कोरिया@कोरिया स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ की ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि जिला अस्पताल से 8 किमी दूर किराया पर लेना पड़ा गोदाम?

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  • एक बार फिर बढ़ाया गया गोदाम का अनुबंध इसके पीछे की क्या है वजह?
  • क्या पूर्व डीपीएम के खास को गोदाम के देकर किया जा रहा लाभान्वित?
  • कोरिया स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ द्वारा जिला अस्पताल से 8 किमी दूर किराए पर लिया गया गोदाम…


-रवि सिंह-
कोरिया,02 जून 2024 (घटती-घटना)। जिला कोरिया स्वास्थ्य विभाग में मनमानियों का दौरा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा,कारनामों की तो एक लंबी फेहरिस्त बनी हुई है यहां पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी किसी को कुछ समझ ही नहीं रहे हैं,जैसा जी आ रहा है वैसा मनमानी जारी रखा है उन्होंने,तत्कालीन सीएमएचओ द्वारा जिला अस्पताल से 8 किलोमीटर दूर न जाने किस व्यवस्था के तहत गोदाम किराए पर लिया गया था और उस गोदाम की जरूरत जिला अस्पताल को क्यों थी? बताया यह भी जा रहा है कि उस गोदाम के आड़ में लाखों रुपए स्वास्थ्य विभाग के खर्च हो रहे हैं पर उसका उपयोग दिख नहीं रहा है,सवाल यह भी है कि आखिर क्या जिला चिकित्सालय के आसपास गोदाम की व्यवस्था नहीं खोज पाया स्वास्थ्य विभाग या फिर अपने किसी चहेते को लाभ देने के लिए 8 किलोमीटर दूर गोदाम बनाया गया? सूत्रों का कहना है कोरिया जिले का स्वास्थ्य विभाग अभी भी पूर्व डीपीएम के निर्देशों पर ही काम कर रहा है, भाजपा सरकार के सिरदर्द बने डीपीएम के एक खास को जिला अस्पताल और सीएमएचओ कार्यालय से 8 से 9 किमी दूर उसके गोदाम का किराया देकर उपकृत किया गया है जिससे सरकारी राशि बिना वजह खर्च हो रही है,शासन को भारी भरकम राशि से आर्थिक नुकसान हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के तत्कालिन सीएमएचओ डॉ रामेश्वर शर्मा द्वारा कोरोना काल में शहर को छोड़ लगभग 8 किमी दूर पूर्व डीपीएम के खास को उसका बनाए गए एक कॉम्पलेक्स को किराए पर लिया गया, हैरानी की बात तो यह है कि यदि उसमें रखे सामान को लाया जाता होगा और परिवहन खर्च अलग से लगता होगा। तत्कालिन सीएमएचओ का स्थानांतरण हो गया, उसके बाद बीते दो वर्ष होने को है वर्तमान सीएमएचओ डॉ आरएस सेंगर ने उक्त किराए के गोदाम को 2024 तक और बढा दिया,क्योकि अब इस दौरान पूरे सर्वेसर्वा स्वयं डीपीएम रहे हैं। बताया जाता है किराए पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा भारी भरकम राशि दी जा रही है जिसमें एक हिस्सा एक राजनैतिक दल के अध्यक्ष को जा रहा है, एक हिस्सा पूर्व डीपीएम को एक हिस्सा सीएमएचओ और एक हिस्सा जिसका गोदाम है उसे मिल रहा है कुल मिलाकर जिले के लोगों के स्वास्थ्य के लिए खर्च होने वाली राशि आपस में बंदरबांट की जा रही है जिसमे स्वास्थ्य विभाग के लोगों सहित राजनीतिक दल के लोग भी शामिल हैं,इस तरह से गोदाम के किराए की राशि के नाम पर भी बड़ा बंदरबांट हो रहा है।
भ्रष्टाचार मुक्त भारत का प्रधानमंत्री का सपना कैसे होगा पूरा…जब स्वास्थ्य विभाग जैसे विभाग में भाजपा शासित प्रदेश में जारी है भ्रष्टाचार
देश के प्रधानमंत्री ने अपने दूसरे कार्यकाल के बीच में ही घोषणा कर दी थी की देश को भ्रष्टाचार मुक्त करना उनकी प्राथमिकता होगी और वह लगातार इस दिशा में काम करते भी नजर आ रहे हैं वहीं भ्रष्टाचार के मामले में लगातार कार्यवाही भी देखने को मिल रही है वहीं अपने तीसरे कार्यकाल को लेकर भी उनका कहना है की भ्रष्टाचार के मामले बर्दास्त नहीं किए जायेंगे। अब जब प्रधानमंत्री जो की भाजपा से हैं का यह बयान है यह संकल्प है वहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश में भाजपा की ही सरकार है और प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में खासकर कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में विगत पांच सालों से बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है और फिलहाल भाजपा की सरकार में भी वह जारी है जो रुकने का नाम नहीं ले रहा है और ऐसे में प्रधानमंत्री का संकल्प कैसे पूरा होगा जब उन्हीं की दल की सरकार में ऐसा हो रहा है प्रदेशों में। देखा जाए तो कोरिया जिले का स्वास्थ्य विभाग भाजपा शासन और प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार मुक्त भारत अभियान को पलीता लगा रहा है चिढ़ा रहा है क्योंकि यहां गोदाम के नाम पर भी भ्रष्टाचार हो रहा है और स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटीलेटर पर है।
सीएमएचओ कार्यालय के पास नया गोदाम
सीएमएचओ कार्यालय के पास सीजीएमएससी का अपना गोदाम है, वहीं बंद पड़े नर्सिग कॉलेज की कई विशाल भवनों को गोदाम बना कर उपयोग किया जा रहा है,उसमें से एक भवन को नया गोदाम बनाया गया है,काफी जगह होने के बाद भी 8 किमी दूर गोदाम किराए पर लेकर किसी को उपकृत करने के पीछे बड़ा खेल बताया जा रहा है। जबकि वहां रखे कुछ सामान को लाकर यहां रखा जा सकता है,बावजूद इसके वर्तमान सीएमएचओ ने उक्त गोदाम को 2024 तक रखने का अनुबंध बढ़ा दिया है। ताकि बंदरबांट से उसका फायदा उन्हें भी मिलता रहे।
खास से हर कोई रहता है भयभीत
पूर्व डीपीएम का जो खास व्यक्ति है, उससे राजनैतिक दलों के नेताओं में काफी भय व्याप्त है। कांग्रेस हो या भाजपा हर दल का नेता उसके आगे नतमस्तक है। स्वास्थ्य विभाग में गोदाम की राशि को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे है, आखिर इतनी राषि बेवजह क्यों खर्च की जा रही है, स्वास्थ्य विभाग की ऐसी कौन सी पोल उक्त व्यक्ति के पास है, जो सरकारी राषि से प्रतिमाह उसे उपकृत किया जा रहा है, आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी है।
जिले वासियों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए खर्च होने वाली राशि कुछ स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार आपस में कर ले रहे बंदरबांट
जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल किसी से छिपा नहीं है,खुद भाजपा नेता के द्वारा ही एक दो दिन पूर्व सोशल मिडिया पर इस बात की स्वीकार्योक्ति की गई थी की स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति जिले में गंभीर है वहीं अब जो शासकीय खासकर जिले के लोगों के स्वास्थ्य व्यवस्था पर खर्च होने वाली राशि के बंदरबांट की यह जो नई जानकारी सामने आई है उसके बाद यह कहा जा सकता है की जिले के स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सम्हाल रहे जिम्मेदार खुद का ही भला करने में कुछ अपने खास का भला करने में ही व्यस्त हैं उन्हे स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ करने की बजाए अपनी जेब भरनी और कुछ अपने खास लोगों की जेब भरनी ज्यादा जरूरी बात लग रही है। बताया जा रहा है की जिस व्यक्ति का शहर से दूर गोदाम किराए पर लिया है स्वास्थ्य विभाग ने उसकी जरूरत ही नहीं है स्वास्थ्य विभाग को केवल पैसा आपस मे बांटने के लिए ही गोदाम किराए पर लिया गया है।वैसे हाल ही में जीवन दीप समिति के पैसे से जिला चिकित्सालय में चाय नाश्ते का बिल भुगतान हुआ था जो बात सामने आई थी और उसके बाद अब गोदाम के नाम पर स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ करने की राशि के बंदरबांट की बात सामने आई है जो गंभीर स्थिति और चरित्र को बयान करती है जिम्मेदार लोगों के।
पूर्व डीपीएम की भ्रष्टाचार की परंपरा आगे बढ़ा रहे वर्तमान सीएमएचओ
पूर्व डीपीएम के कार्यकाल में उक्त गोदाम किराए पर लिया गया था और जो उनके जाने के बाद भी किराए पर बना हुआ है अनुबंध अवधि बढ़ा दी है है। देखा जाए तो पूर्व डीपीएम की भ्रष्टाचार की परंपरा को कोरिया जिले का स्वास्थ्य विभाग आगे बढ़ा रहा है और जो जारी है उनके जाने के बाद भी।


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