोध जारी है और सीमा विवाद का पूरी तरह समाधान अभी तक नहीं हो पाया है. हालांकि, दोनों पक्ष कई टकराव वाले बिंदुओं से पीछे हट गए हैं।उन्होंने कहा, भविष्य की ओर देखते हुए, मैं निश्चित रूप से सोचता हूं कि प्रधानमंत्री ने हमें जो दो सिद्धांत दिए हैं- भारत प्रथम और वसुधैव कुटुम्बकम-ये भारतीय विदेश नीति के दो मार्गदर्शक सिद्धांत होंगे।
उन्होंने कहा, हम सभी को पूरा विश्वास है कि यह हमें विश्व बंधु के रूप में स्थापित करेगा।-एक ऐसा देश जो बहुत अशांत दुनिया में है, एक बहुत विभाजित दुनिया में है, संघर्षों और तनावों की दुनिया में है। . यह वास्तव में हमें एक ऐसे देश के रूप में स्थापित करेगा जिस पर कई लोगों का विश्वास है, जिसकी प्रतिष्ठा और प्रभाव बढ़ेगा, जिसके हितों को आगे बढ़ाया जाएगा।
जयशंकर ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने पिछली सरकार में काफी अच्छा काम किया है और मंत्रालय में एक बार फिर काम करना उनके लिए गौरव की बात है।उन्होंने कहा, मेरे लिए यह बहुत सम्मान और सौभाग्य की बात है कि मुझे एक बार फिर विदेश मंत्रालय की अगुआई करने की जिम्मेदारी दी गई है। पिछले कार्यकाल में इस मंत्रालय ने वास्तव में असाधारण प्रदर्शन किया था।


पाकिस्तान को लेकर नई सरकार के रुख के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने अहम मुद्दे के रूप में सीमापार आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के समर्थन के बारे में बताया। उन्होंने कहा, पाकिस्तान के साथ हमारा आतंकवाद का मुद्दा है -सीमा पार आतंकवाद- हम इसका समाधान कैसे ढूंढ़ सकते हैं.। यह एक अच्छे पड़ोसी की नीति नहीं हो सकती। विदेश मंत्री ने सरकार की विदेश नीति की प्राथमिकताओं के बारे में भी बताया।


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