- कोरिया के पूर्व डीपीएम ने अपने सूरजपुर के अधिकारी को बताया की वह रायपुर अपने भाई का इलाज करने जा रहे हैं पर देखे गए अंबिकापुर संकल्प अस्पताल में
- संकल्प अस्पताल में प्रभारी डीपीएम आखिर किसका वीआईपी ट्रीटमेंट करवा रहे थे?
- सूरजपुर जिले के प्रभारी डीपीएम अपना काम छोड़कर अंबिकापुर संकल्प अस्पताल क्या करने गए थे?
- संकल्प अस्पताल में प्रभारी डीपीएम व एक जिले के कलेक्टर की गाड़ी देखी गई:सूत्र
- इनोवा वाहन में लगा था सायरन व नेम प्लेट की प्लेट थी ढकी हुई…वाहन में पीछे लिखा था छत्तीसगढ़ शासन
-भूपेन्द्र सिंह-
अंबिकापुर/सूरजपुर,10 मई 2024 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग का पूर्व डीपीएम अपने क्रेट कर से छत्तीसगढ़ शासन लिखे इनोवा कार से आए व्यक्ति से मिलने पहुंचे थे, किसी व्यक्ति से मिलने संकल्प हॉस्पिटल अंबिकापुर पहुंच गया,संविदा में होते कोरिया जिले के पूर्व डीपीएम को जो वर्तमान में सूरजपुर जिले में कार्यरत है उसे बेहद सख्त और ईमानदार सूरजपुर कलेक्टर भी नही रोक पा रहे हैं। वहां भी वो अपनी मनमानी से ड्यूटी कर रहे है,इधर कोरिया जिले में अब तक प्रभार उन्होंने नही दिया है और उधर आज तो उसे अम्बिकापुर में देखा गया। आपको बता दें की कोरिया जिले के पूर्व डीपीएम बीते 2 साल से जिला प्रशासन की मेहरबानी से नियमो को ताक में रखकर जमकर वित्तीय अनियमितताएं बरत रहे है, आज तो वह कोरिया जिले में जिला प्रशासन में लगी एक इनोवा कार में अंबिकापुर आये अधिकारी से मिलने अम्बिकापुर पहुंच गये। आखिर इनोवा कार में कौन था जिससे वो मिलने अम्बिकापुर पहुंचा ये बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। वैसे बताया जा रहा है की इनोवा कार में जिले के अधिकारी चलते हैं और जिले में ही वाहन अधिकृत है।
सूरजपुर से फिर कोरिया आने की जुगत में भिड़े हैं प्रभारी डीपीएम
कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग को दीमक की तरह चट्ट कर चुके स्वास्थ्य विभाग के पूर्व डीपीएम जिन्हे सूरजपुर भेजा गया है वह फिर से कोरिया जिला आना चाहते हैं जैसा बताया जा रहा है। बताया यह भी जा रहा है की सूरजपुर जिले में वह उतनी मनमानी नहीं कर पा रहे हैं जितनी वह कोरिया जिले में कर पा रहे थे। अब वह कोरिया जिले में कब वापसी कर पाते हैं यह तो आगे पता चलेगा लेकिन बता दें की वह कोरिया जिला प्रशासन के बड़े अधिकारियों के संपर्क में बने हुए हैं और वह उनकी सेवा भी कर रहे हैं इसलिए उनके कोरिया आने की संभावना प्रबल हो चुकी है।
सूरजपुर के प्रभारी डीपीएम ने जिले के मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी को बताया की जा रहे हैं रायपुर और देखे गए अंबिकापुर में
सूत्रों की ही माने तो पूर्व डीपीएम स्वास्थ्य विभाग कोरिया जिला जो आजकल सूरजपुर जिले के प्रभारी डीपीएम हैं ने अपने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को यह बतलाया कि वह रायपुर अपने भाई को इलाज कराने जा रहे हैं वहीं उन्हे उस दिन अंबिकापुर के संकल्प हॉस्पिटल में देखा गया। सुरजपुर के प्रभारी डीपीएम जब संकल्प हॉस्पिटल अंबिकापुर में देखे गए तब वहां कोरिया जिले के जिला प्रशासनिक अधिकारी के लिए अधिकृत की गई वाहन भी मौजूद थी जो कोरिया जिले के किसी व्यक्ति अधिकारी या उसके परिजन के इलाज के लिए या जांच के लिए पहुंची थी? सुरजपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम अपने अधिकारी से झूठ बोलकर अंबिकापुर गए जो बताया जा रहा है,उन्होंने ऐसा क्यों किया क्या वह कोरिया जिले के अधिकारी के इलाज या जांच का जिम्मा लेकर वहां पहुंचे थे क्या वह कोरिया जिले में अभी भी स्वास्थ्य विभाग में हस्तक्षेप रखते हैं यह उनकी मौजूदगी के बाद सवाल उठता है।
आखिर संकल्प अस्पताल के वीआईपी कमरे में किसका इलाज कराने गए थे सूरजपुर के प्रभारी डीपीएम?
