- मुख्यमंत्री की जनसभा में सैकड़ों की ही संख्या में जुटे लोग,हजार का आंकड़ा भी नहीं जुटा पाए भाजपा जिलाध्यक्ष कार्यकर्ता
- कार्यकर्ताओं सहित पार्टी के पदाधिकारियों ने भी दबी जबान से जिलाध्यक्ष मंडल अध्यक्ष पर कार्यक्रम की असफलता का ठीकरा फोड़ा…
- भाजपा जिलाध्यक्ष सहित मंडल अध्यक्ष के जिम्मे थी मुख्यमंत्री के सभा की व्यवस्था, कार्यकर्ताओं को ही संसाधन नहीं मिला कार्यकर्ताओं का है आरोप…
- एकला चलो की नीति पर चल रहे जिलाध्यक्ष,दो चार के अलावा किसी पर नहीं उन्हे विश्वास यही है कार्यकर्ताओं की भड़ास…
- युवाओं की संख्या भी गिनती की रही,पूरे कार्यक्रम में नारे लगाने के लिए भी नहीं नजर आए युवा कार्यकर्ता…
- कार्यक्रम की एकमात्र सफलता यह रही की एक कांग्रेसी ने कुछ साथियों के साथ ग्रहण की भाजपा की सदस्यता…
- लोकसभा प्रत्याशी ने उपस्थित लोगों की संख्या कम पाकर मुख्यमंत्री के सामने ही जिलाध्यक्ष को लगाई फटकारःसूत्र
–रवि सिंह –
कोरिया 27 अप्रैल 2024 (घटती-घटना)। लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान लगातार राजनीतिक दलों का अपना अपना प्रचार अभियान जारी है। इसी तारतम्य में राजनीतिक दलों के बड़े नेता क्षेत्र में पहुंच रहे हैं और पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं इसी क्रम में भाजपा से कोरबा लोकसभा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान की अपील करने प्रदेश के मुख्यमंत्री कोरिया जिले के बैकुंठपुर विधानसभा के ग्राम पटना पहुंचे जहां उनकी सभा आयोजित थी। आयोजित सभा में भीड़ की संख्या सैकड़ों में ही सिमटी नजर आई जिसके बाद लोकसभा प्रत्याशी का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने कोरिया जिलाध्यक्ष भाजपा को जमकर फटकार लगाई और तब तक फटकार लगाई जबतक वह वहां से चले नहीं गए। यह वाकया तब हुआ जब मुख्यमंत्री भोजन के लिए बैठे हुए थे और जब सीमित लोग पार्टी के वहां उपस्थित थे।
वैसे सूत्रों की माने तो जिलाध्यक्ष भाजपा को लोकसभा प्रत्याशी ने खूब खरीखोटी सुनाई व्यवस्था को लेकर वहीं उन्होंने यह भी कहा जैसा सूत्रों का दावा है की मुख्यमंत्री की सभा में 100 लोग उपस्थित नहीं है ।
वैसे बताया जा रहा है की लोकसभा प्रत्याशी ने अपना गुस्सा मंडल अध्यक्ष पर भी निकाला क्योंकि पटना मंडल अंतर्गत ही कार्यक्रम आयोजित था। वैसे कार्यक्रम के अंतिम समय तक जब मुख्यमंत्री के जाने जा समय हुआ तब तक भीड़ 500 का आंकड़ा पार कर गई और कार्यक्रम का सम्मान जरा बच गया। वैसे बताया जा रहा है की पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी खासे नाराज थे क्योंकि किसी को कोई जिम्मा जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष ने नहीं प्रदान किया था केवल दो लोग और एक दो अन्य पदाधिकारी ही जिलाध्यक्ष के खास व्यवस्था में लगे थे जिसकी वजह से भीड़ नहीं जुट सकी क्योंकि संसाधन किसी को प्रदान नहीं किया जिलाध्यक्ष मंडल अध्यक्ष ने जैसा कार्यकर्ताओं की जबानी सुनी गई बात। मुख्यमंत्री का यह पहला कार्यक्रम था कोरिया जिले में वह भी बैकुंठपुर विधानसभा के पटना ग्राम में और पहली बार के कार्यक्रम में जैसी भीड़ जुटनी चाहिए थी वह नहीं जुट सकी जिसे कार्यक्रम की असफलता ही कहेंगे।
मुख्यमंत्री के सामने जिलाध्यक्ष को लोकसभा प्रत्याशी ने लगाई फटकार,खुद मंच पर जाने से किया इंकार,मुख्यमंत्री के कहने पर पहुंची मंच पर,सूत्र
सूत्रों की माने तो लोकसभा प्रत्याशी कोरबा ने मुख्यमंत्री के सामने ही भाजपा कोरिया जिलाध्यक्ष को फटकार लगाई,भीड़ की संख्या सैकड़ों में ही देखकर उन्होंने यह फटकार लगाई और खुद मंच पर जाने से ही उन्होंने मना कर दिया। बताया जा रहा है यह घटना तब की है जब मुख्यमंत्री भोजन करने पहुंचे हुए थे। बाद में मुख्यमंत्री ने ही लोकसभा प्रत्याशी को समझाया और मंच पर जाने का आग्रह किया तब वह मंच पर पहुंची और लोगों से अपने लिए मतदान की अपील की। सूत्रों की माने तो लोकसभा प्रत्याशी ने जिलाध्यक्ष को तब तक फटकार लगाई जब तक की वह उनके सामने से दूर नही चले गए। बताया जा रहा है की जिलाध्यक्ष ने भीड़ जुटाने कोई प्रयास किया ही नहीं।
मंडल अध्यक्ष पटना को भी मंच पर लगाई लोकसभा प्रत्याशी ने फटकार,भीड़ कम देखकर कई बार भड़की लोकसभा प्रत्याशी
