नई दिल्लीपीएम मोदी ने तीसरी बार वाराणसी से भरा नामांकन

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नई दिल्ली ,14 मई 2024 (ए)।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है। पीएम मोदी ने मंगलवार (14 मई) को 4 प्रस्तावकों और सीएम योगी की मौजदूगी में पर्चा भरा। उनके प्रस्तावकों में गणेश्वर शास्त्री, बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा और संजय सोनकर शामिल रहे। पीएम मोदी की ओर से दाखिल किए गए एफिडेविट के मुताबिक, उनकी चल संपत्ति में 2014 और 2019 के बीच 52 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उनकी ज्यादातर चल संपत्ति भारतीय स्टेट बैंक में 1.27 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में है.। एफिडेविट में पीएम मोदी ने ये भी जानकारी दी कि वो हर साल कितना इनकम टैक्स भरते हैं।
एफिडेविट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इनकम का प्राइमरी सोर्स उनकी गवर्नमेंट सैलरी और उनकी सेविंग्स पर मिला इंटरेस्ट है। 2024 के एफिडेविट के मुताबिक, पीएम मोदी ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में 3 लाख 33 हजार 179 रुपये का इनकम टैक्स भरा है।


पीएम मोदी ने एफिडेविट में अपने पिछले 5 साल के इनकम का भी ब्योरा दिया है। 2018-19 में उनकी इनकम 11 लाख 14 हजार 230 थी. 2019-20 में उनकी इनकम 17 लाख 20 हजार 760 हुई।. 2020-21 में पीएम की इनकम 17 लाख 07 हजार 930 हुई। 2021-22 में उनकी इनकम 15 लाख 41 हजार 870 थी. वहीं, 2022-23 में प्रधानमंत्री को 23 लाख 56 हजार 080 रुपये का इनकम हुआ है।


पीएम नरेंद्र मोदी ने एफिडेविट में जानकारी दी कि 31 मार्च 2019 तक उनके पास 38,750 रुपये कैश फॉर्म में थे। मोदी के बैंक में 4,143 रुपये जमा हैं। जबकि 2014 में दाखिल किए गए एफिडेविट के मुताबिक, पीएम मोदी के पास 32700 रुपये कैश, 26.05 लाख रुपये का बैंक बैलेंस और 32.48 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट थी।


एफिडेविट के मुताबिक, पीएम मोदी के पास न तो कोई घर है और नहीं कोई कार।. उनके पास 4 गोल्ड रिंग है, जिसकी कीमत 2 लाख के आसपास है.


प्रधानमंत्री के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक वहां मौजूद थे जिनका नाम पंडित गणेश्वर शास्त्री,बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा और संजय सोनकर है। पंडित गणेश्वर शास्त्री ने ही अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकाला था, ये ब्राह्मण समाज से हैं।बैजनाथ पटेल ओबीसी समाज से आते हैं और संघ के पुराने और समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। लालचंद कुशवाहा भी ओबीसी समुदाय से हैं.संजय सोनकर दलित समाज से हैं।


साधारण तौर पर उम्मीदवार प्रस्तावकों को लेकर बहुत गंभीर नहीं होते हैं। इसी लोकसभा चुनाव के दौरान सूरत सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के प्रस्तावकों के हस्ताक्षर का मिलान नहीं हो पाया था। हालांकि पीएम मोदी अपने कदमों से विरोधियों को चौकाते रहे हैं। प्रधानमंत्री ने 4 प्रस्तावकों में से समाज के सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है। पंडित गणेश्वर शास्त्री के तौर पर उन्होंने ब्राह्मण समाज को संदेश दिया है। वहीं बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा के तौर पर उन्होंने ओबीसी जातियों के बीच एक मैसेज देने का प्रयास किया। वहीं दलित समाज से आने वाले संजय सोनकर के माध्यम से उन्होंने दलितों को संदेश दिया है।


पीएम मोदी ने 4 प्रस्तावकों के माध्यम से कई तरह के समीकरण को साधा है। जानकार इसे बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग के तौर पर देख रहे हैं। साथ ही अयोध्या के राम मंदिर के मुद्दे को भी पीएम मोदी लोगों के बीच जिंदा रखना चाहते हैं।. पंडित गणेश्वर शास्त्री प्रधानमंत्री के प्रस्तावक बने हैं। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकाला था। ओबीसी समाज से आने वाले प्रस्तावक बैजनाथ पटेल और लालचंद कुशवाहा के मार्फत पीएम मोदी ने पूर्वांचल और बिहार की राजनीति को साधने की कोशिश की है। पूर्वांचल के क्षेत्रों में जहां पटेल वोटर्स की बहुलता रही है वहीं बिहार में कुशवाहा दूसरी सबसे बड़ी ओबीसी जाति है।.


कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार जातिगत गणना और प्रतिनिधित्व के मुद्दे पर बीजेपी को घेरते रहे हैं। पीएम मोदी ने संसद में कहा था कि उनकी नजर में देश में चार ही जाति है। नारी, युवा, किसान और गरीब यही चार इस देश में जातियां है। बिहार में हुए जातिगत गणना में ओबीसी समाज की आबादी लगभग आधी रही थी। प्रधानमंत्री ने अपने प्रस्तावकों में दो ओबीसी जाति के लोगों को जगह देकर सम्मान देने की कोशिश की है।


20 मई को पांचवे चरण में उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज,लखनऊ,रायबरेली,कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज,अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फेतहपुर,और गोंडा में चुनाव होंगे। वहीं छठे चरण में भी सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर,श्रावस्ती,डुमरियागंज,बस्ती,संत कबीर नगर,लालगंज,आजमगढ़,जौनपुर, मछली शहर और भदोही लोकसभा सीट पर चुनाव होंगे। ये वो सीटें हैं जिन सीटों पर ओबीसी आबादी की संख्या कई जगहों पर 60 प्रतिशत से भी अधिक है.। प्रधानमंत्री अपने प्रस्तावकों के माध्यम से इन सीटों के मतदाताओं को संदेश देना चाहते हैं।


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