बैकुण्ठपुर@भाजपा लोकसभा प्रत्याशी के मंच पर में दिखा परिवारवाद

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आम कार्यकर्ताओं को किनारे कर परिवार के सदस्यों को आगे किया विधायक और जिलाध्यक्ष ने…
क्या लोकसभा प्रत्याशी बनने तक थी भाजपा से आस्था…प्रत्याशी न बनने के बाद से दिख रहे थे नदारत…चुनाव के तीन दिन पहले प्रत्याशी के साथ आई फोटो?
क्या लोकसभा के टिकट के दावेदार डॉक्टर राकेश शर्मा जिस तरह अपने लिए लोगों का वोट मांगते क्या मौजूद भाजपा प्रत्याशी के लिए मांगेंगे?
डॉ. शर्मा अपने आप को समाज से भी बताते हैं और जन आधार वाला नेता मानते हैं पर क्या उनका जन आधार भाजपा प्रत्याशी के लिए जीत वरदान साबित होगा?


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर,04 मई 2024 (घटती-घटना)। कोरबा लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पाण्डेय का रोड शो गुरुवार को बैकुंठपुर शहर में आयोजित हुआ जो प्रेमाबाग शिव मंदिर से आरंभ हुआ और शहर भ्रमण उपरांत आम सभा के साथ समाप्त हुआ। इस अवसर पर कोरिया जिला भाजपा में भी परिवारवाद की झलकियां देखने को मिली जो भाजपा कार्यकर्ताओं के अंदर ही चर्चा का विषय बना और भाजपा कार्यकर्ता इसको लेकर आपस में बात करते नजर आए।
बता दें की गुरुवार को बैकुंठपुर शहर का साफ्ताहिक बाजार दिवस है और चुनाव के मद्देनजर यह गुरुवार अंतिम गुरुवार था और जिसको लेकर भाजपा ने अलग ही तैयारी की थी जिसमे प्रत्याशी के साथ रोड शो और उसके उपरांत आम सभा का आयोजन किया गया था जिसमे बैकुंठपुर विधानसभा के कई क्षेत्रों से भी पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल होने पहुंचे थे वहीं सोनहत क्षेत्र से भी कार्यकर्ताओं की टोली पहुंची थी। सभी बैकुंठपुर के प्रेमाबाग मंदिर परिसर में इकट्ठा हुए थे और जब लोकसभा प्रत्याशी का आगमन हुआ तब शिव मंदिर में जलाभिषेक कर प्रत्याशी के साथ रोड शो का आयोजन आरंभ किया गया जो शहर भ्रमण पश्चात कुमार साहब चौक में आमसभा उपरांत समाप्त किया गया। इस दौरान रोड शो की तैयारी से लेकर आम सभा संपन्न होने तक कई जगह परिवारवाद की छाप कोरिया भाजपा ने छोड़ी जिसमे कोरिया जिला भाजपा अध्यक्ष के परिवारवाद का उदाहरण सबसे ज्यादा चर्चा में रहा जबकि स्थानीय विधायक का भी परिवारवाद सामने आया लेकिन चूंकि उनकी पुत्रवधू निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं इसलिए उनका मामला भले परिवारवाद की श्रेणी से हटा दिया जाए गुरुवार के कार्यक्रम से लेकिन भाजपा जिलाध्यक्ष कोरिया का परिवारवाद खुलेआम नजर भी आया और जिसका औचित्य भी लोगों के समझ में नहीं आया क्योंकि जिलाध्यक्ष के पुत्र को मंच पर पिता के साथ साथ ही देखा जाता रहा और वह भी प्रमुख भूमिका में वहीं कई कर्मठ कार्यकर्ता पदाधिकारी मंच पर जगह भी नहीं पा सके प्रत्याशी से मुलाकात भी नहीं कर सके जबकि उन्होंने भाजपा के लिए जीवन खपा दिया है। वैसे भाजपा जिलाध्यक्ष की मनमानी पार्टी में कोई नई बात नहीं है लेकिन गुरुवार को मंच पर और प्रत्याशी के रोड शो कार्यक्रम में जो कुछ हुआ जो कुछ नजर आया उससे यह साबित हो गया की भाजपा कोरिया जिले में परिवारवाद को ही लेकर चलने वाली है और वह या उसका परिवारवाद को लेकर दिया जाने वाला बयान कोरिया जिले में कोई औचित्य नहीं रखता है।
क्या लोकसभा के टिकट के दावेदार डॉक्टर राकेश शर्मा जिस तरह अपने लिए लोगों का वोट मांगते क्या मौजूद भाजपा प्रत्याशी के लिए मांगेंगे?
कोरबा लोकसभा से दावेदारी करने वाले डॉक्टर राकेश शर्मा मौका न मिलने पर पूरी तरीके से गायब हो गए थे किसी भी कार्यक्रम में शिरकत करते नहीं दिख रहे थे अचानक वोटिंग से कुछ दिन पहले उनकी तस्वीर अचानक भाजपा के पक्ष में प्रत्याशी के लिए देखने को मिली जैसे ही यह फोटो सोशल मीडिया पर सामने आई चर्चा का विषय बन गया कि आखिर इतने दिनों तक भाजपा के प्रत्याशी के लिए काम करते क्यों नहीं दिख रहे थे डॉ राकेश शर्मा जो खुद अपने लिए टिकट मांग रहे थे पर टिकट उन्हें मिली नहीं उनके जगह सरोज पांडे को कोरबा लोकसभा का प्रत्याशी भाजपा ने तय कर दिया है जिसके बाद से वह एकदम से ही गायब हो गए थे हर कार्यक्रम व संगठन के कार्यक्रम से उनकी