रायपुर@अब न कोई गड़बड़ न घोटाला छत्तीसगढ़ में फिर से ऑनलाइन ई-ट्रांजिट पास शुरु

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रायपुर,
17 मई 2024 (ए)। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार में चल रही कोयला लेवी घोटाले वाली व्यवस्था को विष्णुदेव साय सरकार ने बंद कर दिया है। राज्य में अब कोयला सहित अन्य खनिजों के परिवहन के लिए आनलाइन ई-ट्रांजिट पास व्यवस्था की फिर से शुरुआत हुई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मीडिया एक्स पर इसकी जानकारी दी।
उन्होंने लिखा है कि अब न कोई गड़बड़ न घोटाला छत्तीसगढ़ सरकार में ईमानदारी का बोलबाला ज्। खनिज परिवहन व्यवस्था में पारदर्शिता आने से राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। बता दें कि आठ फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री साय ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कोल परिवहन की एनओसी और परमिट के लिए आनलाइन प्रक्रिया करने की घोषणा की थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के अनुसार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान कोयला परिवहन में 540 करोड़ रुपये के घोटाले का राजफाश हुआ है। शासन की अनुमति के बिना ही भौमिकी एवं खनिकर्म विभाग के तत्कालीन संचालक समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई को 2020 को आदेश जारी कर आनलाइन परमिट की प्रचलित व्यवस्था को ख़त्म कर आफलाइन कर दिया था।


और अवैध उगाही की शिकायत मिलने पर ईडी ने मामले में जांच के बाद न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया है। संचालक बिश्नोई अभी जेल में हैं। कोल परिवहन में कोयला एजेंसियों से प्रति टन 25 रुपए कमीशन वसूलने का आरोप है। इस सिंडीकेट से जुड़े लोग वूसली करते थे।


कोयला घोटाले में कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह, गुलाब कमरो, शिशुपाल सोरी, चंद्रदेव प्रसाद राय, यूडी मिंज, आईएएस समीर विश्नोई, आईएएस रानू साहू, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप 
सचिव सौम्या चौरसिया समेत 36 व्यक्तियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज है। इनमें सौम्या चौरसिया, समीर बिश्नोई व रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल, एसएस नाग और निखिल चंद्राकर जेल में बंद हैं।


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