कोरिया/सुरजपुर,@क्यों रेहण्ड जंगल में अवैध रूप से हुए पेड़ों की कटाई व भष्टाचार के मामले पर जांच करने विभागीय अधिकारियों का छुट रहा पसीना?

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-रवि सिंह-
कोरिया/सुरजपुर, 02 मई 2024 (घटती-घटना)। पार्क परिक्षेत्र चांदनी बीहारपुर के रेहण्ड जंगल महूली परिक्षेत्र में लगातार जंगलों की अवैध कटाई, व निर्माण कार्य में भष्टाचार करने की खबर सुर्खियों में हैं। एक तरफ जहां आदर्श आचार संहिता लागू है और चुनाव को लेकर माहौल गर्म है तो वहीं रेहण्ड जंगल में निर्माण कार्य में जमकर भष्टाचार करते हुए रेंजर द्वारा जमकर मनमानी किया जा रहा है। महिनों पहले इसी जंगल से एक विडियो वायरल हुआ था जिसमें जेसीबी मशीन लगा कर बकायदा इमारती पेड़ों को नष्ट किया जा रहा था व दुसरे विडियो में स्टांप डेम निर्माण कार्य में जंगली गिट्टी तोड़वा कर उपयोग किया जा रहा था जिसकी खबर लगातार मिडिया में प्रकाशित हुई है जिसपर पार्क डीएफओ कोरिया ने फोन पर बात करते हुए जांच करवाने की बात भी की थी लेकिन आज तक कोई खबर नहीं आई। इतना ही नहीं रेहण्ड जंगल में लगातार आग लगने व लकड़ी तस्करी का भी मामला सामने आया इस विषय को भी अधिकारियों के कानों तक पहुंचाया गया लेकिन फिर भी अधिकारियों ने इस जंगल में व रेंजर ललित साय व इनके कर्मचारी पर कोई जांच व कार्यवाही नहीं की आखिरकार इतने बड़े पैमाने पर जंगल में रेंजर द्वारा नष्ट करवाये गये पेड़ों व निर्माण कार्य में किये गये भष्टाचार पर विभागीय अधिकारी जांच क्यों नहीं कर रहे बड़ा सवाल है।
आखिर रेंजर पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई?
लगातार जंगल कटवाने व पेड़ों को मशीन लगा कर नष्ट करने तथा जंगल का दोहन करते हुए गिट्टी तोड़वा कर निर्माण कार्य में धड़ल्ले से उपयोग कर भष्टाचार करने व आधे से ज्यादा जंगल की संपçा नष्ट होने लगातार आरोप लगने पुख्ता सबूत के साथ खबर प्रकाशित होने के बावजूद विभागीय अधिकारी कोई जांच व कार्यवाही नहीं कर रहे यह बड़ा सवाल है? आखिर रेंजर ललित साय पैकरा का इतना मजबूत पकड़ कहा से है और इनको किसका संरक्षण है यह सवाल जमकर लोगों के बीच उठ रहा है क्या इनपर विभागीय अधिकारी कार्यवाही न करके खुला सरंक्षण इस लिए तो नहीं दे रहे कि इनके द्वारा बकायदा पार्क परिक्षेत्र में हुए भष्टाचार में मिले हुए हैं यह भी बड़ा सवाल है। अगर ऐसा नहीं है तो महिनों पहले आया यह मामला लेकिन रेंजर पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई। ऐसे में अगर अब विभाग कोई जांच करता है तो क्या व जांच प्रक्रिया निष्पक्ष होगी यह भी बड़ा सवाल है। बहरहाल देखने वाली बात होगी कि अब विभागीय अधिकारी व पार्क डीएफओ इस मामले में जांच व कार्यवाही रेंजर पर करते हैं या नहीं।
जंगल में मशीन व निर्माण कार्य में जंगली गिट्टी किसके आदेश पर?
गौरतलब हो कि पार्क परिक्षेत्र गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के रेहण्ड (महूली) रेंज के जंगल में बकायदा जेसीबी मशीन लगाकर पेड़ों को उखड़वाया दिया गया है। इतना ही नहीं तालाब निर्माण में जेसीबी मशीन धड़ल्ले से उपयोग किया गया है तथा स्टांप डेम निर्माण कार्य में जंगली गिट्टी तोड़वा कर उपयोग किया गया है। अब ऐसे में सवाल है कि जंगलों में मशीन लगाने व निर्माण कार्य में जंगली गिट्टी उपयोग किसके आदेश से हुआ है?यह जांच का विषय है व जांच उपरांत बड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है।
कटे हुए पेड़ों को किया दफन
रेहण्ड जंगल में कुछ दिनों पूर्व तालाब निर्माण कराने के चक्कर में पार्क रेंज द्वारा अवैध तरीके से जेसीबी मशीन लगा कर धड़ल्ले से सैकड़ों इमारती पेड़ों को उखड़वाया गया था जिसकी खबर मिडिया में प्रकाशित हुआ था और अधिकारियों तक पेड़ों को उखाड़ते हुए जेसीबी मशीन का विडियो भेज दिया गया था लेकिन इस मामले में अधिकारियों ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की नहीं जांच करना जरूरी समझा। अब उसी जंगल से विडियो सामने आया है और विडियो में देखा जा रहा है कि नष्ट किए गए सैकड़ों इमारती पेड़ों को बकायदा तालाब के मेड़ व नालों तथा मिट्टी खोद कर दफन कर दिया गया है। ऐसे में इस मामले अब विभागीय अधिकारी क्या कदम उठाएगे देखने वाली बात होगी।
स्टांप डेम में लिपापोती
रेहण्ड जंगल में लाखों की लागत से हो रहे स्टांप डेम निर्माण कार्य में जंगल से गिट्टी तोड़वाकर उपयोग किया जा रहा है। अब खबर लगने के बाद उक्त स्थल से बचें हुए जंगली गिट्टी को हटवा दिया गया है और दिखावे के लिए क्रेशर की गिट्टी रखवा दिया गया है तथा निर्माण कार्य में उपर से थोड़ी क्रेशर के गिट्टी को डाल कर कार्य में लिपापोती करने का प्रयास किया जा रहा है जबकि भारी मात्रा में इस निर्माण कार्य में जंगली गिट्टी का उपयोग किया गया है जांच टीम अगर निष्पक्ष जांच करती है तो दुध का दुध और पानी का पानी हो जाएगा।
पार्क क्षेत्र जलकर हुआ खाक
रेहण्ड जंगल में एक तरफ पेड़ों को नष्ट करने कटवाने तथा निर्माण कार्य में भष्टाचार चरम पर है तो दुसरी तरफ इस जंगल का आधे से ज्यादा हिस्सा आंग की चपेट में आकर जल चुका है। अब सवाल है कि जंगलों को आगजनी से बचाने के लिए सरकार द्वारा अलग से भारी भरकम राशि आवंटित किया जाता है बावजूद इसके आग से जंगल को क्यों नहीं बचाया गया क्या आग बुझाने के नाम पर विभाग ने लापरवाही दिखाई या इसमें भी रेंजर द्वारा कोई झोल किया गया है जांच का विषय है क्योंकि की जंगल की संपçा बड़े पैमाने पर नष्ट हुई है और राशि भी बहुत ज्यादा इसी समस्या से निपटने के लिए अलग से आता है।


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