दूरी हो गई थी ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा था कि क्या टिकट पाने तक ही उनकी आस्था बीजेपी से थी जैसे ही उन्हें टिकट नहीं मिला उनकी आस्था बीजेपी से खत्म हो गई? तमाम सवाल के बीच में अचानक डॉक्टर शर्मा के द्वारा भाजपा प्रत्याशी के लिए अपने अस्पताल में कार्यक्रम आयोजित किया गया अब यह कार्यक्रम कैसे तय किया गया यह तो अंदर खाने की बात है पर सवाल यही है कि क्या डॉक्टर शर्मा जो अपने आप को काफी जनाधार वाला नेता मानते थे और यह दावा कर रहे थे कि भाजपा यदि उन्हें प्रत्याशी चुनौती है तो भारी मतों से वह जीत दर्ज करेंगे पर क्या वही जीत बीजेपी के प्रत्याशियों को दिला पाएंगे क्योंकि उनका जनाधार इतना है?
कोरिया भाजपा अध्यक्ष के पुत्र किसी जिम्मेदार पद पर नहीं हैं वहीं उनकी हर ऐस जगह उपस्थिति सवाल के घेरे में
भाजपा में कोरिया जिला भाजपा अध्यक्ष के पुत्र किसी जिम्मेदार पद पर नहीं हैं वहीं उनकी हर ऐस जगह उपस्थिति रहती है जहां पार्टी का महत्वपूर्ण कार्यक्रम होता है या फिर कोई बड़ा नेता या प्रमुख नेता आया हुआ होता है। भाजपा के कोरिया जिले का कर्मठ कार्यकर्ता पदाधिकारी भले ही पीछे रह जाए उसे भले ही तवज्जो न मिले भाजपा जिलाध्यक्ष के पुत्र को हर जगह एंट्री मिलती है और जिसकी वजह से अब भाजपा में ही अंदरखाने विरोध के स्वर सुनाई दे रहे हैं। भाजपाई ही अब जिले में कहने लगे हैं की परिवारवाद की बुराई करने वाली पार्टी में जिले में परिवारवाद ही परिवारवाद नजर आ रहा है। योग्यता मेहनत की जगह नेता पुत्र पुत्रवधु होना ही भाजपाई होना है अन्य की महाा बाद में आती है। खैर प्रत्याशी का रोड शो संपन्न हुआ और यह सवाल छोड़ गया की क्या भाजपा में जिले में परिवारवाद की झलक देखने को मिलती रहेगी या कुछ आगे बदलने वाला है।वैसे पूर्व के भाजपा जिलाध्यक्षों की बात की जाए तो किसी ने ऐसा परिवारवाद का उदाहरण नहीं छोड़ा जैसा वर्तमान छोड़ रहे हैं जिससे पार्टी में ही कार्यकर्ताओं के मन में आक्रोश उत्पन्न हो रहा है असंतोष उत्पन्न हो रहा है।
लोकसभा में टिकट की दावेदारी कर रहे डॉक्टर राकेश शर्मा अंतिम समय में नजर आए प्रत्याशी के साथ, लगातार थे नदारद पार्टी कार्यक्रमों से…
गुरुवार को एक और घटनाक्रम देखने को मिला और जिसे बड़ी घटना कहा जा सकता है और वह है कोरबा लोकसभा से विगत दो से तीन सालों से टिकट की मांग भाजपा से कर रहे शहर के डॉक्टर राकेश शर्मा भाजपा प्रत्याशी के साथ नजर आए। बता दें की जबसे कोरबा लोकसभा से डॉक्टर सरोज पाण्डेय को भाजपा ने प्रत्याशी घोषित किया है तभी से डॉक्टर राकेश शर्मा पार्टी कार्यक्रमों से दूरी बनाते नजर आ रहे थे। वह प्रचार प्रसार से साथ ही पार्टी की बैठकों से भी दूरी बनाकर चल रहे थे और माना जा रहा था की वह नाराज हैं टिकट न मिलने से प्रत्याशी न बनाए जाने से। उनके पार्टी कार्यक्रमों से नदारद रहने को लेकर यह भी चर्चा हो रही थी की क्या वह केवल टिकट की चाह तक की पार्टी के लिए वफादार थे टिकट नहीं मिलने की स्थिति में वह पार्टी से किनारा कर लिए हैं। लेकिन गुरुवार को प्रचार के दौर के अंतिम समय में डॉक्टर राकेश शर्मा ने पार्टी प्रत्याशी के साथ तस्वीर साझा की और उन्हे अपने घर बुलाकर स्वागत किया और यह जताने की उन्होंने कोशिश की की वह प्रत्याशी के साथ हैं पार्टी के साथ हैं वैसे अभी तक डॉक्टर राकेश शर्मा प्रत्याशी के लिए वोट मांगने निकले नहीं हैं और चुनाव या मतदान को भी अब कुछ ही दिन गिने चुने बचे हैं ऐसे में वह क्या प्रत्याशी के लिए लोगों से मतदान की अपील करने निकलेंगे या फिर वह केवल प्रत्याशी के साथ तस्वीर साझा कर अपना कोरम पूरा कर चुके और उनका काम खत्म हो गया। वैसे डॉक्टर शर्मा खुद चुनाव लड़ते तो कितना मेहनत करते कैसे लोगों से समर्थन मांगते यह इस चुनाव में उन्हे साबित करना था जिससे भविष्य में उनको लेकर पार्टी या मतदाता कोई विचार बना पाते। खैर देर आए दुरुस्त आए अब डॉक्टर राकेश शर्मा की सक्रियता साबित करेगी की वह पार्टी के लिए कितना मेहनत करते हैं प्रत्याशी के लिए कितना वह जी जान से भिड़ते हैं और चुनाव वह जितवाने में मदद करते हैं।


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