भाजपा नेताओं में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान आपसी खींचतान हुई तेज,एक दूसरे को पीछे दिखाने अब भाजपा नेता कर रहे काम?
पटना में सीएम की पहली सभा फेल,संगठन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान…किसने ली थी जिम्मेदारी,जो नही हुई पूरी?
लोकसभा प्रत्याशी को एक दूसरे की कमियां बताकर भाजपा नेता आपसी निकाल रहे द्वेष…
अलग-अलग भाजपा नेता अलग-अलग लोगों से भाजपा प्रत्याशी की करा रहे मुलाकात
विधायक की छवि हो धूमिल उनकी निष्कि्रयता भी साबित करने का हो रहा प्रयास
विधानसभा चुनाव में खुलकर विरोध करने वाले भी अब लोकसभा प्रत्याशी को कर रहे दिग्भ्रमित:सूत्र
लोकसभा चुनाव के रास्ते कुछ नेता अपने लिए आगामी विधानसभा का भी रास्ता कर रहे तयःसूत्र
क्या संगठन नही चाहता था किसी अन्य नेताओं से मिलें भाजपा प्रत्याशी
सोनहत में अनुज शर्मा की सभा भी हुई थी फेल…आए दिन भाजपा कार्यालय में हो रही बैठक आखिर किस काम की?

–रवि सिंह –
कोरिया/कोरबा/एमसीबी,28 अप्रैल 2024 (घटती-घटना)।कोरिया जिले में लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भाजपा में आपसी खींचतान तेज होती जा रही है और एक दूसरे को लोकसभा प्रत्याशी के समक्ष श्रेष्ठ साबित करने की भी कवायद तेज हो चुकी है । कोरिया जिले के पटना में आयोजित मुख्यमंत्री की आम सभा में यह देखने को भी मिला जब इसी खींचतान आपसी की वजह से मुख्यमंत्री की सभा में भीड़ नहीं जुटी। बताया जा रहा है की पार्टी के जिलाध्यक्ष साथ ही मंडल अध्यक्ष ने कार्यक्रम का जिम्मा खुद ले रखा था और उन्होंने साफ्ताहिक बाजार का दिवस जानकर भीड़ जुटाने का प्रयास नहीं किया और उन्होंने यह पहले से ही मान लिया था की साफ्ताहीक बाजार दिवस होने के कारण लोग खुद उपस्थित हो जाएंगे और भीड़ जुटाने के लिए मिला संसाधन बचा लिया जायेगा और किया भी वही गया संसाधन बचा लिया गया लेकिन भीड़ भी नहीं जुटी वहीं पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों को केवल उपस्थिति के लिए ही जिला महामंत्री और मंडल अध्यक्ष ने कहा था जिस कारण केवल वह अपनी ही उपस्थिति दर्ज करने पहुंचे उन्होंने भीड़ के लिए प्रयास नहीं किया।
सूत्रों की माने तो कुछ भाजपा नेता जो विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के विरोध में खुलकर थे इस बीच उन्हे भी मौका मिल गया है वह भी स्थानीय विधायक को कमजोर बताने और उनकी कमियां गिनाने का पूरा प्रयास लोकसभा प्रत्याशी के समक्ष कर रहे हैं और वह लोकसभा प्रत्याशी के लिए जितना समर्थन नहीं जुटा रहे हैं उससे ज्यादा वह अपना मतलब साध रहे हैं जो वह स्थानीय विधायक के खिलाफ लोकसभा प्रत्याशी को भड़काकर साधने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ भाजपा नेता इसी बीच लोकसभा प्रत्याशी के भरोसे अपने लिए आगामी विधानसभा के लिए मैदान भी तैयार कर रहे हैं और वह अपने नेतृत्व में लोकसभा प्रत्याशी की लोगों से एकांत मुलाकात करा रहे हैं। वैसे