पटना में सीएम की सभा हुई थी फेल…जिस पर पार्टी नेतृत्व है नाराज:सूत्र
जिलाध्यक्ष के रवैये पर लोकसभा उम्मीदवार ने भी जताई थी नाराजगी,हवा हवाई निकला संगठन।
जवाहर गुप्ता,रविशंकर शर्मा, शैलेष शिवहरे, विनोद साहू और लक्ष्मण राजवाड़े होगे दावेदार।
विधायक भैयालाल राजवाड़े और भाजपा जिलाध्यक्ष में भी बढी दूरी।
–रवि सिंह-
कोरिया,01 जून 2024 (घटती-घटना)। लोकसभा का चुनाव अब अंतिम दौर में है,अंतिम दौर का मतदान भी संपन्न हो गया है,कोरबा लोकसभा में मतदान पिछले 7 मई को संपन्न हुआ है,लंबा इंतजार करते करते अब परिणाम का समय भी नजदीक आ गया है,इसी बीच प्रदेश में सत्तारूढ भाजपा कोरिया के अंदर अब आपसी तकरार सुनने को मिल रहा है,लोकसभा चुनाव हेतु मतदान के ठीक पहले कोरिया भाजपा के स्वयंभू यशस्वी जिलाध्यक्ष के रवैये के कारण पटना में आयोजित मुख्यमंत्री की सभा भी फेल हो गई थी,इसे लेकर लोकसभा उम्मीदवार ने जिलाध्यक्ष के प्रति कड़ी नाराजगी भी जाहिर की थी तो वहीं इस मामले को पार्टी संगठन ने भी काफी गंभीरता से लिया है। जैसी जनचर्चा है कि लोकसभा परिणाम के बाद कोरिया भाजपा जिलाध्यक्ष पर गाज गिरेगी उन्हे पद से हटा दिया जाएगा इसके लिए जिले के नेता भी लामबंद हो गए हैं जैसा कि सूत्रों का कहना है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पटना में सीएम की सभा फेल हुई थी जिसके बाद स्थानीय विधायक और जिलाध्यक्ष के द्वारा भी एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए खुद को निर्दोष बतलाया जा रहा था। इसीके साथ नए दावेदार भी सामने आने लगे है,हलांकि निर्णय प्रदेश संगठन को लेना है।
स्वयंभू यशस्वी जिलाध्यक्ष के कार्यकाल में दिखी नाराजगी
कोरिया भाजपा के जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल,इनके व्यवहार एवं सभी को नीचा दिखलाने,कार्यकर्ताओ को डांटने,फटकारने और उल्टा सीधा बोलने जैसी हरकतों के कारण जबरस्त नाराजगी देखने को मिलती है। किसी से सीधा मुंह बात ना करने वाले जिलाध्यक्ष द्वारा खुद को यशस्वी बतलाया जाता है,उनका चरण वंदन करने वाले उन्हे यशस्वी बतलाते फिरते हैं यहां तक कि कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में भी उन्हे यशस्वी जिलाध्यक्ष बतलाया जाता है,यह समझ से परे है। चाहे विधानसभा का चुनाव हो या फिर लोकसभा का चुनाव हर बार जिलाध्यक्ष द्वारा किसी भी विज्ञप्ति में हर कार्यक्रम के लिए खुद का नेतृत्व बतलाया जा रहा था जबकि सच्चाई यह है कि उनके नेतृत्व में कोरिया भाजपा में जबरजस्त आक्रोश व्याप्त है। और पार्टी छिन्न भिन्न हो गई है।
पटना में फेल हुई सीएम की सभा,संगठन ने लिया संज्ञान
लोकसभा चुनाव के दौरान कोरिया जिले के पटना में आयाजित सभा पूरी तरह से फेल थी,संगठन की कमी साफ देखी गई थी,सभा के पहले कोई प्लानिंग नही की गई थी,बड़े नेता अस्त व्यस्थ थे। एक प्रचार वाहन एक दिन घुमाकर भीड़ जुट जाएगी ऐसा सोच लिया गया था। जिम्मेदार नेताओं ने यह सोच लिया था कि शनिवार का दिन है और पटना में साप्ताहिक बाजार है इसलिए भीड़ आ जाएगी जबकि ऐसा हुआ नही। 500-600 की भीड़ में सीएम की सभा हुई जो कि चुनाव के दौरान चर्चा का विषय रहा। कम भीड़ जुटने को लेकर विधायक भैयालाल राजवाड़े ने भी मंच से ही नाराजगी जाहिर कर दी थी,इस बात को भी संगठन ने काफी गंभीरता से लिया है। वहीं भीड़ ना जुटने को लेकर विधायक और जिलाध्यक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए भी देखे गए थे। पटना की सभा फेल होने को भी प्रदेश संगठन ने नाराजगी जाहिर की थी।
लोकसभा उम्मीदवार ने भी जताई है नाराजगी
कोरिया में संगठन का हाल बेहाल है,मै,मै और मैं करने वाले जिलाध्यक्ष के कार्यकाल में पार्टी धरातल पर टूटी हुई दिखलाई दे रही है। पूरे चुनाव के दौरान संगठन निष्कि्रय नजर आया। संगठन के जिम्मेदार पदाधिकारी सिर्फ औपचारिकता निभाते नजर आ रहे थे,जिलाध्यक्ष ने जिला मुख्यालय छोड़ बाकि क्षेत्रों मे जाना भी जरूरी नही समझा। कई बड़े नेता कुछ दिन पूर्व तक चुनाव से पूरी तरह दूर थे संगठन द्वारा उन्हे उपेक्षित किया जा रहा था। संगठन की कमी चुनाव में देखने को मिली जिसे लेकर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार सरोज पांडेय ने भी कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।
