- आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में असफाक उनके पिता संदेह के घेरे में…जांच की जहमत उठाएगा कौन?
- असफाक के एजेंट सक्रिय एजेंट की तरह लोगों से निवेश करवा रहे हैं पैसे, एजेंट ले रहे पैसे वापसी की गारंटी
- क्या पुलिस के कर्मचारी भी लगा रखे हैं पैसे क्या इसी वजह से नहीं हो रही है कार्यवाही?
- जिनकी औकात कभी बाइक चढ़ने की नहीं थी अशफाक के पास पैसे लगाकर चल रहे हैं थार जैसे कार में…
-ओंकार पाण्डेय-
सुरजपुर,11 मई 2024 (घटती-घटना)। प्रदेश के सारंगढ़-बिलाईगढ़ के शिवा साहू जो लोगों को पैसा दुगना करने का लालच देकर उनका पैसा अपने पास निवेश करवाते थे और आठ महीने में पैसा दुगना करने का वह वादा करते थे के ऊपर अब कानून का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है और एक और प्राथमिकी शिवा साहू के ऊपर एक किसान के आवेदन पर दर्ज हुई है जिसने 26 लाख रुपए के ठगी का आरोप शिवा साहू पर लगाया है। मामला चिटफंड जैसे व्यवसाय से जुड़ा हुआ है और शिवा साहू पर पहले भी प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है वहीं वह फिलहाल फरार है साथ ही उसके परिजनों से पुलिस की पूछताछ जारी है। शिवा साहू का नाम प्रदेश में खासकर सारंगढ़-बिलाईगढ जिले में हाल ही में कुछ महीनों से प्रसिद्ध हुआ था जब उसके महंगे शौक महंगी गाडि़यों में उसका घूमना और लोगों को भी गाडियां और महंगे उपहार देने का मामला उजागर हुआ था साथ ही यह भी बात पता चली थी की वह कम समय में लोगों के पैसे दुगने कर देता है और वह शेयर मार्केट में पैसा निवेश कर ऐसा करता है जिसके कारण उसके पास लोगों ने जमकर निवेश किया और जबतक निवेश उसके पास आता रहा वह लोगों को पैसे वापस समय पर करता रहा वहीं जब आवक कम हो गई वह निवेश की गई राशि लौटा पाने में असमर्थ हो गया और अब वह फरार है क्योंकि पैसा निवेश करने वाले अपना पैसा वापस मांग रहे हैं और वह वापस कर पाने में असमर्थ है फरार है। शिवा साहू की ही तरह सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिले का एक नाम भी इसी तरह हाल फिलहाल में प्रसिद्ध हुआ है जो लोगों को उनका पैसा जल्द दुगना करने का लालच दे रहा है जिसकी वजह से लोग उसके पास पैसे निवेश कर रहे हैं और वह निवेश करने वालों को खासकर ज्यादा निवेश करने वालों को महंगे उपहार भी प्रदान कर रहा है जिसमे महंगी गाडियां शामिल हैं वहीं महंगे मोबाइल सहित अन्य उपहार भी वह लोगों को प्रदान कर रहा है जैसा जो निवेश कर रहा है उस हिसाब से… सुरजपुर जिले के बसदेई पुलिस चौकी अंतर्गत आने वाले ग्राम शिव प्रसाद नगर का निवासी असफाक उल्लाह आजकल अपने पैसा दुगना करने वाले स्कीम के चलते काफी प्रसिद्ध है और वह काफी महंगे शौक भी रखने लगा है वहीं वह काफी संपत्ती भी इसी व्यवसाय से अर्जित कर चुका है। असफाक उल्लाह के पास विदेशी गाडि़यों सहित देश में निर्मित महंगी गाडियां हैं वहीं वह अन्य महंगे शौक भी रखता है।
महज 22 साल की उम्र में असफाक की ख्याति कैसे बढ़ी?
