कोरिया@सूदखोर राजू खान की कब होगी गिरफ्तारी?

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-रवि सिंह-
कोरिया,10 जून 2024 (घटती-घटना)।
कोरिया जिले में सूदखोरी का कारोबार लंबे समय से चलता आ रहा है और यह कारोबार एसईसीएल क्षेत्र में ज्यादा चलता देखा जाता था और जो आज भी जारी है। पहले कर्मचारी ज्यादा थे तो सूदखोरी का धंधा करने वाले भी ज्यादा थे अब कर्मचारी कम हैं तब भी धंधा यह जारी है वहीं सूदखोर भी कम हो गए हैं। सूदखोर कम जरूर हो गए हैं लेकिन जीतने भी सूदखोर हैं जिले में उनका आतंक कम नही हुआ है। कोरिया जिले में ऐसा ही एक नाम है राजू खान का जिसके ऊपर आधा दर्जन के लगभग अपराध दर्ज है लेकिन वह कार्यवाही से पहले फरार हो जाता है।
बता दें की वह जिले के एसईसीएल कर्मचारियों को पहले याज पर पैसा देता है फिर वह मनमुताबिक उनका वेतन उपयोग करता है।बताया जाता है की राजू खान के गिरफ्त में फंस चुके ऐसे लोग जो उससे याज पर पैसे ले चुके हैं वह अपने कमाई का उपयोग राजू खान के अनुसार कर पाते हैं,महीने का मिलने वाला वेतन राजू खान बैंक से निकालता है याज पर पैसे लेने वाले लोगों का चेक बुक और उनका एटीएम राजू खान ही रखता है और जब वेतन आता है वह पैसा बैंक से निकाल लेता है और वह अपने मुताबिक पैसा उन्हे देता है जो उसके कर्जदार हैं। मूलधन से ज्यादा याज चुका देने के बावजूद भी राजू खान का दिया हुआ कर्ज आज भी लोगों के सर पर खड़ा है और प्रतिदिन वह दुगुना तिगुना स्वरूप ले रहा है। बताया जाता है की कई लोग कई गुना पैसा चुकाने के बाद भी जब अपना एटीएम या चेकबुक वापस मांगते है उन्हे वह वापस नहीं मिलता वहीं उसकी जगह धमकी मिलती है। राजू खान के विरुद्ध जितने भी अपराध दर्ज हैं वह सभी सूदखोरी के दर्ज हैं और जिनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। लोग उसके चंगुल में फंसकर बर्बाद हो जा रहे हैं और वहीं राजू खान इन सबके बीच मजे से अपना धंधा चला रहा है उसे किसी की बरबादी से कोई सरोकार नहीं है। राजू खान एक ऐसा सूदखोर है जिले है जिसका धंधा जिले के सभी एसईसीएल क्षेत्र में संचालित है और वह सभी कालरी क्षेत्र में अपना धंधा बेधड़क संचालित कर रहा है। राजू खान को लेकर सूत्रों का यह भी दावा है की उसको पुलिस विभाग में एक गुप्तचर मिल चुका है जो उसका सहयोग भी करता है और उसके विरुद्ध कार्यवाही या शिकायत होने की स्थिति में वह कार्यवाही से पूर्व उसे सूचना भी दे देता है। पुलिस विभाग में कार्यवाही की सूचना देने वाला उसका सहयोगी कौन है यह जानकारी पुलिस को भी लगानी चाहिए क्योंकि कई मामलों में वह अपराधी है और फिलहाल वह फरार है। राजू खान जिले की कानून व्यवस्था को खुलेआम चुनौती दे रहा है और वह निडर होकर धंधा चला रहा है। राजू खान से चंगुल में फंसे लोग दाने दाने के मोहताज हो चुके हैं। वह जब परेशान होकर कानून की मदद मांगने पहुंचते हैं उन्हे न्याय इसलिए नहीं मिल पाता क्योंकि राजू खान का गुप्तचर बनकर पुलिस विभाग की सूचना उसे देने वाला उसे सूचना देकर सतर्क कर देता है। अब जब राजू खान का आतंक लगातार जिले में बढ़ रहा है देखना यह है की क्या नए पुलिस अधीक्षक उसका धंधा बंद करा पाते हैं? लोगों को उसके चंगुल से बचा पाते हैं। वैसे पिछले जितने भी अधिकारी आए उन्होंने राजू खान के मामले में ज्यादा सक्रियता नहीं दिखाई गंभीरता नहीं दिखाई जिस वजह से वह आज इस स्थिति में पहुंच चुका है की वह लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा है वह भी उनका जो उससे कर्ज लेकर कुछ जरूरत पूरी कभी किए हैं और वह उससे कई गुना ज्यादा लौटा चुके हैं।


