- पहली बार महिला प्रत्याशी होगी आमने-सामने…पांडे या महंत इनमें से जनता किस पर करेगी भरोसा?
- कोरबा लोकसभा के आदिवासी हिस्सों में भाजपा लगा पायेगी सेंध या मिथक रहेगा कायम?
- छत्तीसगढ़ लोकसभा में पहली बार महिला प्रत्याशी होगी आमने-सामने
–विशेष संवाददाता-
कोरबा/कोरिया,18 अप्रैल 2024 (घटती-घटना)। जैसे जैसे छत्तीसगढ़ में चुनाव के मतदान की तारीख नजदीक आ रहा वैसे ही लोकसभा चुनावों को लेकर हर संसदीय क्षेत्र में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा ठोक रहे हैं। जब कि हर जगह परिस्थिति अलग अलग है जहा कोरबा लोकसभा सीट छत्तीगसढ़ राज्य बनने के बाद परिसीमन के बाद नई सीट है जहा अब तक तीन आम चुनाव ही हुए है ।जहां हर बार जनता ने भाजपा व काग्रेश के हर चेहरे को एक एक बार मौका दिया । कोरबा को देश का पॉवर हब कहा जाता है। कोयला खदानों से के बीच बसे कोरबा में राज्य और केंद्र सरकारों के साथ ही बड़े पैमाने पर निजी पॉवर प्लांट हैं। इस संसदीय क्षेत्र के सियासी समीकरण को स्थानीय और बाहरी दोनों ही प्रभावित करते हैं। जिस कारण प्रदेश की कोरबा लोकसभा सीट इस समय सबसे हॉट सीट बनी हुई है। क्योंकि कोरबा सीट से बीजेपी ने पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय और बीजेपी की जीत मोदी लहर में प्रत्सि्ठा का सवाल बन गया हैं । तो वही कांग्रेस ने सरोज पांडेय के मुकाबले के लिए छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेताप्रतिपक्ष चरण दास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत को टिकट दिया है। ज्योत्सना महंत कोरबा से मौजूदा सांसद है। ऐसे में दोनों दलों ने अपनी अपनी जीत के लिये पूरी ताकत झौंकना शुरू कर दिया है।
कोरबा लोकसभा में पहली बार महिला प्रत्याशी आमने-सामने
कोरबा लोकसभा पर अब तक हुए तीन चुनाव में लगातार किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। कोरबा सीट पर तीन बार आम चुनाव हुए हैं और अब 2024 में चौथी बार लोकसभा का चुनाव होना है। कोरबा से मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत हैं। पार्टी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया है। वही बीजेपी ने सरोज पांडेय को ज्योत्सना महंत के सामने प्रत्याशी बनाकर चुनावी समर में उतारा है। कोरबा सीट पर ऐसा पहली बार होगा जब भाजपा—कांग्रेस से महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में आमने सामने होंगे। सरोज पांडे इससे पहले दुर्ग लोकसभा से चुनाव लड़ी है।
कोरबा में 7 मई को मतदान
आपको बता दें कि देश मे 2024 का लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे। छाीसगढ़ की सभी 11 लोकसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान होगा। जहा कोरबा में 7 मई को मतदान होगा। 7 मई को कोरबा के अलावा सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर में मतदान किया जाएगा। वही चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे।
ये है ज्योत्सना महंत
कोरबा सीट से मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत, विधाानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत की पत्नी है। ज्योत्सना महंत बीते 25 सालों से जनसेवा कार्य करती आई है। ज्योत्सना अपने ससुर दिवंगत बिसाहू दास महंत और पति चरणदास महंत को अपना आदर्श मानती है। चरण दास महंत केंन्दीय मंत्री भी रहे है। ज्योत्सना महंत ने 2019 में मोदी लहर में कांग्रेस को कोरबा सीट जीताकर दी थी। ज्योत्सना महंत ने बीजेपी के ज्योतिनंद दुबे को चुनाव हराया था।
कोरबा में भाजपा के लिए चुनौती
कोरबा लोकसभा में आने वाला खड़गवां,सोनहत व जनकपुर क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां से बीजेपी कभी लीड नहीं ले पाई है। सबसे बड़ी बात यह है कि खड़गवां क्षेत्र से बीजेपी के दिग्गज नेता आते है, लेकिन इसके बाद भी साय सरकार में वर्तमान मंत्री श्यामबिहारी भी आदिवासियों का दिल नहीं जीत पाए। वही भरतपुर सोनहत से पूर्व सरगुजा सांसद रेणुका सिंह वर्तमान में विधायक हैं फिर भी आदिवासी वोटरों का झुकाव गोंडवाना पार्टी की तरफ हैं जहा अब विधायक के नदारत रहने के आरोप ग्रामीण क्षेत्र में लगने लगे हैं जिस कारण कोरबा लोकसभा में जीत के लिये आदिवासी वोटरों को लुभाना भाजपा के लिए एक मिथम माना जाता है। ऐसे में कयासों का दौर शुरू हो गया है कि इस बार के लोकसभा चुनावों में यह बीजेपी इस मिथक को तोड़ने में कामयाब होगी या नहीं इस पर संसय बना हुआ है । कोरबा सीट पर कांग्रेस लगातार दो बार अपना कजा जमाती आई है वही भाजपा भी एक बार जीत दर्ज कर चुकी हैं । बीजेपी ने इस बार कोरबा सीट को जीतने के लिए पहले से ही मास्टर प्लान बना लिया था। बीजेपी ने कोरबा फतह करने के लिए इस क्षेत्र से आने वाले कद्दावर नेता श्यामबिहारी जायसवाल को मंत्री बनाकर बड़ा दांव खेला है। जहा अब भी मोदी लहर में कोरिया व एमसीबी जिले के जनप्रतिनिधि बिना जनता के सामने जाए इस सीट को जीता हुआ मान रहे हैं। अब देखना होगा की बीजेपी का यह दांव कितना काम आता है।
ये है सरोज पांडेय
सरोज पांडेय ने अपने राजनीति करियर की शुरुआत बीजेपी से की थी। सरोज पांडेय भिलाई नगर निगम से दो बार महापौर रही है। इसके बाद उन्होंने 2008 में विधायक चुनी गईं। 2009 के लोकसभा चुनावों में दुर्ग लोकसभा से सांसद रही। इसके बाद सरोज पांडेय को बीजेपी ने महिला मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद बीजेपी ने सरोज पांडेय को 2018 में राज्यसभा भेजा। इसके बाद 2024 में बीजेपी ने सरोज पांडेय को कोरबा लोकसभा से प्रत्याशी बनाया है।