लगातार प्रकाशित हो रही खबर से सूरजपुर जिले के एक व्यापारी जो लोगों का पैसा करते हैं दुगना आ रही है उसके कारोबार में गिरावट, क्या उसके बौखलाहट में पत्रकार विरोधियों के साथ मिलकर रची गई कई प्रकार की साजिश, सरगुजा संभाग में पैसा दुगना करने को लेकर एक नाम काफी चर्चा में है फिलहाल इसकी चर्चा पूरे प्रदेश में हैं और बड़े-बड़े व्यापारी इसके पास पैसा निवेश कर रहे हैं और अच्छा खासा कमीशन वह पा रहे हैं, अब कमीशन कहें या फिर ब्याज का कारोबार यह समझ के परे है, असफ़ाक नाम का व्यक्ति इस समय लोगों के पैसे दुगना करने व लोगों को कार, मोटरसाइकिल व महंगे मोबाइल गिफ्ट करने को लेकर सुर्खियों में है, यह बात जनचर्चा का विषय है, असफ़ाक के पास अच्छे-अच्छे व्यापारी सहित कई लोग अपना पैसा निवेश कर रहे हैं और उससे अच्छा खासा रिटर्न लेकर अपने पैसे को दुगना करने की जुगत में है, पर सवाल यह है कि यह कारोबार कैसा है अवैध है या फिर वैध यदि वैध होता तो अभी तक इसकी जानकारी सभी को हो जाती, आखिर महज 22 साल की उम्र में एक युवा लड़का इतना संपत्ती कैसे अर्जित कर रहा है, शॉर्टकट तरीके से पैसे कमाने की चक्कर में कहीं युवा खुद भी तो किसी साजिश का शिकार तो नहीं बन रहा है? और लोगों को भी जोखिम में तो नहीं डाल रहा है? अभी हाल में सूत्रों से पता चला है की उक्त युवा खबरों से काफी परेशान है।
जीएसटी नंबर हाल में ही जारी हुए फिर भी पहले से होते रहा करोड़ों का ट्रांजेक्शन:सूत्र… फिर भी विभाग मौन क्यों?
असफाक और उनके पिता एक फर्म के संचालक हैं जिसमे उनके पिता का नाम संचालक के रूप में दर्ज है। असफाक और उनके पिता के नाम से संचालित फर्म का नाम केजीएन है और जिसका रजिस्ट्रेशन जीएसटी नम्बर हाल ही में प्राप्त हुआ है। असफाक उल्लाह के पिता का रजिस्ट्रेशन जहां कुछ माह पूर्व का है वहीं उनका खुद का इसी माह का रजिस्ट्रेशन है। ऐसे में सवाल यह उठता है की इसके पहले वह जो लाखों का करोड़ों का ट्रांजेक्शन करते रहे वह कैसे संभव हुआ और उसपर संबंधित जिम्मेदार विभाग की नजर क्यों नही पड़ी। वैसे सूत्रों की माने तो जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने से पूर्व से ही असफाक उल्लाह का व्यवसाय बड़े स्तर पर जारी है और आर्थिक लेनदेन बड़े स्तर पर होता चला आ रहा है ऐसे में वह कैसे यह लेनदेन करते चले आ रहे हैं जिसपर किसी की नजर नहीं पड़ी यह बड़ा सवाल है। सूत्रों का यह भी कहना है की जांच होने पर बहुत बड़े मामले का खुलासा होगा जो अप्रत्याशित होगा।
सिर्फ बिल बेचते हैं व्यापार के नाम पर…
दुकान तो काफी आलीशान व बड़ा बनाया गया है पर इस दुकान में सामान से ज्यादा कुछ बिकता है तो जीएसटी वाला बिल,जीएसटी वाले बिल की कहानी भी कुछ अजीबोगरीब है सामान मत लिजिए और उसके एवज में आपको बिल मिल जाएगा,ताकि आप जहां चाहे वहां बिला लगा सकते हैं यदि इनके जीएसटी बिल की भी जांच की जाए तो देखा जाएगा कि सरगुजा संभाग के बाहर के लोग इनसे जीएसटी बिल खरीदते हैं अब समझ में यह नहीं आता है कि आखिर क्या सरगुजा के बाहर के लोगों को वहां पर हार्डवेयर दुकान नहीं मिलती जो यहां से बिल लेने शिवप्रसादनगर आते है यह भी एक जांच का विषय है इस पर भी यदि संबंधित विभाग जांच करें तो परत दर परत कई राज खुलेंगे।
3 साल में इनकम 16 लाख कैसे पहुंची…आखिर इनकम का क्या है सोर्स?
