- क्या असफाक की पहुंच मुख्यमंत्री तक…इस वजह से नहीं हो पा रही कार्यवाही?
- असफाक के गुर्गे गाडि़यों में ढोते रहे पैसा वह भी हथियारों के साथ…पर पुलिस के हत्थे नहीं चढेःसूत्र
- यदि आचार संहिता के दौरान इतने बैरिकेड होने के बावजूद असफाक के गाड़ी पर पुलिस ने नहीं रखी नजर तो अब क्या आचार संहिता के बाद होगी कार्यवाही?
–ओंकार पाण्डेय –
सूरजपुर,16 मई 2024 (घटती-घटना)। पूरे देश में आचार संहिता लागू है और सभी राज्य के जिलों की सीमा पर पुलिस तैनात है ताकि कोई भी अवैध गतिविधियां न हो सके और इस बीच भी यदि अवैध कारोबार होता रहे तो सवाल उठना लाजमी है,विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार असफाक उल्ला का कारोबार किसी से छुपा नहीं है फिर भी कार्यवाही का इंतजार आज तक है आचार संहिता के दौरान भी असफाक का नगद पैसा इस जिले से उस जिले अन्य गाडियों से आता जाता रहा उनके गुर्गे हथियार लेकर पैसे लाने का काम करते रहे पर पुलिस के हत्थे कोई नहीं चढ़ पाया? अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस की मुखबिरी ध्वस्त हो चुकी है? सूत्रों का दावा है कि पूरे आचार संहिता के दौरान असफ़ाक उल्ला के गुर्गे अलग-अलग गाडियों से कैश लेकर आते-जाते रहे हर गाडियों में गुर्गों के पास हथियार भी मौजूद रहता है मतलब की कहा जाए तो गैर कानूनी हथियार अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि असफ़ाक का व्यापार कितना खतरनाक है…पर समझ तो यह नहीं आ रहा कि इतनी सारी जांच एजेंसियां जिन तक यह खबरें पहुंच रही है फिर भी वह असफाक के कारोबार का पता नहीं कर पा रही हैं? जहां एक तरफ शिवा साहू पर पुलिस की कार्यवाही जारी है इनाम तक की घोषणा हो चुकी है पर वही असफाक के गिरेबान पर हाथ डालने से भी क्यों बचा जा रहा? असफाक के गुर्गों का कहना है कि सीधे मुख्यमंत्री तक उसकी पहचान है पर सवाल यह उठता है कि क्या सही में मुख्यमंत्री तक पहचान है जिसकी वजह से कार्यवाही आज भी बाट जोह रही है, इनकम टैक्स,जीएसटी विभाग सहित स्वतंत्र एजेंसियां सभी तक यह खबरें पहुंच चुकी है फिर भी उनके मुखबिर भी उन्हें जानकारी नहीं दे पा रहे हैं जो उनके लिए काम करते हैं?
असफाक का कारोबार क्या संरक्षण प्राप्त कारोबार है…
असफाक उल्ला का पैसा दुगना करने का कारोबार क्या संरक्षण प्राप्त कारोबार है यह भी एक बड़ा सवाल है। लगातार खबरों के माध्यम से असफाक उल्ला के कारोबार को लेकर जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है निवेश करने वालों में कमी भी आई है लेकिन जागरूक नहीं होने वाले लोगों में वह लोग हैं जो जिम्मेदार हैं जांच और कार्यवाही के लिए…असफाक का कारोबार किस मामले का है कैसे वह पैसा लोगों का दुगना कर रहे हैं यह जानने का प्रयास कोई नहीं कर रहा खासकर पुलिस,आयकर विभाग या अन्य जांच एजेंसियां जिसके बाद यह कहा जा सकता है की असफाक उल्लाह का पूरा व्यवसाय संरक्षण प्राप्त है।
क्या सभी का हिस्सा तय करके असफाक उल्ला ने सभी का मुंह बंद कर रखा है?
असफाक उल्लाह के व्यवसाय के अनवरत जारी रहने को लेकर यह भी कहा जा सकता है की क्या उसने सभी का हिस्सा तय कर रखा है इसलिए उसका व्यवसाय अनवरत जारी है। अब मामला जो भी हो हकीकत जो भी हो लेकिन असफाक के कारोबार की लगातार हकीकत सामने आने के बाद भी जिम्मेदार लोगों का मौन रहना कार्यवाही नहीं करना साबित करता है की सभी का हिस्सा तय है इसलिए असफाक उल्लाह पर कार्यवाही करने कोई तैयार नहीं है।
क्या इसी तरह प्रदेश होगा अवैध कारोबार मुक्त,मुख्यमंत्री के अवैध कारोबार मुक्त प्रदेश अभियान का क्या ऐसे ही होगा पालन?
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एक तरफ प्रदेश में अवैध कारोबार पर पूरी तरह से अंकुश लगाने का निर्देश जारी कर रखा है वहीं असफाक जैसे लोग खुलेआम प्रदेश में लोगों को ठगने का व्यवसाय कर रहे हैं जो चिटफंड का व्यवसाय है और जिसके सट्टा बाजार से भी जुड़े होने की आशंका है। वहीं असफाक उल्लाह के व्यवसाय को लेकर कोई भी जिम्मेदार जांच विभाग ध्यान नहीं दे रहा है यहां तक की पुलिस भी मौन है। अब सवाल उठता है की क्या असफाक उल्लाह के अवैध कारोबार को बढ़ावा देकर मुख्यमंत्री के अवैध कारोबार मुक्त प्रदेश के अभियान को सफल बनाया जा सकता है।