अंबिकापुर@छाीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग का सरगुजा कमिश्नर को आदेश

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अंबिकापुर,31 मई 2024 (घटती-घटना)। सरगुजा संभाग के हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा कोल लॉक को लेकर छाीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने अहम फ़ैसला देते हुए यह माना है कि,परसा कोल लॉक के प्रस्ताव को पारित करने वाली ग्रामसभाएं विधि अनुरूप नहीं थी। आयोग ने आगामी आदेश तक यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश सरगुजा कमिश्नर को दिए हैं। उल्लेखनीय है कि,यह आदेश ऐसे समय आया है जबकि चर्चाएँ थी कि, लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद कभी भी परसा कोल लॉक के लिए पेड़ कटाई शुरु हो सकती हैं।
ग्रामीणों ने पैदल सफ़र तय किया और राज्यपाल से मिले थे…
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रस्तावित परसा कोल लॉक के लिए फ़जऱ्ी प्रस्ताव ग्रामसभा में फ़जऱ्ी तरीक¸े से पारित बताया गया। ग्रामीणों का आरोप रहा है कि,प्रस्तावित परसा कोल लॉक के लिए तीन गाँव की भुमि अधिग्रहण की कार्यवाही ग्रामसभा स्वीकृति लिए बिना ही संपादित कर दी गई है। फ़जऱ्ी ग्रामसभा के मसले पर ग्रामीणों ने पैदल क¸रीब साढ़े चार सौ किलोमीटर का सफ़र तय किया और तत्कालीन राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उईके से मुलाक¸ात कर ज्ञापन सौंप तत्काल इन ग्रामसभाओं के प्रस्ताव रद्द करने की माँग रखी।इस पर तत्कालीन राज्यपाल ने 23 अक्टूबर को राज्य सरकार को पत्र लिखकर ग्रामसभाओं को लेकर ग्रामीणों के आरोप की जाँच कराए जाने के निर्देश दिए थे। हसदेव बचाव आंदोलन से जुड़े आलोक शुक्ला बताते हैं कि,राज्यपाल का यह आदेश राजभवन से मुख्य सचिव कार्यालय तक तो गया, लेकिन आगे क्या हुआ यह जानकारी कभी सार्वजनिक नहीं हुई।
राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने कहा
राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग में प्रभावित आदिवासियों की ओर से प्रकरण लिख कर फ़जऱ्ी ग्रामसभा की कार्यवाही को निरस्त करने की मांग थी। आयोग में यह प्रकरण 345/2021 क्रमांक के साथ दर्ज हुआ। आयोग ने 30 मई 2024 को इस मामले में जिला प्रशासन और ग्रामीणों के पक्षों को सुनने के बाद यह माना -“ग्रामसभा में परसा कोल लाक के लिए पारित प्रस्ताव विधि अनुरुप नहीं थे। आयोग ने आदेश में सरगुजा के संभागायुक्त को आदेशित किया है कि उक्त पारित प्रस्ताव में आयोग का अंतिम निर्णय होने तक कोई भी अग्रिम कार्यवाही न करते हुए यथा स्थिति बनाए रखने का कष्ट करें।

क्या है मसला
सरगुजा संभाग में सरगुजा सूरजपुर और कोरबा जि़ला सीमा पर घना जंगल है। इसकी बायो डायवर्सिटी बेहद समृद्ध है। इसे हसदेव अरण्य कहा जाता है। यहाँ परसा कोल लॉक है। इसके उत्खनन का ठेका अड़ानी के पास है। पेसा नियम के अनुरूप पाँचवीं अनुसूची क्षेत्रों में किसी भी उत्खनन के लिए भुमि अधिग्रहण के पूर्व ग्रामसभा की सहमति आवश्यक है। ग्रामीणों का आरोप है ग्रामसभा को लेकर ही कागज में बड़ी गड़बड़ी की गई।


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