22 वर्षीय युवा का व्यापार से जुड़े कई सवाल है सवालों के जवाब तलाशने के लिए यदि जांच एजेंसी निकल जाए तो परत दर परत सारी चीज साफ हो जाएगी पर आखिर सवालों के जवाब खोजने प्रशासन भी जहमत नहीं उठा रहा आखिर ना जाने उसे किस घड़ी का इंतजार है? सूत्रों से मिले दस्तावेज के अनुसार असफ़ाक की आय 2020 से लेकर 2022 तक 5 लाख के अंदर थी जो उसका इनकम टैक्स रिटर्न बताता है पर वही 2023 में उसकी आय अचानक बढ़कर 16 लाख पार कर गई, सूत्रों का यह भी कहना है कि टैक्स 2 से 3 लाख जमा भी किया गया पर 16 लाख का रिटर्न तो भर दिया गया पर 16 लाख के रिटर्न का सोर्स क्या है? यह नहीं बताया गया यह भी आयकर विभाग के लिए एक जांच का अहम पहलू है…पर जांच होगी कि नहीं यह तो समय पर पता चलेगा। आखिर एक साल में 16 लाख की इनकम कैसे हुई किस काम से हुई यह बहुत बड़ा पहलू है जो पूरे राज को खोलकर रख देगा।
आयकर व जीएसटी विभाग सहित अन्य जिम्मेदार विभाग असफाक के मामले में मौन क्यों?
खबर लगातार प्रकाशित हो रहे हैं और यह आशंका जाहिर की जा रही है की चिटफंड जैसा कोई व्यापार है यह जो जारी है जहां पैसा दोगुना किए जाने का लालच दिया जा रहा है। वैसे असफाक और उनके पिता के नाम से केजीएन हार्डवेयर नाम की फर्म है जिसमें असफाक के पिता फर्म के संचालक हैं। वैसे केजीएन फर्म का रजिस्ट्रेशन साथ ही उसका जीएसटी नम्बर हाल ही में जारी हुआ है जिसमे असफाक उल्लाह के पिता का जीएसटी हार्डवेयर रजिस्ट्रेशन कुछ माह पूर्व का है वहीं असफाक का जीएसटी रजिस्ट्रेशन इसी माह का है जबकि सूत्रों की माने तो उनका व्यवसाय वर्षों से जारी है और करोड़ों का लेनदेन वह अपने खातों से करते रहे हैं। वैसे पूरे मामले में सवाल यह उठता है की क्या जब बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन के करोड़ों का लेनदेन ट्रांजेक्शन होता रहा तब आयकर विभाग का ध्यान इस ओर क्यों नहीं गया?
क्या असफाक को भाजपा नेताओं का भी मिल रहा संरक्षण?