अंबिकापुर के संकल्प अस्पताल में कौन था जो कोरिया से सीजी 16 नंबर वाली इनोवा में आए था जिसका वीआईपी कमरे में ईलाज हो रहा था? और जिस के आगे पीछे डीपीएम घूम के वीआईपी ट्रीटमेंट दे रहे थे? आखिर किसका ईलाज चल रहा था जिसका ईलाज कराने सूरजपुर के डीपीएम जो कोरिया जिले के डीपीएम रह चुके हैं वह पहुंचे थे? सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है की डीपीएम अपनी कार से वहां पहुंचे थे और वह सीधे वीआईपी कमरे में पहुंचे थे वहीं वह कोरिया जिले के किसी व्यक्ति अधिकारी या उसके परिजन के ईलाज या जांच की जिम्मेदारी सम्हाल रहे थे। सूरजपुर जिले में पदस्थ होने के बावजूद कोरिया जिले के अधिकारी के लिए अपने जिले के अधिकारी से झूठ बोलकर कार्य से अनुपस्थित रहना कहां तक उचित है यह भी बड़ा सवाल है।
एनएचएम की कई फ़ाइल गायब
वर्ष 2022 से लेकर वर्ष 2024 मार्च तक कोरिया जिले में स्वास्थ्य विभाग में जमकर खरीददारी की गई,यहां नियमो को ताक में रखकर की गई विाीय अनियमितता में पूर्व डीपीएम और वर्तमान सीएमएचओ की भागीदारी किसी से छिपी नही है,अब चूंकि जांच कभी भी हो सकती है ऐसे में सूत्र बता रहे है कि एनएचएम के ज्यादातर दस्तावेजों को वहां से गायब कर दिया गया। दस्तावेज गायब करने को लेकर कई बार मामले सामने आए है।
क्या प्रभारी डीपीएम को मिल चुकी है छूट कुछ भी करने की?
कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में प्रभारी डीपीएम बतौर काम कर चुके वहीं वर्तमान में सूरजपुर जिले के प्रभारी डीपीएम को क्या कुछ भी मनमानी करने की छूट मिल चुकी है। कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में उनके द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है यह बात किसी से छिपी नहीं है वहीं वह अब सूरजपुर जिले में पदस्थ हैं और वहां भी वह झूठ बोलकर काम कर रहे हैं, जिसकी बानगी तब देखने को मिली जब वह अपने भाई के बीमारी का बहाना बनाकर उसका इलाज कराने की बात कहकर कोरिया जिले से अंबिकापुर पहुंचे किसी व्यक्ति अधिकारी या उसके परिजन का इलाज कराने संकल्प अस्पताल पहुंचे थे। यह एक तरह से मनमानी ही है क्योंकि झूठ बोलकर जाने की क्या जरूरत थी? यदि वह कोरिया जिले के ही किसी का इलाज कराने पहुंचे थे। उन्होंने अपने अधिकारी से झूठ बोला जो की कहीं न कहीं बड़ी गलती है?
प्रभारी डीपीएम को आखिर किसका मिला हुआ है संरक्षण?
प्रभारी डीपीएम सूरजपुर जिले को आखिर किसका संरक्षण मिला हुआ है। कांग्रेस शासनकाल में भी वह मनमानी करते थे वहीं भाजपा शासनकाल में भी उनकी मनमानी जारी है। उनका कौन सा जुगाड ऐसा है जो सत्ता परिवर्तन के बाद भी उनके साथ है। वैसे कांग्रेस शासनकाल सहित भाजपा के सत्ता में वापसी तक वह कोरिया जिले में मनमानी करते रहे वहीं लोकसभा चुनाव के ऐन पहले उन्हे जिले से हटाया गया सूरजपुर भेजा गया लेकिन वहां भी उनकी मनमानी जारी है। उन्हे स्वास्थ्य विभाग में कुछ भी करने की छूट आखिर किसने दे रखी है यह बड़ा सवाल है जो लगातार उठ रहा है चाहे कांग्रेस शासनकाल की बात हो या भाजपा शासनकाल की।