कोरिया भाजपा और लोकसभा चुनाव की गंभीरता को लेकर बात करें तो कोरिया जिले में भाजपा का संगठन नेतृत्व विहीन जैसा हो चुका है और सही दिशा देने वाला नेतृत्व भाजपा के पास जिले में नहीं है वहीं अन्य भाजपा ने पुराने नेता कार्यकर्ता इसलिए मौन हैं या कम सक्रिय हैं क्योंकि जिलाध्यक्ष को बिना उनके निर्देश किसी का चलना पसंद नहीं इसलिए वह भी मौन साधे बैठे हैं जितना निर्देश मिलता है वह उतना काम करके बैठ जाते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो कोरिया जिले में भाजपा का प्रचार अभियान केवल मोदी लहर के भरोसे है।
स्थानीय विधायक को कमजोर बताकर निष्क्रीय बताकर अपनी श्रेष्ठता साबित करने का भी हो रहा प्रयास
सूत्रों की माने तो कुछ भाजपा नेता बैकुंठपुर विधायक को निष्क्रीय बताकर अपनी श्रेष्ठता साबित करना चाहते हैं। वह यह साबित करना चाहते हैं को विधायक की निष्कि्रयता की वजह से ही पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में माहौल नहीं बन पा रहा है वहीं यदि वह पूरी तरह जिम्मेदार बनाए जाएं वह माहौल बना देंगे। वैसे स्थानीय बैकुंठपुर विधायक का एक बड़ा जनाधार है क्षेत्र में जिसे कोई नकार नहीं सकता लेकिन उसे भी प्रत्याशी के समक्ष धूमिल करने का प्रयास केवल इसलिए कुछ नेता कर रहे हैं जिससे उनका अपना जनाधार वह प्रत्याशी के समक्ष जाहिर कर सकें जो हकीकत में देखा जाए तो क्षेत्र में फिलहाल नहीं है।किसने ली थी जिम्मेदारी, जो नही हुई पूरी?
मुख्यमंत्री के आगमन कार्यक्रम में आखिर किसने जिम्मेदारी ली थी कार्यक्रम की सफलता की यह बड़ा सवाल है क्योंकि कार्यक्रम जिस तरह पूरी तरह असफल हुआ यह कहा जा सकता है की कार्यक्रम के लिए कोई प्रयास ही नहीं किया गया की वह सफल हो। जिलाध्यक्ष मंडल अध्यक्ष सहित उनके खास एक दो लोग फोटो खिंचाने में ही व्यस्त नजर आए। वहीं अन्य कार्यकर्ता मजबूर क्योंकि उन्हे कोई जिम्मा दिया ही नहीं गया। पूरा कार्यक्रम एक दो लोगों के संचालन में था इसलिए फेल होने की बात बताई जा रही है।
सिर्फ कागजी खानापूर्ति तक सीमित भाजपा संगठन?
भाजपा का कोरिया जिला संगठन केवल कागजी कार्यवाही तक सीमित है। जिलाध्यक्ष एक दो अन्य की ही कोर कमेटी है वह निर्णय लेकर सोशल मीडिया में सूचित कर दे रहे हैं और वही निर्देश पालन करना कार्यकर्ता और अन्य की मजबूरी है। कुल मिलाकर भाजपा आज कोरिया जिले में सिमट सिकुड़ चुकी है और जो जन समर्थन प्रत्याशी को मिलेगा वह जिलाध्यक्ष मंडल अध्यक्ष के कारण नहीं वह कर्मठ कार्यकर्ता की वजह से मिलेगा जो आज भी बिना संसाधन निस्वार्थ कार्य कर रहा है।
सोनहत में अनुज शर्मा की सभा भी हुई थी फेल
जिले में सोनहत क्षेत्र में अनुज शर्मा का भी कार्यक्रम इसी तरह फेल हुआ था। वैसे अनुज शर्मा छाीसगढ़ी कलाकार साथ ही विधायक हैं ऐसे में उनकी लोकप्रियता का भी फायदा कोरिया भाजपा संगठन नहीं उठा पाया जो बड़ी असफलता कही जायेगी।क्या संगठन नही चाहता था किसी अन्य नेताओं से मिलें भाजपा प्रत्याशी?