प्रदेश में भाजपा की सरकार है वहीं असफाक जहां से और जिले से व्यवसाय कर रहे हैं वहां से कैबिनेट मंत्री प्रदेश सरकार में बनाई गई हैं अब इसके बावजूद असफाक के चिटफंड कारोबार और शिकंजा नहीं कसा जाना यह साबित करता है या आशंका उत्पन्न करता है की कहीं न कहीं असफाक उल्लाह मामले में भाजपा नेताओं का उसे संरक्षण प्राप्त है वरना वह इस स्तर पर चिटफंड का कारोबार नहीं कर पाता।
पांडवपारा,पटना,सुरजपुर,अम्बिकापुर,मनेंद्रगढ़,बैकुंठपुर में असफाक उल्लाह के एजेंट हैं सक्रिय
असफाक के एजेंट कई जगह सक्रिय हैं और अब वह अलग-अलग जगह भी सक्रियता बढ़ा रहे हैं क्योंकि जहां असफाक के व्यवसाय की पोल लोग समझ जा रहे हैं या जहां के लोग निवेश कम करते जा रहे हैं उसके बाद एजेंटों को उसके नए निवेश करने वालों की तलाश के लिए अलग अलग-जगह जाना पड़ रहा है जहां वह जा रहे हैं। अभी असफाक उल्लाह के एजेंट सबसे ज्यादा यदि किन्हीं जगहों पर सक्रिय हैं तो वह जगह हैं पाण्डवपारा,पटना,सूरजपुर,बैकुंठपुर,अंबिकापुर,मनेंद्रगढ़,चिरमिरी,इन जगहों पर असफाक उल्लाह के अनगिनत एजेंट सक्रिय हैं जो अपने प्रभाव पहचान के लोगों का पैसा असफाक के पास दुगना करने के नाम पर निवेश करवा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो असफाक के यह एजेंट अपना चेक भी बकायदा सेक्युरिटी के लिए लोगों को प्रदान कर रहे हैं वहीं सेक्योरिटी के लिए असफाक उल्लाह का कोई चेक किसी निवेशक को एजेंट प्रदान नहीं कर रहे हैं। एक तरह से देखा जाए तो पैसा डूबने की स्थिति में जो डूबना तय है असफाक उल्लाह पर सीधे कोई आरोप नहीं लगा पाएगा और निवेशक एजेंट तक ही आरोप मढ पाएगा जिससे असफाक बच निकलेगा। कुल मिलाकर असफाक उल्लाह के लिए उसके एजेंट एक तरह से सुरक्षा कवच का भी काम कर रहे हैं एक तरह से उसका गुर्गा बनकर काम कर रहे हैं।
कौन हैं सूरजपुर पुलिस विभाग में पदस्थ पुलिसकर्मी व आईजी कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी हैं जो कर रहे हैं असफाक की मदद,प्रदान कर रहे हैं संरक्षण?
सूत्र बताते हैं कि असफाक उल्लाह को सूरजपुर जिले में पदस्थ कुछ पुलिसकर्मियों का संरक्षण मिल रहा है वहीं उसे आईजी कार्यालय में पदस्थ किसी पुलिस कर्मचारी का संरक्षण भी मिल रहा है जैसा वह खुद कहीं बोलता सुना गया है। वैसे यह कौन पुलिस कर्मी हैं जो कानून की रक्षा करने की बजाए असफाक उल्लाह पर कानून का शिकंजा कसने की बजाए उसे बचाने में लगे हुए हैं लोगों के जीवन भर की कमाई जो लोग डुबाने में असफाक उल्लाह के साथ मिलकर काम कर रहे हैं यह बड़ा सवाल है। वैसे सूत्रों का कहना है की असफाक उल्लाह को यही लोग सलाह देते हैं और संरक्षण देते हुए कानून से बचाते हैं जिनका नाम भी जल्द घटती-घटना जरूर प्रकाशित करेगा।
असफाक के मित्र…उसके साथ पढ़ने वाले…उसके रिश्तेदार…सहित उसके गांव के लोग कर रहे उसके लिए एजेंट का काम
सूत्रों की माने तो असफाक के लिए एजेंट का काम उसके साथ पढ़ने वाले लोग,उसके मित्र उसके रिश्तेदार वहीं उसके गांव के लोग कर रहे हैं। असफाक अपने सभी परिचितों को अपना एजेंट बना चुका है और सभी को एक तरह से अपने चिटफंड कारोबार में वह एक तरह से भागीदार बना चुका है जो भागीदारी केवल जोखिम तक ही सीमित है वहीं उसके एवज में उन्हें कुछ आर्थिक लाभ वह प्रदान कर देता है। थोड़े पैसे के लालच में उसके मित्र,उसके सहपाठी,उसके रिश्तेदार उसके गांव के लोग अपने परिचितों को चुना लगाने का एक तरह से काम कर रहे हैं जो जल्द ही उन्हे लगने वाला है जब असफाक का व्यवसाय ठप्प होगा चिटफंड का और जब वह पैसा नहीं लौटा पाएगा। ऐसी स्थिति में यह लोग जो उसके एजेंट बने हैं कैसे लोगों का पैसा लौटाएंगे यह बड़ी बात है। वैसे बताया जा रहा है की उसके एजेंट अपना लाभ देख रहे हैं वह अपना पैसा निवेश नहीं कर रहे हैं बल्कि अपने परिचितों का पैसा निवेश करवा रहे हैं और अपना कमीशन ले रहे हैं और उन्हे मालूम है की आज नही कल सभी का पैसा डूबना तय है क्योंकि पैसा निवेश करते ही उसका बंदरबांट हो जा रहा है और एजेंट को उसका तय हिस्सा असफाक उल्लाह प्रदान कर दे रहा है जो बहुत ज्यादा है।
निवेश निश्चित रूप से डूबेगा इसकी आशंका को लेकर घटती-घटना लगातार खबर का प्रकाशन कर रहा है फिर भी कानून के जिम्मेदार हैं मौन?