विधायक और जिलाध्यक्ष में बढी दूरियां
लोकसभा चुनाव के दौरान कई जगह गड़बडी देखने को मिली,संगठन के जिला से लेकर मंडल तक के पदाधिकारी सिर्फ कोरम पूरा करते देखे जा रहे थे,कुछ कुछ मामलो को लेकर जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल और विधायक भैयालाल राजवाड़े के बीच आपस में विवाद की खबरे भी सुनने को मिली। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि पटना की सभा हो या अन्य बात इसे लेकर जिलाध्यक्ष और विधायक आपस में एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं जबकि किसी भी स्थिति के लिए दोनो ही जिम्मेदार हैं। बतलाया जा रहा है कि फिलहाल विधायक और जिलाध्यक्ष में दूरी बढ गई है जो कि कार्यकर्ताओं की जुबान पर भी है।
हवा हवाई दिखा भाजपा संगठन
कोरिया जिले में भाजपा का संगठन इतना बेकार कभी नही था पहले संगठन में एकता देखने को मिलती थी,जिलाध्यक्ष एवं अन्य जिम्मेदार पदाधिकारी सभी को साथ लेकर चला करते थे लेकिन अपने कार्यकाल में वर्तमान जिलाध्यक्ष ने जिस प्रकार का परिवार वाद किया और वरिष्ठ नेताओं को नीचा दिखलाने का भरपूर प्रयास किया वह किसी से छिपा नही है। विधानसभा चुनाव तक सब कुछ शांत था क्योंकि प्रदेश संगठन के बहाने जिलाध्यक्ष द्वारा अन्य नेताओं को दबाने का प्रयास किया जाता था। लेकिन लोकसभा चुनाव में कोरिया भाजपा संगठन का असली चेहरा उजागर हो गया। जिला से लेकर मंडलों तक बनाया गया संगठन का स्वरूप फर्जी साबित हुआ। संगठन सिर्फ कागजी है और जिन्हे पदों में नियुक्त किया गया है उन्हे खुद नही मालूम हम पदाधिकारी हैं। जिलाध्यक्ष द्वारा गिनती के पांच लोगों को लेकर कोई भी काम किया जा रहा था,महिला मोर्चा,युवा मोर्चा के पदाधिकारी जिलाध्यक्ष के डांट डपट से परेशान थे।
क्या सच साबित होगा जिलाध्यक्ष का दावा?
कोरिया भाजपा के स्वयंभू यशस्वी जिलाध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव के पूर्व कार्यालय में संपन्न हुई बैठक में हवा हवाई बात करते हुए जिले से 51000 की लीड का दावा किया है,इतने वोटों से लीड के लिए हलांकि उन्होने तनिक भी प्रयास नही किया। जिलाध्यक्ष द्वारा किए गए दावे में कितनी सच्चाई है या सिर्फ प्रत्याशी को अंधेरे में रखने के लिए उनके द्वारा ऐसा दावा किया गया था यह आगामी 4 जून को देखने को मिलेगा।
लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद मिलेगा नया नेतृत्व
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि अब लोकसभा चुनाव का परिणाम आना शेष है इसके बाद शिकायतों के कारण प्रदेश के कुछ जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे इनमें कोरिया के जिलाध्यक्ष को भी बदला जाएगा। आने वाले समय में नए नेतृत्व की खबर से कार्यकर्ताओं में अभी से उत्साह देखा जा रहा है।
नए दावेदार हुए सक्रिय, अलग थलग पड़े जिला जिलाध्यक्ष
लोकसभा चुनाव के दौरान जिलाध्यक्ष के हवा हवा दावों की पोल खुल गई, जिसका उन्हे उम्मीद नही था। अभी तक उनके द्वारा हर जगह खुद पीठ थपथपाई जाती थी, खुद श्रेय लेकर बाकी पदाधिकारियों को नीचा दिखलाया जाता था। लेकिन इस बार उनकी खूब किरकिरी हुई है, प्रदेश संगठन तक तमाम शिकायते भेजी गई है और प्रदेश संगठन भी जिलाध्यक्ष के रवैये पर खासा नाराज है जैसा बतलाया जाता है। अब संभावना है कि उन्हे हटाया ही जाएगा अन्यथा पार्टी बुरी तरह से टूट जाएगगी क्योंकि जिलाध्यक्ष पर से अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं का विश्वास खत्म हो गया है। जिलाध्यक्ष हो हटाये जाने की संभावना के बीच नए दावेदार भी सक्रिय हो गए हैं। वरिष्ठ नेता रविशंकर शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष जवाहर गुप्ता, जिला उपाध्यक्ष शैलेश शिवहरे, लक्ष्मण राजवाड़े, महामंत्री विनोद साहू अब जिलाध्यक्ष की दौड़ में शामिल हो चुके हैं।