अंबिकापुर,@कृषि विभाग के अधिकारियों सहित पूर्व थाना प्रभारी पर दर्ज हुआ अपराध, सरकारी धन में हेरफेर का आरोप

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अंबिकापुर,@कृषि विभाग के अधिकारियों सहित पूर्व थाना प्रभारी पर दर्ज हुआ अपराध, सरकारी धन में हेरफेर का आरोप
अंबिकापुर,22 मई 2024 (घटती-घटना)। शासकीय राशि हेराफेरी किए जाने के मामले में कृषि विभाग के अधिकारियों सहित पूर्व थाना प्रभारी के खिलाफ अपराध दर्ज कराया गया है। उक्त एफआईआर न्यायालय के आदेश पर किया गया है।
जानकारी के अनुसार अम्किापुर के गांधीनगर निवासी संदीप एक्का ने राजपुर स्थित जेएमएफसी प्रथम श्रेणी न्यायालय में सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत परिवाद पेश कराते हुए तत्कालीन सर्वेयर शंकरगढ एमके राठौर, तत्कालीन कृषि विकास अधिकारी शंकरगढ आरके सोनवानी, बीपी पिल्लै सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी रामानुजगंज जिला बलरामपुर, सीएन सिंह संयुक्त संचालक कृषि सरगुजा के विरूद्ध शासन को क्षति कारित करते हुये छल पूर्वक शासकीय राशि के गबन करनें के संबंध में जांच व कार्रवाई की मांग की थी।
आवेदक ने अपने परिवाद में यह बताया था कि कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग अम्बिकापुर के तकनीकी स्वीकृति आदेश क्र 246 अम्बिकापुर दिनांक 24. मार्च 2007 एवं संचालक कृषि छाीसगढ़ रायपुर के प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्र.450 रायपुर दिनांक 16 मई 2008 के अधीन 18.46 लाख रूपये स्वीकृति से सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी रागंज जिला बलरामपुर तत्कालीन अविभाजित जिला सरगुजा को क्रियान्वयन एजेन्सी नियुक्त कर ग्राम मनोहरपुर विकास खण्ड शंकरगढ में लघुाम सिंचाई योजना एम.आई.टी.के तहत 31.50 हेक्टेयर रकबा हेतु तालाब निर्माण का कार्य हेतु आदेश जारी किया गया था। उक्त स्वीकृति पश्चात क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा कृषि विकास अधिकारी शंकरगढ आर.के. सोनवानी के अधीन व निर्देशन में एम.के.राठौर तत्कालीन सर्वेयर शंकरगढ जिला बलरामपुर छ.ग.के द्वारा कार्य का संपादन एवं मुल्यांकन किया गया था।
संबंधित ग्राम पंचायत निवासियों के द्वारा निर्माण कार्य में अनियमितता गबन व उसके उपयोगिता के संबंध में शिकायत करने पर संयुक्त संचालक कृषि सरगुजा संभाग के पत्रों के आधार पर डी.डी. कोसले अनुविभागीय कृषि अधिकारी अम्बिकापुर एवं पी.के. एक्का सहायक संचालक कृषि कार्या सहायक व आर.एन.सिंह सर्वेयर कार्यालय सहा.भूसंअ अम्बिकापुर को शामिल कर जांच दल गठित कर जांच कराया गया था। जांच दल के द्वारा उपरोक्त संदर्भ में जांच में यह प्रमाणित पाया गया कि षडयंत्र पूर्वक फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर राशि आहरित कर संबंधित निर्माण कार्य में अनियमितता के साथ 10.77 लाख का गबन किया गया है जिस संबंध में जांच दल द्वारा संयुक्त संचालक कृषि सरगुजा सी.एन.सिंह के समक्ष जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था।
मामले में प्रशासनिक कार्यवाही की खानापूर्ति करते हुये एम के राठौर तत्कालीन सर्वेयर शंकरगढ को निलम्बित कर दिया गया परंतु किसी प्रकार की दांडिक कार्यवाही नहीं की गई जिसपर मामले में अनुचित लाभ के अपराध को संदर्भित व परिलक्षित बताते हुए मामले में अपराध पंजीबद्व कराने की मांग की गई थी।
पूरे मामले को सुनने के बाद न्यायालय ने वर्ष 2022 में ही मामले में अपराध दर्ज करने का आदेश दिया था परन्तु इसके बाद भी न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए मामले में शंकरगढ़ थाने में अपराध दर्ज नहीं किया गया जिसके बाद परिवादी की ओर से किये गए लगातार प्रयासों के उपरांत अंतत: 20 मई 2024 को मामले में शंकरगढ़ थाने में धारा 409, 420, 467, 468, व 471 के तहत अपराध दर्ज किया गया। इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी को भी सह आरोपी बनाया गया है। न्यायालय के आदेश पर मामले में अपराध दर्ज होने के बाद तथा तत्कालीन थाना प्रभारी को भी आरोपी बनाने से कृषि विभाग व पुलिस विभाग में हडकंप मच गया है।


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