कोरिया@आरएसएस ने नारद जयंती पर किया संगोष्ठी का आयोजन,पत्रकारों का हुआ सम्मान

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कोरिया,30 मई 2024 (घटती-घटना)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कोरिया के प्रचार विभाग द्वारा नारद जयंती के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया,इस अवसर पर पत्रकारों ने अपने विचार व्यक्त किए साथ ही पत्रकारों का सम्मान किया गया। नारद जयंती पर आयोजित संगोष्ठी कार्यक्रम में मंच पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला सह संघ चालक नरेश सोनी,वरिष्ठ पत्रकार दिनेश बड़ेरिया,उतम कश्यप एवं जिला प्रचार प्रमुख शैलेंद्र शर्मा उपस्थित थे। नारद जी के छायाचित्र पर दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया,जिसके बाद उद्बोधन की श्रृंखला में वरिष्ठ पत्रकार दिनेश बड़ेरिया ने कहा कि विश्व के प्रथम पत्रकार नारद जी रहे वह लोक मंगल की कामना को लेकर चले थे,आज के दौर में भी पत्रकारों को लोक मंगल की कामना को लेकर चलना चाहिए। कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में पत्रकारों का सम्मान तिलक लगाते हुए श्रीफल से किया गया। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन जिला प्रचार प्रमुख शैलेंद्र शर्मा एवं संचालन नगर प्रचार प्रमुख अनुपम सोनी ने किया। इस अवसर पर पत्रकारों के साथ नगर कार्यवाह डाक्टर गौरवकांत बड़ेरिया,अवधेश सिंह,राहुल मिश्रा,प्रवीण पाण्डेय समेत संघ के अन्य सदस्य मौजूद थे।
नारदजी की पत्रकारिता पर देव और दानव दोनो विश्वास करते थे…
वरिष्ठ पत्रकार उत्तम कश्यप ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में नारद जी की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, नारदजी की पत्रकारिता पर देव और दानव दोनो विश्वास करते थे। उन्हें रनवास तक जाने की इजाजत थी,जनमानस में सही सूचना पहुंचाना नारद का दायित्व है। हिंदू संस्कृति में देवऋ षि नारद मुनि जी का एक विशिष्ट चरित्र एवं स्थान है। देवर्षि नारद मुनि जी के हर परामर्श में और प्रत्येक वक्तव्य में लोकहित झलकता है।
लोभ लालच में अधिकांशतः सच कहने वाले पत्रकार नही हैं…
पत्रकार संवर्त कुमार रूप ने नारद जी पर अपने अमूल्य विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकारिता में लकीर के फकीर न बनें किसी लोभ लालच में अधिकांशतः सच कहने वाले पत्रकार नही हैं,वर्तमान में सच्ची पत्रकारिता दुर्लभ होती जा रही है।पत्रकारों को जनहित की पत्रकारिता को प्रेरित रहना होगा। साथ ही निष्पक्ष संवाद का आदान प्रदान ही होना आवश्यक है। अगर पत्रकार नही रहे तो जीवन सुना है। सूचनाएं नही रही तो सब कुछ अधूरा है।
कलम पर दाग न लगने दें…
पत्रकार प्रविंद सिंह ने कहा कि अब पहले की अपेक्षा पत्रकारों के काम करने का तरीका बदला है, पत्रकारों को चाहिए कि वह अपनी कलम पर दाग न लगने दें,पूर्व के पत्रकारों ने इस परंपरा को निभाया है,नारद जयंती सच्चे पत्रकारों को प्रणाम करने का दिन है। पत्रकारों को चाहिए कि वे अपनी गरिमा,अपनी आदर्श स्थिति को बनाकर रखें।
नारद के रूप में ढलकर ही पत्रकारिता किया जा सकता है…
आरएसएस के जिला सह संघ चालक नरेश सोनी ने कहा कि नारद के रूप में ढलकर ही पत्रकारिता किया जा सकता है,उनके चरित्र को नकारात्मक ना मानकर पत्रकारों को काम करना चाहिए। खबरें वही देनी चाहिए जो समाज के लिए लाभप्रद हो। उन्होंने कहा कि नारद जी पत्रकारिता के आदर्श हैं। वह झगड़ा भी सिर्फ सच बोलने के लिए करते थे। आज के दौर में पत्रकारिता को सच पर ही आधारित होना चाहिए। जो लोग अपनी विरासत और अपने इतिहास को याद रखते हैं इतिहास भी उन्हे हमेशा याद रखता है। उन्होंने कहा कि समाज में पत्रकारों का भय बना रहना चाहिए तभी लोग गलत काम करने से रुकेंगे। उन्होंने कहा कि लोग पत्रकारों से समाज बहुत अपेक्षाएं रखता है पत्रकारों का कर्तव्य है कि वे सकारात्मक दृष्टि से जन की बातों को प्रशासन तक और प्रशासन की बातों को जन तक पहुचाएं। निष्कपट और निश्चल भाव से यह काम होना चाहिए।


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