असफाक का पैसा दुगना करने वाला व्यवसाय फिलहाल बिना रोक-टोक जारी है वहीं कई बार इस मामले में खबर प्रकाशन के बाद भी जिम्मेदार शासकीय विभाग खासकर कानून के हांथ उस तक या तो पहुंच नहीं रहे या पहुंचना नहीं चाह रहे जबकि असफाक उल्लाह का व्यवसाय भी सारंगढ़-बिलाईगढ़ के शिवा साहू की तरह का है जिसके ऊपर कानून का शिकंजा कसा जा चुका है और वह फरार है और अनुमान है की वह लोगों का करोड़ों रुपए दुगना करने के नाम पर अपनी अय्याशी में उड़ा चुका है और राशि नहीं लौटा पाने के कारण ही वह फरार है। शिवा साहू का मामला तब उजागर हुआ तब कानून के शिकंजे में वह फंसा जब लोगों का पैसा वह लौटा पाने में असमर्थ साबित हुआ वहीं यदि कानून अपना काम पहले करता लोगों का पैसा नहीं डूबता और शिवा साहू फरार भी नहीं हो पाता,शिवा साहू की ही तरह असफाक उल्लाह का मामला है सूरजपुर जिले के जहां शिवा साहू की ही तर्ज पर असफाक उल्लाह लोगों का पैसा दुगना करने का व्यवसाय कर रहे हैं वहीं व्यवसाय में आगे चलकर लोगों का निवेश निश्चित रूप से डूबेगा जो बड़ी राशि होगी इसकी आशंका को लेकर घटती-घटना लगातार खबर का प्रकाशन कर रहा है और फिर भी कानून के जिम्मेदार लोग मौन हैं ऐसे में यदि सूरजपुर जिले में शिवा साहू की तर्ज पर लोगों का पैसा असफाक उल्लाह के कारण डूबा तो यह तय हो जायेगा की उसे कानून का संरक्षण प्राप्त था जिम्मेदार सभी शासकीय विभागों का उसे संरक्षण प्राप्त था। जिस तरह शिवा साहू पर कानून का शिकंजा कसा गया है अब जरूरी है की सूरजपुर जिले के असफाक उल्लाह पर भी शिकंजा कसा जाए और उसके व्यवसाय की हकीकत सामने लाई जाए की आखिर वह किस तरह लोगों का पैसा कम समय में दुगना करता है और लोगों का पैसा उसके पास कितना सुरक्षित है।
असफाक को क्या संरक्षण प्राप्त हो रहा है?