वैसे हाल फिलहाल में लोकसभा प्रत्याशी को यह आभास हो गया है की जिलाध्यक्ष और एक दो अन्य के भरोसे उन्हे कोरिया जिले में सफलता नहीं मिलेगी इसलिए वह अब लोगो से खुद मिलने लगी हैं। वैसे संगठन शायद नहीं चाहता था की वह किसी से मिले ऐसा लगने लगा था। वैसे एक भाजपा नेता सभी से मुलाकात कराने में जुटे जरूर हैं लेकिन उनकी मंशा भी कितनी सार्थक है प्रत्याशी के पक्ष में क्योंकि वह जिनसे भी मिला रहे हैं वह सभी विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोध में थे और अब वह भाजपा के लिए काम करेंगे यह संशय जरूर बना रहेगा क्योंकि ऐसे लोगों की विश्वशनीयता का सवाल होता है।
आए दिन भाजपा कार्यालय में हो रही बैठक आखिर किस काम की?
आए दिन जिला भाजपा कार्यालय में बैठक हो रही है फोटो में गिने चुने लोग रोज बैठक करते नजर आ रहे हैं फिर भी मुख्यमंत्री का कार्यक्रम असफल हुआ आखिर क्या होता है बैठक में यह बड़ा सवाल है। वैसे भाजपा आज चुनाव में बहुत पीछे नहीं है जिले में लेकिन इसमें संगठन प्रमुख का कोई योगदान है यह कहना सरासर गलत है।
प्रचार वाहन भी भाजपा का लोगों को नहीं आ रहा नजर
वैसे भाजपा का प्रचार वाहन कितना लगा हुआ है कितना वह प्रचार कर रहा है यह भी बड़ा सवाल है क्योंकि जिले में प्रचार वाहन यदा कदा नजर आते हैं यह बताया जा रहा है।
शनिवार साप्ताहिक बाजार के भरोसे थे जिलाध्यक्ष सहित मंडल अध्यक्ष…इसलिए वाहन खर्च बचाने का हुआ प्रयास:सूत्र
सूत्रों की माने तो पटना साफ्ताहिक बाजार संयुक्त सरगुजा का सबसे बड़ा साप्ताहिक बाजार आज भी है और शनिवार के दिन जितनी भीड़ पटना में जुटती है वह संयुक्त सरगुजा में कहीं नहीं जुटती। बताया जा रहा है की जिलाध्यक्ष मंडल अध्यक्ष ने इस बात का फायदा उठाने का प्रयास किया और उन्हे विश्वास था की लोग बाजार दिवस के कारण अवश्य उपस्थित होंगे जबकि ऐसा हुआ नहीं और कार्यक्रम मुख्यमंत्री का असफल हो गया। वैसे कार्यक्रम यदि बाजार के मैदान में होता भीड़ जुट जाती और जिलाध्यक्ष मंडल अध्यक्ष की मंशा पूरी हो जाती लेकिन ऐसा हुआ नहीं और कुल मिलाकर मुख्यमंत्री का कार्यक्रम पैसा बचाने के प्रयास में असफल हो गया। प्रत्याशी को दिग्भ्रमित करने का भी किया जा रहा प्रयास, खुद को ज्यादा जनाधार वाला बताने के प्रयास में भी हैं कुछ लोग लोकसभा प्रत्याशी को कोरिया जिले के दिग्भ्रमित करने का भी प्रयास किया जा रहा है। बता दें की कुछ भाजपा नेता खुद को ज्यादा जनाधार वाला साबित करने उन्हे अलग ही राय दे रहे हैं…जबकि फिलहाल केवल पार्टी की एकजुटता से ही जीत सुनिश्चित हो सकती है। प्रत्याशी के सामने