यदि होता है फेरबदल तो सरगुजा संभाग भी होगा प्रभावित
- आखिर प्रदेश का कौन मंत्री हुआ है ट्रेपिंग का शिकार,चर्चा जुबान पर?
- लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद गिर सकती है कुछेक मंत्रियों पर गाज
-विशेष संवाददाता-
सरगुजा/रायपुर,18 मई 2024(घटती-घटना)। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तहत सभी चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है,सत्ता दल के नेता इन दिनों अलग-अलग प्रदेशों में चुनाव की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं तो वहीं अब सुगबुगाहट मिल रही है कि चुनाव परिणाम के बाद प्रदेश मंत्रिमंडल का चेहरा भी बदलेगा,कुछ मंत्री जो सरकार की किरकिरी करा रहे हैं उन्हे बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा तो वहीं कुछ अनुभवी विधायकों को मंत्री पद दिया जाएगा। इस बीच यह भी खबर मिल रही है कि इस फेरबदल में सरगुजा संभाग में भी असर देखने को मिलेगा,जैसी जनचर्चा है कि प्रदेश का एक मंत्री लोकसभा चुनाव के ठीक पहले लेनदेन के एक मामले में ट्रेप हो चुका है और उसे भी बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा क्योंकि टेपिंग का वीडियों केन्द्रीय नेतृत्व के पास पहुंच गया है लोगे के द्वारा यह लगाया जा रहा है कि आखिरकार यह मंत्री कौन है।
सिर्फ औपचारिकता निभाते दिखे थे कुछ मंत्री और विधायक
लोकसभा चुनाव में केन्द्रीय एवं प्रदेश नेतृत्व ने मंत्री और विधायकों को लोकसभा सीट जीताने की जिम्मेदारी दी थी, और इस लिहाज से उन्हे मंत्री भी बनाया गया था लेकिन देखने में मिला कि कई विधायक और कुछेक मंत्री सिर्फ औपचारिकता निभाने का काम कर रहे थे। विधायक और मंत्रियों ने जितनी मेहनत अपने चुनाव में किया था उसका आधा मेहनत भी लोकसभा चुनाव में नही किया है। कई विधायक तो दोपहर बाद घर से निकला करते थे आधा समय चुनाव एवं भाजपा कार्यालयों में बिताकर औपचारिकता निभाया जा रहा था। मंत्री विधायको के सुस्त चुनाव प्रचार का असर भी परिणाम में पड़ेगा ऐसी संभावना जताई जा रही है।
फेरबदल में सरगुजा भी होगा प्रभावित
ऐसी जनचर्चा है कि प्रदेश में यदि मंत्रिमंडल फेरबदल होता है तो इसका असर सरगुजा संभाग पर भी पड़ेगा। वर्तमान में सरगुजा संभाग से तीन मंत्री हैं साथ ही मुख्यमंत्री भी अलग। सरगुजा संभाग से वर्तमान में रामविचार नेताम,लक्ष्मी राजवाड़े और श्यामबिहारी जायसवाल मंत्री हैं लेकिन बतलाया जाता है कि इनमें से कुछ पर गाज गिर सकती है। साथ ही उनके स्थान पर अन्य विधायकों को मौका मिल सकता है। लोकसभा चुनाव में किस मंत्री और विधायक ने कितना काम किया है, इन सभी का रिपोर्ट केन्द्रीय नेतृत्व के पास है और उसी आधार पर मंत्रीमंडल में इनका स्थान तय होगा।
1 पद पर नियुक्ति है बाकी,1 और होगा रिक्त,और हटेंगे कितने
प्रदेश में 90 विधानसभा सीटे हैं उस लिहाज से कुल 13 मंत्री बनाये जा सकते हैं, प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत कुल 12 मंत्री अभी कार्यरत हैं। मंत्री का 1 पद पहले से ही रिक्त रखा गया था,जिसे लोकसभा चुनाव में विधायकों के परफार्मेंश के बाद नियुक्त करने की खबरें आ रही थीं, तो वहीं मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर संसदीय सीट से चुनाव लड़ाया गया है। जाहिर सी बात है बृजमोहन अग्रवाल जैसे अनुभवी नेता जीत नही बल्कि मतों के अंतर के लिए मेहनत कर रहे थे,और परिणाम भी उनके पक्ष में आएगा इसकी पूरी संभावना है। वे चुनाव जीतते हैं तो मंत्रिमंडल में 1 पद और रिक्त हो जाएगा,इसके बाद जैसी संभावना है और जनचर्चा भी है कुछ नए मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है,क्योंकि प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार लोकसभा चुनाव के लिहाज से किया गया था लेकिन कुछेक नए नवेले मंत्री केन्द्रीय नेतृत्व के भरोसे पर कायम नही रह सके और काफी कम समय में ही वे संभावित पहले फेरबदल के पहले नेतृत्व का विश्वास खो चुके हैं ऐसे में संभावना है कि मंत्रिमंडल से 3 मंत्रियों की छुट्टी की जा सकती है,ऐसे में वे 3 कौन मंत्री होंगे इसकी चर्चा ने भाजपा के भीतरखाने में जोर पकड़ लिया है।
क्या सच में ट्रेप हुआ है प्रदेश का एक मंत्री?
प्रदेश में भाजपा सरकार का एक मंत्री लोकसभा चुनाव के ठीक पहले ट्रेप भी हुआ है हलांकि इसकी पुष्टि घटती-घटना अखबार बिल्कुल नही करता,फिर भी जो खबरे लोकसभा चुनाव के पहले मिल रही थी उसकी माने तो राजधानी के एक आलिशान होटल में एक अहम विभाग के मंत्री को लेनदेन की सेटिंग करते हुए ट्रेप किया गया है। बतलाया जाता है कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में विभाग में हुए कामकाज का भुगतान संबधित सप्लायर का बकाया हुआ था,उस राशि के भुगतान के लिए एक मंत्री को होटल में बुलाया गया था जहां पूर्व निर्धारित योजना के तहत कैमरे लगा कर रखे गए थे,राशि भुगतान के लिए 1.5 करोड़ में मामला सेट होने की बात हुई थी और यह सारी बातचीत कैमरे में कैप्चर हो चुकी है। बतलाया तो यह भी जाता है कि केन्द्रीय नेतृत्व के ईशारे पर ही यह ट्रेपिंग कराई गई थी और देश के एक प्रभावशाली नेता के बेटे के कंपनी या उनके परिचितों का यह मामला है। चुकि बात उस दौरान लोकसभा चुनाव की थी इसलिए प्रदेश नेतृत्व ने भी बात को दबा दिया था अब एक बार फिर चुनाव संपन्न होने को है तथा परिणाम के बाद इसकी चर्चा फिर होगी इसकी संभावना व्यक्त की जा रही है।