- जुआ फड़ पर कार्यवाही की बजाय स्पेशल टीम ने जुआडि़यों से लेनदेन कर छोड़ने का आरोप
- स्पेशल टीम किसी अधिकारी ने गठित की या फिर शातिर पुलिसकर्मी ने खुद ही टीम गठित कर उगाही के लिए कर रहे कार्यवाही…बना जांच का विषय?
- सूरजपुर के ईमानदार पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में बेलगाम पुलिसकर्मी पुलिस के नाम क्यों डूबा रहे?
- पुलिस अधीक्षक सूरजपुर को लेना होगा इस मामले में संज्ञान और बेलगाम पुलिसकर्मियों पर करनी होगी कार्रवाई
-ओंकार पांडेय-
सुरजपुर,25 मई 2024 (घटती-घटना)। सूरजपुर जिले में भी कुछ पुलिसकर्मी अपने आप को किसी अधिकारी से कम नहीं समझते ऐसा लगता है कि उन्हें किसी नेताओं का संरक्षण है,जिस वजह से वह अधिकारियों से भी ऊपर चल रहे हैं, जानकारी आ रही है कि एक प्रधान आरक्षक खुद ही टीम गठित कर जुआ फाड़ पर कार्यवाही करने पहुंच जाता है और लेनदेन करके अपना जेब भर लेता है पर वही इस स्पेशल टीम बताता है, जबकि क्या वाकई में किसी अधिकारी ने कोई स्पेशल टीम जुआ पकड़ने के लिए तैयार की है या फिर बेलगाम प्रधान आरक्षक अपने से ही टीम गठित करके पुलिस की छवि खराब करने पर आ गए, सुरजपुर जिले की कानून व्यवस्था को लेकर अब पुलिसकर्मी ही चुनौती बनते जा रहे हैं जो कानून पालन कराने की बजाए कानून तोड़ने वालों से वसूली कर रहे हैं ऐसा एक बड़ा आरोप सूरजपुर जिले के कोतवाली पुलिस पर लगा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिनांक 22 मई को रात में कोतवाली पुलिस के प्रधान आरक्षक को ग्राम धनेशपुर में जुआ खेलने वाले जुआडियों की सूचना प्राप्त होती है और प्रधान आरक्षक द्वारा खुद एक टीम रात में ही तैयार की जाती है और वह निकल जाते हैं जुआडियों को पकड़ने। इस बीच वह न तो जिले के पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को ही सूचना देना मुनासिब समझते हैं न ही थाना प्रभारी को ही वह सूचित करते हैं। बताया जा रहा है की कुल आठ लोगों की पुलिस टीम तैयार कर प्रधान आरक्षक अपने साधन से जुआ फड़ जहां संचालित हो रहा होता है वहां पहुंचते हैं और वहां उन्हे केवल घेराबंदी के बाद दो जुआड़ी ही मिल पाते हैं जिन्हे वह पकड़ पाते हैं वहीं जुआ फड़ से पुलिस टीम को कुल 40000 रुपए बरामद हो पाता है और सात मोटरसाइकल पुलिस वहां से बरामद कर पाती है। बताया यह भी जा रहा है की पुलिस टीम की कार्यवाही के दौरान ही नियत बदल जाती है और वह वहीं पकड़े गए दो जुआडियों से वसूली करना शुरू कर देते हैं। बताया जा रहा है की दो मोटरसाइकिल का दस हजार लेकर वहीं से छोड़ दिया गया वहीं बचे पांच मोटरसाइकिल पुलिस टीम पीकअप में लादकर कोतवाली ले आती है और वहीं से लेनदेन कर मोटरसाइकिल छोड़ने लगती है। सूत्रों के अनुसार बरामद पैसे का भी कोतवाली लौटने के बाद बराबर बंटवारा वह लोग आपस में कर लेते हैं जो स्पेशल टीम में जुआ फड़ पर कार्यवाही के लिए पहुंचे हुए होते हैं। घटती-घटना इस मामले की पुष्टि नहीं करता पर जांच की मांग जरूर करता है।
पुनःजिले की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ा हो रहा है…
वैसे जुआ फड़ पर कार्यवाही और उसके बाद वसूली का जो आरोप कोतवाली पुलिस पर लगा है उसके बाद यह सवाल खड़ा हो रहा है की क्या ऐसे ही पुलिसकर्मियों के भरोसे जिले की कानून व्यवस्था सम्हाली जायेगी क्या पुलिस अधीक्षक की कानून व्यवस्था को लेकर जो मंशा है उसे जिले के पुलिस कर्मी इसी तर्ज पर पूरा करेंगे। सवाल कई हैं क्योंकि जिले में यह कोई नया मामला नहीं है जुआ फड़ मामले में पूर्व में बसदेई पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियों के संरक्षण में बड़ा जुआ फड़ संचालित हो रहा था जिस खबर को दैनिक घटती-घटना ने प्रमुखता से प्रकाशित किय था जिस के बाद जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने कार्यवाही की थी जहां बड़े स्तर का जुआ पकड़ा गया था जिसके बाद बसदेई पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा हुआ था पर पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही नहीं हो पाई थी, वहीं अब कोतवाली के कुछ पुलिसकर्मियों के कारण पुनः जिले की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ा हो रहा है।
क्या था स्पेशल टीम का रेट लिस्ट?