सारंगढ़-बिलाईगढ़ के शिवा साहू पर लगातार कानून का शिकंजा कसता जा रहा है वहीं सूरजपुर जिले के असफाक उल्लाह के ऊपर कानून का कोई शिकंजा नहीं कसा जा रहा है जबकि दोनो के व्यवसाय की प्रकृति एक ही है। दोनो लोगों के पैसे को दुगना कम समय में दुगना करने का दावा करते हैं और लोग इसी कारण उनके पास अपना पैसा जीवन भर की कमाई निवेश करते हैं। असफाक उल्लाह को कहीं न कहीं संरक्षण प्रदान किया जा रहा है उसे व्यवसाय करने की वह भी चिटफंड जैसे व्यवसाय की एक तरह से छूट प्रदान की जा रही है जो इस बात से समझा जा सकता है की लगातार समाचार के प्रकाशन के बाद जिसमे चिटफंड जैसे व्यवसाय की आशंका जाहिर की जा रही है आय से अधिक संपत्ती की बात का भी प्रकाशन किया जा रहा है जिम्मेदार विभाग मौन हैं कार्यवाही करने से बच रहे हैं जिससे स्पष्ट है की मामला संरक्षण का है जो असफाक उल्लाह को प्राप्त हो रहा है।
असफाक ने पैसे निवेश के लिए लगा रखे हैं एजेंट, एजेंट पैसे वापसी की गारंटी भी ले रहे हैं…
असफाक ने लोगों के पास पहुंचने का माध्यम जो पैसा निवेश के लिए पहुंचने का एक उपक्रम है के लिए एजेंट नियुक्त कर रखे हैं,असफाक के पास कई एजेंट हैं जो अलग अलग जगहों के हैं। असफाक के एजेंट पूरे प्रदेश में फैले हुए हैं वहीं यह वह लोग हैं जो बेरोजगार हैं और जिन्हे एक तरह से असफाक अपने चिटफंड व्यवसाय के लिए हथियार के रूप में उपयोग कर रहा है। असफाक के यह एजेंट असफाक उल्लाह के पास लोगों का पैसा निवेश करा रहे हैं और ज्यादातर मामलों में एजेंट अपने परिचितों रिश्तेदारों का ही पैसा निवेश करा रहे हैं और पैसा वापसी की वह गारंटी भी दे रहे हैं लोगों को। असफाक खुद पैसा निवेश के लिए कहने अब लोगों के पास नहीं जा रहा है वह एजेंट के माध्यम से पैसा स्वीकार कर रहा है जिसमे वह सीधा नहीं जुड़ रहा है और उसके एजेंट सामने हो रहे हैं। कुल मिलाकर असफाक के व्यवसाय में एजेंट उसके काफी मददगार साबित हो रहे हैं और लोगों तक वह घर घर पहुंच रहे हैं और पैसा निवेश के लिए उन्हे किसी न किसी तरह मना रहे हैं पैसा वापसी की गारंटी दे रहे हैं। अपने परिचित रिश्तेदार से निवेश के लिए कहने पर एजेंट सफल भी हो रहे हैं और लोग पैसा निवेश कर रहे हैं लालच में जो लालच पैसा दुगना करने का कम समय में असफाक उल्लाह के कहने पर उसके एजेंट लोगों को दे रहे हैं।
दो पहिया वाहन भी कभी न खरीद कर चढ़ पाने वाले चढ़ रहे हैं थार जैसी कार,असफाक की है ऐसी है उनके प्रति उदारता
असफाक की उदारता उनके प्रति काफी देखने को मिल रही है जो उसके पास पैसा निवेश कर रहे हैं या पैसा निवेश करवा रहे हैं लोगों का। असफाक ज्यादा पैसा निवेश करने वाले या करवाने वाले लोगों को महंगी गाडियां और महंगे उपहार प्रदान कर रहे हैं जिसमे थार जैसी महंगी कार भी शामिल है। लोगों का कहना है की जो लोग अपनी कमाई का कभी दो पहिया नही खरीद सके कभी उन्हे असफाक के कारण थार जैसी गाडियां मिल रही हैं जो जांच का विषय है। अब यह कौन लोग हैं जो असफाक से महंगी गाडियां पा चुके हैं महंगे उपहार पा चुके हैं यह जांच का विषय होना चाहिए।