कोरिया,@नाग देवता का रेस्क्यू करने पहुंची वन विभाग की टीम को ग्रामीणों ने नही करने दिया रेस्क्यू….कहा: समिती बनाकर करेंगे नागदेवता की रक्षा

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-संवाददाता-
कोरिया,14 मई 2024 (घटती-घटना)।
पहले आपको बताया था कि कोरिया के ग्राम चारपारा स्थित एक निजी तालाब में एक नाग तैरता रहता है और लोग उसे न सिर्फ छू रहे है बल्कि उसकी पूजा भी कर रहे है, छाीसगढ़ ने सबसे पहले बताया था कि इस तरह नाग के साथ खेल करने पर उसके काटने से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है, पर अब कोरिया वन मंडल की डीएफओ प्रभाकर खलखो की पहल पर नाग का रेस्क्यू करने पहुंची पर ग्रामीणों ने रेस्क्यू करने से रोक दिया, ग्रामीणों ने समिति बनकर तालाब से सबको बाहर कर दिया है और जिसको भी अब दर्शन करना है वो अब बाहर से ही दर्शन करेगा। जिसके बाद वन विभाग की टीम ने अपने पैर खिंच लिए और बिना रेस्क्यू किए लौट गए। निजी तालाब के मालिक के भाई कृष्ण पैकरा का कहना है कि इससे लोगो की आस्था जुड़ी हुई है, इनकी हम रक्षा करेंगे, तालाब के अंदर लोगो की आवाजाही बन्द कर दी गई है जिसको दर्शन करना है वो बाहर से ही दर्शन करेगा। हम लोगो ने वन विभाग को रेस्क्यू करने से रोक दिया है। सबसे पहले छाीसगढ़ के द्वारा बताए जाने के बाद देश से लेकर राज्य स्तर के मीडिया का जमावड़ा यहां लगा रहा, अब हम आपको सबसे पहले बता रहे है कि अब नाग का रेस्क्यू करने चिरमिरी रेंजर एसडी सिंह के नेतृत्व में टीम पहुंची और बैरंग लौट गई। उनके आने से पहले ग्रामीणों ने तालाब से लोगो को दूर कर दिया था ताकि और किसी की जनहानि न हो सके। क्योंकि अब तक आने वाले लोग आस्था के नाम पर नाग को छू रहे थे ऐसे में कभी भी पलट कर ऐसे लोगो को डस सकता है। क्योंकि एक व्यक्ति की उसी के काटने से मौत हो चुकी है।


ग्रामीणो ने कहा कि वो अब कोई हादसा नही होने देंगे,महिलाएं विरोध कर रही थी जिस पर तहसीलदार ने कहा कि मनोरंजन का साधन बना रखा है, ऐसे में किसी को मौत होगी तो कौन जिम्मेदार होगा, उन्होंने कहा कि किसी की जान की कीमत पर किसी भी कीमत पर उसे यहां नही रखा जा सकता

नाग को लेकर जाने को लेकर ग्रामीणों में काफी गुस्सा देखा , लोग नाग को लेने इधर उधर भटकने लगे, अधिकारी भी ग्रामीणो की हरकत देखे फटाफट भागे, नाग को लेकर पुलिस पहले से एलर्ट थी और उसे दूसरे रास्ते से बैकुण्ठपुर की ओर निकल गए।

चारपारा के ग्रामीणो का कहना है कि नाग देवता किसी का कुछ नही कर रहा है जिसकी मौत हुई है उसने जबरन उसे गले मे डाला था बाद में जिला अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इससे पहले नाग को दूध पिलाने और उसकी पूजा करने का सिलसिला बीते 18 दिन से जारी है, यहां न सिर्फ कोरिया बल्कि सरगुजा से लेकर कोरबा जिले तक के लोग आकर नाग का दर्शन लाभ ले रहे है, कोई इसे आस्था तो कोई इसे अंधविश्वास कह रहा है, नाग का ये मामला सोशल मीडिया में काफी ट्रेंड कर रहा है। जो यहां आता वो नाग के साथ सेल्फी और उसका वीडियो बनाने से जुट जाता है, हर कोई नाग की फोटो वीडियो बनाने की कोशिश में रहता। आज भी सुबह से लगभग 2 हजार से ज्यादा लोग यहां पहुंच चुके है, खीर बनाकर प्रसाद बांटा जा रहा है, महिलाओं की संख्या ज्यादा है कई महिलाएं झुप भी रही है।

विज्ञान कहता है कि माग दूध भही पीता, परंतु यहां नाग को दूध पीते लोगो ने देखा कि नाग तैरते हुए लोगो के पास पहुंचता और फिर उसके मूड के हिसाब से लोगो द्वारा लाए दूध को पी जाया करता। बस यही कारण लोग अपने साथ नारियल, अगरबत्तीऔर दूध लेकर यहाँ पहुंच रहे है।

एडिशनल एसपी,तहसीलदार व एसडीएम के मौजूदगी में वन विभाग ने किया नाग का रेस्क्यू

वन विभाग की रेस्क्यू टीम को नाग को रेस्क्यू करने से ग्रामिणो के रोके जाने के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है, मौके पर सबसे पहले एडिशनल एसपी मोनिका ठाकुर उसके बाद तहसीलदार और फिर एसडीएम, तहसीलदार बैकुण्ठपुर ने पहुंच कर नाग का रेस्क्यू करवाया और वन विभाग की टीम ने उसे रामगढ़ के जंगलों में छोड़ दिया। इनसाइड स्टोरी की ग्रामीणों के रेस्क्यू न करने देने की खबर के बाद प्रशासन हरकत में आ गया और मौके पर एसडीएम तहसीलदार और राजस्व अमले को भेजा, पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई। अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाइश दी, तहसीलदार ने पहुंचते ही तालाब से लोगो को बाहर जाने को कहा, सभी को उन्होंने बाहर निकाला, उसके बाद चिरमिरी से सांप पकड़ने वाले अंकित ने तालाब में पहुंच कर नाग को पकड़ा और उसे पीले रंग के बैग में भरकर ले जाया गया।


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