नई दिल्ली@एफ एसएसएआई ने कहा…नहीं बेच सकते मां का दूध

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नई दिल्ली,28 मई 2024 (ए)।
खुले बाजार में ‘मां का दूध’ बेचे जाने की शिकायतों के बीच फूड रेगुलेटर एफ एसएसएआई ने सख्त चेतावनी दी है.। एफ एसएसएआई ने साफ कर दिया है कि देश में ‘ह्यूमन मिल्क’ की बिक्री नहीं की जा सकती. फूड रेगुलेटर ने लाइसेंसिंग अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ‘ह्यूमन मिल्क’ की प्रोसेसिंग और बिक्री की मंजूरी न दें।
रिपोर्ट के अनुसार, एफ एसएसएआई ने ह्यूमन मिल्क यानी मां के दूध और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स के अनाधिकृत व्यावसा यीकरण पर एक एडवायजरी जारी की है और स्पष्ट किया है कि ह्यूमन मिल्क की बिक्री के लिए कोई अनुमति नहीं है।
फूड रेगुलेटर एफ एसएसएआईने 24 मई को जारी एडवायजरी में कहा, ‘मानव दूध और उसके उत्पादों के व्यावसायीकरण को लेकर रजिस्टर्ड समितियों से रिप्रेजेन्टेशन मिल रहे हैं। इस संबंध में ये ध्यान दिया जा सकता है कि एफ एसएसएआईने फूड सैंपल सर्वे एक्ट 2006 और नियमों के तहत मानव दूध की प्रोसेसिंग और बिक्री की अनुमति नहीं दी है और इसके तहत नियम बनाए गए हैं।’


फूड रेगुलेटर ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को जारी एडवायजरी में सलाह दी है कि मानव दूध और उसके उत्पादों के व्यावसायीकरण से संबंधित ऐसी सभी गतिविधियों पर तुरंत रोक लगा देनी चाहिए।


रेगुलेटर ने कहा, ‘नियमों के उल्लंघन पर एफ एसएस एक्ट, 2006 और उसके तहत नियमों/विनियमों के अनुसार फूड बिजनेस ऑपरेटर्स के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.’इसके अलावा राज्य और केंद्रीय लाइसेंसिंग अधिकारियों से ये सुनिश्चित करने को कहा है कि ‘मां के दूध/मानव दूध’ की प्रोसेसिंग या बिक्री में शामिल एफ बीओएस को कोई लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन नहीं दिया जाए.’


कुछ कंपनियां डेयरी प्रोडक्ट की आड़ मे ंएफ एसएसएआई का लाइसेंस लेने में कामयाब हो गईं। अब ब्रेस्ट फीडिंग प्रमोशन नेटवर्क ऑफ इंडिया ने सरकार से ऐसी कंपनियों का के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. ।नियमों का उल्लंघन करने वालों को 5 साल की सजा हो सकती है और 5 लाख रूपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।


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