तरस रहे हैं एक अदद आशियाने के लिए…
नक्सलियों के डर से कई परिवार भागकर रह रहे हैं दूसरे स्थानों पर…
राजनांदगांव,26 मई 2024 (ए)। प्रदेश में जहां एक ओर मुठभेड़ में नक्सली मारे जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नक्सलियों से वार्ता के प्रयास भी चल रहे हैं, मगर उन परिवारों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है जिनके परिजन नक्सली हिंसा में मारे जा चुके हैं। ऐसे परिवारों के लिए पुनर्वास नीति बनाई गई थी, जिसके तहत कई जिलों में लाभ दिया जा रहा है,वहीं कुछ जिलों में अधिकारी इसमें रूचि नहीं दिखा रहे हैं और पीçड़तों को कोई योजना नहीं होने की जानकारी देकर उन्हें टाल रहे हैं।छत्तीसगढ़ के बस्तर में शुरू हुई नक्सल हिंसा का फैलाव कई जिलों तक हो गया है। इनमें अविभाजित राजनांदगांव जिला,गरियाबंद सहित अन्य जिले भी शामिल हैं। नक्सली अक्सर ग्रामीणों को मुखबिरी के आरोप में मार डालते हैं। वहीँ कई ग्रामीण क्रॉस फायरिंग में भी मारे जा चुके हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों में सैकड़ों हत्याएं हुई हैं। जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने मृतकों के परिवारों के लिए पुनर्वास नीति बनाई। इसमें आश्रितों को मकानऔर परिवार के पात्र सदस्य को नौकरी का प्रावधान किया गया। सरकार की इस योजना का कई जिलों में लाभ भी दिया जा रहा है, मगर राजनांदगांव जैसे कुछ जिले ऐसे हैं, जहां पीडि़तों को पुनर्वास नीति का लाभ पूरा नहीं दिया जा रहा है। इसी मुद्दे पर यहां के पीçड़तों ने प्रेस वार्ता का आयोजन कर जिला प्रशासन को आड़े हाथ लिया है।