- सहायक उप निरीक्षक ने सोशल मीडिया में साझा की तस्वीर,तस्वीर में राजनीतिक दल का मंच साथ ही राजनीतिक चिन्ह दिख रहा स्पष्ट
- प्रधानमंत्री के अंबिकापुर आगमन के दौरान के पूर्व की है सहायक उप निरीक्षक की वह तस्वीर जिसे उन्होंने किया है सोशल मिडिया में साझा
- क्या सूरजपुर जिले के पुलिस विभाग के उक्त सहायक उप निरीक्षक पर पुलिस विभाग करेगा कार्यवाही,अन्य विभाग में हो जाती तत्काल कार्यवाही?
- आदर्श आचार संहिता के दौरान सहायक उप निरीक्षक ने सोशल मीडिया पर साझा की है तस्वीर,तस्वीर में पीछे है राजनीतिक दल का बैनर पोस्टर और मंच
–ओंकार पाण्डेय –
सुरजपुर,25 अप्रैल 2024 (घटती-घटना)। चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता लगाए जाने के पीछे निर्वाचन आयोग के वैसे तो कई उद्देश्य होते हैं लेकिन उनमें से एक प्रमुख उद्देश्य यह होता है की शासकीय कर्मचारी इस दौरान निस्पक्ष बने रहें और निर्वाचन कार्य निष्पक्षता के साथ संपन्न कराएं। शासकीय कर्मचारी किसी राजनीतिक सभा में न जाएं,वहां का हिस्सा बने प्रचार प्रसार में शामिल न हों वहीं वह निर्वाचन में चुनाव और मतदान के दौरान भी यह व्यवहार कायम रखें यह मुख्य उद्देश्य होता है आदर्श आचार संहिता का और वहीं इसका उलंघन यदि कोई भी शासकीय कर्मचारी करता है उसके विरुद्ध निर्वाचन आयोग तत्काल कार्यवाही करता है जो हमेशा देखने को मिलता है जहां निर्वाचन कार्य में लापरवाही की बात हो या फिर राजनीतिक दलों के पक्ष में जाने अनजाने कुछ कह जाने प्रदर्शित कर जाने का मामला हो कार्यवाही होती रही है कर्मचारियों पर जिससे त्रुटि होती है। ऐसा ही एक मामला सूरजपुर जिले के एक पुलिस विभाग के सहायक उप निरीक्षक का समाने आया है जिसमे उसने सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीर साझा कर दी है जिसको लेकर यह कहा जा सकता है की उसके द्वारा आदर्श आचार संहिता का उलंघन किया गया है।
बताया जाता है की जिस सहायक उप निरीक्षक ने यह गलती की है आदर्श आचार संहिता का उलंघन किया है वह सूरजपुर कोतवाली में ही पदस्थ है और उसकी ड्यूटी 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री की चुनावी सभा के लिए अंबिकापुर में लगाई गई थी वहीं वह वहां प्रधानमंत्री के आगमन के पूर्व तैयारियों के दौरान भी वहीं था और उसी दौरान उसने भाजपा के मंच के समीप खड़े होकर भाजपा के चुनावी मंच की तस्वीर खींच ली वहीं उसे सोशल मिडिया पर साझा भी कर दिया। साझा की गई तस्वीर में भाजपा का लक्ष्य चुनाव का लिखा नजर आ रहा है प्रधानमंत्री सहित कई नेताओं की तस्वीर नजर आ रही है और इसे बड़ी भूल सहायक उप निरीक्षक की मानी जायेगी क्योंकि किसी भी हाल में उन्हे लोक सेवक के कर्तव्य का पालन करना था और ऐसी तस्वीर आदर्श आचार संहिता के दौरान साझा नहीं करना था। वैसे पुलिस सेवा ऐसी सेवा है शासकीय जहां सेवक को आदर्श आचार संहिता के दौरान भी नेताओं की सुरक्षा के लिए नियुक्त होना पड़ता है कार्य करना पड़ता है लेकिन इसके बावजूद भी उन्हे किसी दल नेता के पक्ष में कुछ कहने सुनने से मनाही होती है।
क्या सूरजपुर सहायक उप निरीक्षक ने की बड़ी गलती…आदर्श आचार संहिता के दौरान सोशल मिडिया पोस्ट पर भाजपा का चिन्ह प्रधानमंत्री की अन्य नेताओं के साथ तस्वीर?
वैसे सूरजपुर के उक्त सहायक उप निरीक्षक ने बड़ी गलती की है आदर्श आचार संहिता के दौरान उनके सोशल मिडिया पोस्ट पर भाजपा का चिन्ह प्रधानमंत्री की अन्य नेताओं के साथ तस्वीर और भाजपा का चुनाव में लक्ष्य क्या है साफ पढ़ा जा सकता है और जिसे निश्चित रूप से सहायक उप निरीक्षक की तरफ से एक समर्थन या उनकी सहमति मानना उनकी तरफ से भाजपा का प्रचार करना मानना होगा क्योंकि उन्होंने ऐसा करते समय यह ध्यान नहीं दिया की वह शासकीय सेवक होकर ऐसा कर रहे हैं। वैसे अन्य विभाग के किसी कर्मचारी की ऐसी गलती पर तत्काल कार्यवाही होती लेकिन अब देखना यह है की पुलिस विभाग सूरजपुर या सरगुजा संभाग क्या कार्यवाही करता है। वैसे प्रधानमंत्री के आगमन पर केवल उक्त सहायक उप निरीक्षक की ही ड्यूटी नही लगी थी, उसके अलावा अनेकों नेक पुलिस कर्मी ड्यूटी में रत थे लेकिन तस्वीर साझा करने में पार्टी चिन्ह की केवल सहायक उप निरीक्षक ने ही तत्परता दिखाई। वैसे उक्त सहायक उप निरीक्षक का नाम अरुण गुप्ता बताया जा रहा है और कोतवाली सूरजपुर में पदस्थ हैं यह बताया जा रहा है। वैसे अब पुलिस विभाग अपनी निष्पक्षता साबित करने के लिए क्या उक्त सहायक उप निरीक्षक पर कार्यवाही करता है यह देखने वाली बात होगी। वैसे कई अन्य पुलिसकर्मियों ने भी उक्त दिवस की तस्वीर साझा की है लेकिन सहायक उप निरीक्षक के अलावा किसी में पार्टी चिन्ह चुनाव में पार्टी का लक्ष्य क्या है साथ ही मंच के साथ अपनी तस्वीर साझा नहीं की है।
क्या सहायक उप निरीक्षक ने आदर्श आचार संहिता का उलंघन किया है?
सहायक उप निरीक्षक ने आदर्श आचार संहिता का उलंघन किया है जिसको लेकर पुलिस विभाग कार्यवाही करे न करे जिला निर्वाचन अधिकारी भी कार्यवाही कर सकते हैं और देखना है की वह जिस तत्परता से अन्य विभाग के कर्मचारियों की छोटी गलतियों पर कार्यवाही करते हैं इस मामले में कार्यवाही करते हैं की नहीं। वैसे पुलिस विभाग को लेकर माना जाता है की यह विभाग अपने अनुशासन के लिए जाना जाता है ऐसे में यदि पुलिस विभाग के ही कर्मचारी अनुशासन जो आदर्श आचार संहिता को लेकर अनुशासन कहा जा सकता है तोड़ता है तो कहा जा सकता है यह बड़ा मामला है जो साबित करता है की अनुशासन में कमी कहीं न कहीं हुई है।