सूत्रों की माने तो पाल की स्पेशल टीम ने जुआरियों और उनके गाडि़यों को छोड़ने कीमत तय की थी वह इस प्रकार था एक मोटरसाइकिल की कीमत 5 हजार तय की गई थी वही एक आरोपी से? 8000 लिए गए वह भी एक पुलिसकर्मी के खाते में यह सिलसिला रात से शुरू होकर दूसरे दिन दोपहर तक चलता रहा और सभी गाडि़यां कोतवाली से धीरे-धीरे जाती रही वही इस पूरी घटना का कोतवाली प्रभारी सहित उच्च अधिकारियों को भनक तक ना लगी।
पुलिस अधिकारियों को नही है जानकारी?
कोतवाली पुलिस के यह स्पेशल टीम रात में जिस प्रकार वसूली कर रही और थाना से लेकर घटनास्थल तक जिस प्रकार खेल चल रहा वहीं उच्च अधिकारियों की माने तो इस पूरे घटनाक्रम की उन्हें कोई जानकारी नहीं है तो इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं की कितने सातिर किस्म के यह स्पेशल टीम के लोग हैं, जो अपने उच्च अधिकारियों को भी चकमा दे रहे हैं।
कानून के द्वारा बनाए गए नियम की उड़ी धज्जियां
कानून ने जिस प्रकार किसी भी काम के लिए नियम तय किया हैं उन नियमों को यह स्पेशल टीम धज्जियां उड़ा रहे हैं अगर इन्हें जुआ खेलने की जानकारी मिलती है तो इन्हें सबसे पहले अपने प्रभारी सहित उच्च अधिकारियों को यह अवगत कराना चाहिए था इसके बाद उनकी अनुमति से टीम गठित होती और रेड की कार्रवाई की जाती लेकिन इस टीम की मंशा ही कुछ और थी।
मीडिया की जानकारी के बाद बना प्लान बी
वही जब इस पूरी घटना की जानकारी मीडिया को लगी मीडिया को लगी तो यह स्पेशल टीम ने प्लान भी बनाया और एक मनगढ़ंत कहानी रची कहानी में उन्होंने यह बताया की जुआ की जानकारी मिली और हम रेड करने मौके पर पहुंचे लेकिन वहां हमें कोई नहीं मिला और 5 गाडि़यां मिली जिसे हमने थाने लाया और सुबह मोटर व्हीकल एक्ट की कार्यवाही कर उसे छोड़ दिया साथी 8000 खाते में लिए गए पैसे से इंकार करते नजर आ रहे हैं, वहीं रेड की कार्रवाई में जाने की जानकारी कोतवाली प्रभारी को बताने की बात कर रहे हैं।
क्या पुलिस अधिकारी इस मामले की करेगे जांच?
जिस प्रकार इन अपराधियों को छोड़ने में पुलिस की स्पेशल टीम ने अपनी भूमिका निभाई है और प्लान भी के तहत एक झूठी कहानी रची तो ऐसी कई सवाल है, जिस पर पुलिस अधिकारियों को जांच करने की जरूरत है, लेकिन क्या पुलिस विभाग अपने मातहत पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराने की बजाए किसी शिकायत के इंतज़ार में मामला ठंडे बस्ते में डालेगी, या कोई कार्रवाई भी देखने मिलेगी, ताकि दूसरों के लिए नजीर बन सके, यह तो आने वाला वक्त बताएगा कि आखिर इस स्पेशल टीम की यह करतूत सामने आएगी या फिर पुलिस ही पुलिस को बचाकर इन्हें पाक सब बना देगी?
मामले से जुड़े कुछ सवाल
सवाल:- क्या पुलिस के आला अधिकारी इस स्पेशल टीम के लोगों का कॉल डिटेल निकलेगी?
सवाल:- रात के 12:00 बजे पुलिसकर्मी ने किस अनुज सिंह के खाते में 8 हजार रूपए डलवाए क्या वह पुलिसकर्मी था या कोई बाहरी व्यक्ति?
सवाल:- क्या पुलिस अधिकारी स्पेशल टीम की मोबाइल लोकेशन और उसे वक्त किन-किन लोगों का मोबाइल एक्टिव था घटनास्थल में यह पता करा आएगी?
सवाल:- घटनास्थल में मिले गाडि़यों को थाने लाने के बाद 102 की कार्यवाही ना करके मोटर व्हीकल एक्ट की कार्यवाही क्यों की गई इसकी जांच की जाएगी?
सवाल:- कोतवाली थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे कितनी गाडि़यां आई और उन्हें सुबह कौन लेकर गया और इस स्पेशल टीम में कौन-कौन थे?