कोरबा लोकसभा प्रत्याशी भाजपा मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दिन कई बार नाराज होती नजर आईं। सूत्रों की माने तो उन्होंने मंडल अध्यक्ष पटना को भी मंच पर फटकार लगाई। मंच पर उन्होंने मंडल अध्यक्ष को कम जुटी भीड़ को लेकर खरी खोटी सुनाई और उन्होंने यह भी कहा की नहीं संभव था तो बताना था। सूत्रों का कहना है की मंच पर मंडल अध्यक्ष की स्थिति भी तब असहज हुई जब उन्हे लोकसभा प्रत्याशी ने खरी खोटी सुनाया।
कार्यकर्ताओं सहित पदाधिकारियों को नहीं दिया गया संसाधन
कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संसाधन भी मुहैया नहीं कराया गया। संसाधन जिसे मिला वह स्वयं ही रख ले गया एक भी संसाधन भीड़ जुटाने खर्च नहीं किया गया यह भी कार्यकर्ता कहते सुने गए।अब संसाधन क्या आया क्या भीड़ जुटाने संसाधन प्रदान किए गए थे यह तो पार्टी के जिम्मेदार लोग जाने लेकिन कार्यक्रम से बाहर निकलकर कार्यकर्ता अपनी भड़ास निकालते सुने गए और जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष की मनमानी और एकला चलो नीति की बुराई करते रहे।
मंच पर जितने लोग थे उपस्थित उतने भी नीचे सामने नहीं थे उपस्थित
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भीड़ की हालत यह थी की मंच पर ज्यादा भीड़ थी वहीं नीचे सामने भीड़ ही नहीं थी। कुल मिलाकर देखा जाए तो भीड़ उन्ही की थी जो मंच पर थे और पार्टी कार्यकर्ता थे। मुख्यमंत्री को सुनने और देखने वालों की सामने उपस्थित होने वाली भीड़ नगण्य थी जो देखा गया।
मंच पर स्वागत के लिए भाजपा पदाधिकारियों का छुटा नाम,उसको लेकर भी दिखी नाराजगी
मंच पर यह भी देखा गया की मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए पार्टी पदाधिकारियों को जब बुलाया जा रहा था तब कई प्रमुख लोगों को स्वागत के लिए नहीं बुलाया गया जिसको लेकर भी नाराजगी समाने आई। पटना मंडल अध्यक्ष के मंच पर होते हुए भी मंडल पदाधिकारियों का नाम स्वागत सूची से छूट गया जिसके बारे में बताया जा रहा है जानबूझकर छोड़ा गया को लेकर भी नाराजगी देखने सुनने को मिली।
बूथ प्रभारियों सहित पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं को जिम्मा न देना, वाहन व्यय न देना बनी मुख्यमंत्री कार्यक्रम की असफलता की वजह
कार्यकर्ताओं सहित पार्टी पदाधिकारियों एवम बूथ प्रभारियों की माने तो उन्हे कार्यक्रम का जिम्मा नहीं दिया गया। वाहन व्यय नहीं दिया गया कुल मिलाकर उनका कहना है की उन्हे कार्यक्रम में आना है अपने साधन से आना है यही सूचना दी गई। वैसे बताया जा रहा है की वाहन व्यय के नाम व्यवस्था थी लेकिन एक भी वाहन भीड़ जुटाने के लिए नहीं लगाई गई। वाहन व्यय का बंदरबांट हुआ यह कार्यकर्ता ही आरोप लगाते सुने गए।
कार्यकर्ता पदाधिकारी हुए निराश
पूरे कार्यक्रम का सबसे मुख्य पहलू यह रहा की सभी कर्मठ कार्यकर्ता पार्टी के निराश हुए। उनका कहना यह सुना गया की उन्हे यह दुख नहीं है की उन्हे संसाधन नहीं प्रदान किया गया कार्यकर्ताओं का यह कहना था की उन्हे जरा भी एहसास होता की कार्यक्रम की सफलता के लिय प्रयास ही नहीं किया गया है तो वह अपने संसाधन से प्रयास करते और भीड़ जुटाकर दिखाते वह किसी भी स्थिती में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम असफल नहीं होने देते।
कार्यक्रम में जुटी भीड़ स्वस्फूर्त भीड़ थी,भीड़ जुटाने कोई प्रयास जिलाध्यक्ष मंडल अध्यक्ष ने नहीं किया किसी कार्यकर्ता को जिम्मा नहीं दिया यह भी सुना गया
भीड़ जो मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में जुटी जिसकी संख्या 500 के लगभग रही वह स्वस्फूर्त वह भी आसपास के रहवासियों की भीड़ रही। भीड़ जुटाने के लिए जिलाध्यक्ष ने मंडल अध्यक्ष ने कोई प्रयास नहीं किया यह बात कार्यकर्ताओं के ही मुंह से सुनने को मिला।कार्यकर्ताओं को यह भी कहते सुना गया की उन्हे सोशल मिडिया में केवल उपस्थित होने की सूचना दी गई वह भी जिला महामंत्री द्वारा पहले और फिर मंडल अध्यक्ष द्वारा शेष उन्हे कोई जवाबदेही नहीं दी गई। कार्यक्रम इसलिए ही फ्लॉप शो साबित हुआ।कार्यकर्ताओं का यह भी कहना सुना गया की उन्हे कोई कहता वह भीड़ के साथ उपस्थित होते संख्या के लिए प्रयास करते लेकिन उन्हे खुद केवल उपस्थित होने कहा गया अन्य उन्हे कोई निर्देश नहीं दिया गया।