सूदखोरी का धंधा कानून के लिए अवैध कारोबार की ही श्रेणी का व्यवसाय है और इसमें संलिप्त व्यक्ति पर कार्यवाही पुलिस की प्राथमिकता होती है और प्रायः कार्यवाही होती भी है। सूदखोरी के मामले में गिरफ्तार किए गए किसी भी व्यक्ति को कोई सहूलियत या कोई रियायत भी नहीं प्रदान किया जाता है पुलिस द्वारा यह भी देखा गया है लेकिन राजु खान के मामले मे देखने को मिला है की उसके साथ अन्य सूदखोरों की अपेक्षा अलग व्यवहार जिले की पुलिस करती है जिसका उदाहरण तब देखने को मिला था जब एक मामले में गिरफ्तार किए जाने पर जब प्रेस के समक्ष सूदखोरों को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी की जा रही थी तब कई सूदखोरों को भी प्रेस के सामने तस्वीर खींचने के लिए लाया गया था लेकिन उसी मामले में उसी दिन गिरफ्त में आए राजु खान को प्रेस के समाने तस्वीर के लिए प्रस्तुत नही किया गया था। राजा खान को लेकर रियायत का प्रावधान जिले के पुलिस विभाग में क्यों जारी है इसको लेकर कई सवाल खड़े होते रहे हैं।


राजु खान का सूदखोरी का व्यवसाय काफी बड़े स्तर पर संचालित है।बताया जाता है की कई लोगों के महीने भर की कमाई का कितना उसके परिवार के जीवन यापन के लिए प्रदान किया जाना है यह राजु खान की तय करता है। एसईसीएल के कई कर्मचारियों के महीने भर की कमाई हर माह राजु खान के पास जमा होने के बाद भी उसका मूलधन आज भी खड़ा है कर्जदार के विरुद्ध जबकि बताया जा रहा है की कइयों के द्वारा मूलधन से तीन गुना चार गुना भुगतान कर दिया गया है। राजु खान का याज खत्म होता ही नहीं यह भी बताया जा रहा है और कई लोग उससे अब प्रताडि़त हैं। राजू खान पर कड़ी कार्यवाही हो और राजु खान के चंगुल से लोग बच सकें यह मांग अब जोर पकड़ने लगी है। अब देखना है की पुलिस क्या कार्यवाही करती है और किस तरह से राजा खान के चंगुल से लोगों को बचाती है।


राजू खान पर पहला अपराध 2017 में दर्ज हुआ था जिसका अपराध क्रमांक 22/17 दिनांक 13.10.17 धारा 394, 397, 34 – द.वि, दूसरा अपराध क्रमांक 148/23 दिनांक 10.09.23 धारा 384,341,294,506,34 भा.द.वि,छ.ग.ऋ णियों का संरक्षण 1937 की धारा 4,5, तीसरा अपराध क्रमांक 13/24 धारा 386,294,506,34 भा.द.वि., छ.ग.ऋणियों का संरक्षण धिनियम 1937 की धारा 4,5, चौथा अपराध क्रमांक 170/24 420,294,506,35 भा.द.वि.,छ.ग.ऋ णियों का संरक्षण पनियम 1937 की धारा 4,ह्यह्ल/ह्यष् एक्ट की धारा 3(2) क, पांचवा अपराध क्रमांक 89/08 दिनांक 30.03.08 धारा 13 जुआ के तहत दर्ज है।


सूत्र बताते है की राजु खान का सूदखोरी का व्यवसाय काफी बड़े स्तर पर संचालित है और उसके चंगुल में सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। राजु खान अपने सूदखोरी के व्यवसाय संचालन के लिए पुलिस विभाग में भी अपना संपर्क बना कर रखे हैं और पुलिस विभाग के कर्मचारी भी उनके सहियोगी हैं उनके व्यवसाय में। बता दें की जब जब राजा खान पर पुलिसिया कार्यवाही की बात सामने आती है कोई शिकायत सामने आती है उसकी भनक शिकायत से पहले ही राजा खान को लग जाती है और वह फरार हो जाता है या फिर वह अपने बचाव के प्रयास में लग जाता है। कुल मिलाकर राजा खान का पुलिस विभाग में कोई सहयोगी जरूर है जो उसकी मदद उसे जानकारी प्रदान कर करता है।


सूत्रों का यह भी कहना है की कोरिया जिले के एक चर्चित प्रधान आरक्षक का भी राजा खान के साथ संपर्क है ऐसा बताया जाता है। बताया जा रहा है की कोरिया जिले का उक्त चर्चित प्रधान आरक्षक जिले के अवैध कारोबारियों का सबसे बड़ा मददगार है। उक्त प्रधान आरक्षक का कार्य ही है की वह अवैध कारोबारियों की मदद करता है और उसके एवज में वह अपना भी हिस्सा प्राप्त करता है। उक्त प्रधान आरक्षक को लेकर कई शिकायतें भी हैं पुलिस के पास लेकिन पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करती मामले में क्योंकि उससे विभाग की ही छवि धूमिल होगी वहीं उक्त प्रधान आरक्षक की सबसे बड़ी विशेषता है की वह उच्च अधिकारियों को वश में करना जानता है और सभी की कमजोरी वह अपने हिसाब से उपयोग करता है उन पर दबाव बनाने में यह वह खुद कहते सुना जाता है। अभी माइक दो के करीबी बने हुए है।


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