खुद को श्रेष्ठ साबित करने कुछ नेता अन्य नेताओं की बुराई भी कर रहे हैं जबकि अभी आवश्यक था की सभी एक साथ बैठकर पहले प्रत्याशी की जीत के लिए प्रयास करते फिर वह अपनी आपसी द्वेष का समाधान कर लेते। वैसे जो लोग प्रत्याशी को दिग्भ्रमित कर अपनी रोटी सेंक रहे हैं वह प्रत्याशी की जीत के लिए कम प्रयासरत हैं वह अपनी खुन्नस अन्य से निकालने के लिए ऐसा कर रहे हैं जो माना जा सकता है।
जिन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी का किया था विरोध उन्हे भी प्रत्याशी से मिलाया जा रहा, मिलाने में भी विरोधी ही सक्रिय
सूत्रों की माने तो लोकसभा प्रत्याशी को उन लोगों से भी मिलाया जा रहा है जो विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के विरोध में काम कर रहे थे खुलकर और यह काम भी ऐसे ही लोग कर रहे हैं जो खुद विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के विरोध में थे। कहा जाए तो पार्टी में उनसे प्रत्याशी की मुलाकात कम हो पा रही है जो पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता हैं,स्वार्थी और अवसरवादी लोगों से ही प्रत्याशी की मुलाकात कराई जा रही है जबकि उनका भरोसा भी किया जाना उचित होगा यह तय नहीं है।
कुछ नेता इसी चुनाव के दौरान अपने लिए आगामी विधानसभा चुनाव रणनीति बना रहे हैं…
बताया जा रहा है की कुछ नेता इसी चुनाव में अपने लिए विधानसभा चुनाव की रणनीति बना रहे हैं। वह अपने लोगों से प्रत्याशी की मुलाकात करा रहे हैं और उन्हे प्रत्याशी से परिचित कराकर उन्हें संसाधनों का भी प्रलोभन दे रहे हैं। वह इस प्रयास में हैं की इस चुनाव में ही वह अपनी आधी तैयारी कर लें शेष वह बाद में कर लेंगे। वैसे उनका प्रयास कितना सफल होगा यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है की वह जिस तरह पूर्व के चुनावों में अन्य का विरोध करते आए हैं अन्य उनका करेगा यह तय है और उनका प्रयास इस हिसाब से असफल ही माना जायेगा।
पटना में सीएम की पहली सभा फेल, संगठन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान
पटना में सीएम की पहली आमसभा फेल हो गई। आम सभा का फेल होना संगठन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान है। संगठन में दो तीन लोग ही पूरा संगठन हैं यह कार्यक्रम की असफलता के बाद तय हो गया। एक तरफ साप्ताहिक बाजार दूसरी तरफ मुख्यमंत्री का आगमन और भीड़ इतनी की उंगलियों में गिन ली जाए। कुल मिलाकर प्रदेश के मुखिया के आगमन पर ऐसी स्थिति शायद ही कहीं कभी देखी गई हो।
प्रचार का संसाधन जिन्हे भी मिला है वह संसाधन को वितरण क्यों करना नहीं चाहते?
