जज ने भी गाने के जरिए उठाए सवाल
नई दिल्ली,08 मई 2024 (ए)। उत्तराखंड की जंगलों में लगी आग के मुद्दे पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में बहस हुई। इस मामले में याचिकाकर्ता और वरिष्ठ एडवोकेट राजीव दत्ता ने उत्तराखंड सरकार पर जमकर निशाना साधा। अदालत ने भी उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाया। इस बीच राजीव दत्ता ने उत्तराखंड सरकार पर तंज करते हुए एक गाने का जिक्र किया उन्होंने कहा, एक लोकप्रिय गाना है, हमने आग शुरू नहीं की। दरअसल राजीव दत्ता अमेरिकी गायक बिली जोएल के एक एल्बम के गाने का जिक्र कर रहे थे यह एल्बम 1989 में सामने आया था। राजीव दत्ता के कमेंट के जवाब में जस्टिस मेहता ने भी एक दूसरे गाने का जिक्र कर उत्तराखंड सरकार पर तंज कर दिया। उन्होंने कहा कि जैसा काम करोगे वैसा ही फल मिलेगा
बारिश या क्लाउड सीडिंग के भरोसे नहीं रह सकतेः एससी
अदालत ने कहा है कि हम बारिश या क्लाउड सीडिंग के भरोसे हाथ पर हाथ धरे बैठे नहीं रह सकते हैं। सरकार को कारगर रूप से कुछ करना होगा। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने आग लगने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए इन पर शीघ्र लगाम लगाने के लिए सरकार को आदेश देने को गुहार लगाई। याचिकाकर्ता ने कहा कि दो साल पहले भी एनजीटी में याचिका लगाई थी। लेकिन अब तक सरकार ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की है. इसलिए मुझे यहां आना पड़ा।
अदालत ने पूछा उत्तराखंड सरकार क्या कर रही है?
जस्टिस गवई ने कहा कि क्या हम इसमें सेंट्रल एंपावर्ड कमिटी को भी शामिल कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से कहा कि आपने देखा होगा कि मीडिया मे जंगलों मे आग की कैसी भयावह तस्वीरें आ रही हैं। क्या कर रही है राज्य सरकार? उत्तराखंड के जंगलों को आग को लेकर जस्टिस संदीप मेहता ने कहा कि हम बारिश और क्लाउड सीडिंग के भरोसे बैठे नहीं रह सकते हैं।
हालात बेहद गंभीर : याचिकाकर्ता
350 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें 62 लोगों को नामजद किया गया है। 298 अज्ञात लोगों की पहचान को कोशिश जारी है। कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार जितने आराम से ब्योरा दे रही है हालात उससे ज्यादा गंभीर हैं। जंगल में रहने वाले जानवर, पक्षी और वनस्पति के साथ आसपास रहने वाले निवासियों के अस्तित्व को भी भीषण खतरा है।
अदालत ने राज्य सरकार को लगायी फटकार
जस्टिस गवई ने कहा कि क्या हम इसमें सीईसी यानी सेंट्रल एंपावर्ड कमिटी को भी शामिल कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से कहा कि आपने देखा होगा कि मीडिया मे जंगलों मे आग की कैसी भयावह तस्वीरें आ रही हैं। क्या कर रही है राज्य सरकार? उत्तराखंड के जंगलों को आग को लेकर जस्टिस संदीप मेहता ने कहा कि हम बारिश और क्लाउड सीडिंग के भरोसे बैठे नहीं रह सकते हैं।