चुनाव आयोग ने सरोज पांडेय को जारी किया था नोटिस
मनेंद्रगढ़,10 मई 2024 (ए)। आचार संहिता के दौरान कोरबा लोकसभा के चिरमिरी में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमंत कथा का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम का खर्च कोरबा लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय के चुनावी खर्चे में जुड़ेगा। इसका निर्णय चुनाव आयोग ने कार्यक्रम स्थल की वीडियोग्राफी के आधार पर लिया है।
बता दें कि कोरबा लोकसभा के चिरमिरी के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम गोदरीपारा में 26 अप्रैल को हनुमंत कथा का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ प्रदेश के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी हेलीकॉप्टर से चिरमिरी पहुंचे थे। हनुमत कथा के समापन के दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आयोजकों के नाम का जिक्र करते हुए कोरबा लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल का नाम लेते हुए यह कहा था कि आयोजकों के लिए ताली बजाया जाए और वे मंच पर आएं, क्योंकि उन्होंने खर्चा किया है। कार्यक्रम स्थल की वीडियोग्राफी के आधार पर सरोज पांडेय को इस मामले में निर्वाचन आयोग ने नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब देते हुए सरोज पांडेय ने कहा कि वे इस कार्यक्रम की आयोजक नहीं थी, न ही कार्यक्रम स्थल पर भाजपा का प्रचार हो रहा था। नोटिस के जवाब में सरोज पांडेय ने जवाब दिया था कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कोई कार्यक्रम नहीं करवाया था, लेकिन निर्वाचन आयोग द्वारा कार्यक्रम स्थल की करवाई गई वीडियोग्राफी व कांग्रेस की शिकायत के आधार व पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कबूलनामे के आधार पर निर्वाचन आयोग ने भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय के चुनावी खर्च में कार्यक्रम का खर्च जोड़ने का निर्णय लिया है।.
कितनी है चुनावी खर्च की सीमा
बता दें कि अब तक कोरबा लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय की ओर से दिए गए खर्च यौरे के आधार पर 5 मई तक 51 लाख 67 हजार 953 रुपए खर्च किए गए हैं। खर्च सीमा 90 लाख है. 29 लाख 37 हजार 179 रुपये शेष है। अगर धीरेंद्र शास्त्री के हनुमत कथा का खर्च 30 लाख से ऊपर जाता है तो भाजपा प्रत्याशी तय खर्च सीमा से ज्यादा राशि खर्च करने के मामले में फंसती नजर आएंगी, क्योंकि चिरमिरी में पं.धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम भव्य तौर पर आयोजित हुआ था.। हेलीकॉप्टर से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पहुंचे थे। उनके लिए भव्य डोम के अलावा डोम के दोनों ओर पंडाल भी बनाया गया था।