नई दिल्ली@बदल गया ईव्हीएम-वीवीपीएटी से जुड़ा प्रोटोकॉल

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नई दिल्ली,1 मई 2024 (ए)। लोकसभा चुनाव के बीच सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल को ईव्हीएम-वीवीपीएटी स्लिप की 100 प्रतिशत क्रॉस-चेकिंग कराने से जुड़ी याचिकाएं खारिज कर दी थीं.।अदालत ने इसके साथ ही वीवीपीएटी को लेकर चुनाव आयोग को कुछ बदलाव करने के आदेश दिए थे। अब चुनाव आयोग ने शीर्ष अदालत के आदेश पर अमल करते हुए सिंबल लोडिंग यूनिट की हैंडलिंग और लोडिंग के साथ स्टोरेज के लिए प्रोटोकॉल में कुछ बदलाव किया है। चुनाव आयोग ने बुधवार (1 मई) को इसकी जानकारी दी।
चुनाव आयोग के प्रेस नोट में बताया गया कि सभी सीईओ को निर्देश दे दिए गए हैं कि वो नए प्रोटोकॉल्स को लागू कराने के लिए वे जरूरी इंफ्रास्ट्रख्र और प्रावधानों को बनवाएं। एसएलयू मेमोरी यूनिट है, जिससे जरिए किसी खास सीट पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवाकों के नाम और उनकी पार्टी का सिंबल वीपीपीएटी या पेपर ट्रेल मशीनों पर अपलोड किया जाता है।
चुनाव आयोग ने कहा, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है, संशोधित प्रोटोकॉल 1 मई 2024 को या उसके बाद वीपीपीएटी में सिंबल लोडिंग प्रक्रिया के पूरे होने के सभी मामलों में लागू होते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले एसएलयू को स्थानीय चुनाव अधिकारियों को सौंप दिया गया था।
7 फेज में हो रहा चुनाव
बता दें कि लोकसभा चुनाव सात चरण में हो रहे हैं। पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को और दूसरे फेज की वोटिंग 26 अप्रैल को हो चुकी है। 7 मई को तीसरे फेज की वोटिंग होगी। 13 मई को चौथे दौर की वोटिंग है। पांचवें दौर की वोटिंग 20 मई को होगी। छठें दौर की वोटिंग 25 मई को है। 1 जून को सातवें फेज की वोटिंग होनी है। लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे।
वीपीपीएटी मामले में अदालत ने दिए कौन से निर्देश?
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस खन्ना ने अपने फैसले में निर्वाचन आयोग को मतदान के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में चिह्न ‘लोड करने वाली स्टोर यूनिट्स को 45 दिनों के लिए ‘स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित करने के निर्देश दिए। चूंकि कोई भी व्यक्ति परिणाम की घोषणा के 45 दिनों के अंदर निर्वाचन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर सकता है, इसलिए ईव्हीएम और पर्चियां 45 दिनों के लिए सुरक्षित रखी जाती हैं, ताकि अदालत द्वारा रिकार्ड मांगे जाने पर उसे उपलब्ध कराया जा सके।
7 दिनों के अंदर करनी होगी ‘माइक्रो कंट्रोलर’ के वेरिफिकेशन की अपील
शीर्ष अदालत ने ईव्हीएम निर्माताओं के इंजीनियरों को यह अनुमति दी कि वे परिणाम घोषित होने के बाद दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवारों के अनुरोध पर मशीन के ‘माइक्रो कंट्रोलर को सत्यापित कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘माइक्रो कंट्रोलर के वेरिफिकेशन के लिए अपील नतीजे घोषित होने के सात दिनों के भीतर किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए पहले फीस देनी होगी। बेंच ने कहा, अगर वेरिफिकेशन के दौरान यह पाया गया कि ईव्हीएम से छेड़छाड़ की गई है, तो उम्मीदवार द्वारा दी गई फीस लौटा दी जाएगी।


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