संसाधन जिन्हे भी मिला है वह संसाधन को वितरण नहीं करना चाहते वहीं कुछ नेता जो लोकसभा प्रत्याशी से लोगों को व्यक्तिगत मिला रहे हैं प्रभावशाली बताकर वह भी यह जान रहे हैं की जिन्हे वह प्रभावशाली बताकर मिला रहे हैं वह कितने कारगर साबित होंगे क्योंकि उनके विरोध के बावजूद विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की बड़ी जीत दर्ज हुई थी। देखा जाए तो यह कहा जा सकता है की लोकसभा प्रत्याशी जिन्हे विश्वास में ले रही हैं कुछ नेताओं के कहने पर और जो विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी के विरोधी थे वह उन्हे कितना फायदा पहुंचाएंगे यह कहना मुश्किल है। वैसे भाजपा प्रत्याशी खुद से काफी मेहनत कर रही हैं और उनका दौरा भी काफी ज्यादा है क्षेत्र में पूरे लोकसभा अंतर्गत लेकिन बताया जा रहा है की उन्हे सबसे ज्यादा परेशानी कोरिया जिले में ही हो रही है जहां एक तरह जिलाध्यक्ष की मनमानी और एकला चलो की नीति से उन्हे परेशानी हो रही है वहीं कुछ अन्य भाजपा नेताओं से उन्हे यह परेशानी हो रही है की वह उन्हे सही दिशा बताने की बजाए खर्चीला रास्ता बता रहे हैं क्योंकि उन्हे भविष्य के लिए खुद के लिए विधानसभा का रास्ता दुरस्त करना है। देखा जाए तो कोरिया जिले में लोकसभा प्रत्याशी के लिए काम संगठन के पुराने पदाधिकारी कार्यकर्ता कर जरूर रहे हैं बिना संसाधन,वह लोगों से अपील भी कर रहे हैं लेकिन जब बात जिलाध्यक्ष एवम अन्य एक दो नेताओं की की जाए वह अपना ही हित साधने में लगे हुए हैं और वह वही कर भी रहे हैं।
मुख्यमंत्री का कार्यक्रम बिना भीड़ इसलिए संपन्न हुआ क्योंकि जिलाध्यक्ष,मंडल अध्यक्ष ने किसी अन्य को विश्वास में ही नही लिया
मुख्यमंत्री का पटना में आयोजित कार्यक्रम बिना भीड़ के केवल इसलिए संपन्न हुआ क्योंकि जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष ने किसी पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता को विश्वास में नहीं लिया। बताया जा रहा है की सारे इंतजाम का जिम्मा खुद जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष सम्हाल रहे थे और उन्होंने किसी को भी यह निवेदन पार्टी के नहीं किया की उन्हे भी भीड़ के लिए प्रयास करना है। कुल मिलाकर वह आश्वस्त थे की उनके बिना कहे बिना संसाधन प्रदान किए ही लोग जुट जाएंगे। जिलाध्यक्ष सहित मंडल अध्यक्ष के अलावा हर कोई पार्टी का खुद को शर्मशार मानकर कार्यक्रम में लौटा जैसा बताया जा रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री का यह पहला कार्यक्रम था पटना में जिसमे भीड़ नहीं हुई वहीं जिलाध्यक्ष मंडल अध्यक्ष को इसका कोई अफसोस नहीं हुआ उन्हे कोई मलाल हुआ नजर नहीं आया।
क्या भाजपा जिलाध्यक्ष के अहम से जिले में टूट गई है पार्टी?
भाजपा जिलाध्यक्ष को लेकर माना जाता है की वह लोगों के बीच पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बीच सबसे ऊपर अपना अहम रखते हैं जिससे उन्हे पसंद करने वालों की संख्या नगण्य है। जिलाध्यक्ष केवल उनकी ही बात लोग माने इस नीति पर चलते हैं,किसी कार्यक्रम में हर जिम्मा वह स्वयं सम्हालने का प्रयास करते हैं कार्य विभाजन करके वह कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को विश्वास में नही लेना चाहते यह बताया जाता है। वैसे उनका अहम पार्टी की लुटिया डूबा दे रहा है जैसा बताया जा रहा है। जिलाध्यक्ष हर काम में खुद का ही नियंत्रण चाहते हैं। पार्टी में आज स्थिति यह है की जिलाध्यक्ष के पास तीन लोगों की मात्र टीम है जो हर पार्टी पदाधिकारी कार्यकर्ता दबी जबान में कहता है।