बैकुण्ठपुर@क्या आज भी पूर्व डीपीएम का कब्जा है कोरिया के स्वास्थ्य विभाग में है बरकरार?

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रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर,17 अप्रैल 2024 (घटती-घटना)। इस समय सबसे बड़ा सवाल यह है की क्या कोरिया जिले में स्वास्थ्य विभाग में पूर्व डीपीएम का कब्जा बरकरार है? सुरजपुर स्थानांतरण होने बाद भी आये दिन वो कलेक्टर कोरिया से मिलने आते हुए कलेक्टर कार्यालय में देखे जा रहे है, तय है कि जानबूझकर जिला प्रशासन जांच को प्रभावित कर मामले को रफा दफा करने में जुटा हुआ है। वही सूत्र यह भी बता रहे है कि तमाम खरीदी की फाइलों से जरूरी दस्तावेजों को गायब किया जा रहा है। संभावना यह भी जताई जा रही है कि कई दस्तावेज गायब हो सकते हैं और ऐसा करने का समय कहीं ना कहीं संरक्षण देने वाले कलेक्टर का है या फिर संबंधित जांच अधिकारी का, दैनिक घटती घटना बड़ी प्रमुखता के साथ हर बार इस मामले की जानकारी खबर के माध्यम से संबंधित विभाग के मंत्री को दे रहा है पर इसके बावजूद भी जिम्मेदारों के कान में जू नहीं रेंग रही है अब इसे संरक्षण न कहे तो क्या कहें क्या कहे?
विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरिया के स्वास्थ्य विभाग में रात में काला पिला करने का काम जारी है, पहले इस कार्यालय की 11 चाभी हुआ करती थी, परंतु अब जब घटती घटना ने बताया था कि छुट्टी के दिन सीएमएचओ और पूर्व डीपीएम जबरन बनाये गए सहायक लेखापाल के साथ कमरो को अंदर से बन्द कर दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने में जुटे है जिसके बाद नया ताला लगा दिया गया है जिसकी 4 चाभी है एक चाभी इस कार्यलय में मुख्य सूत्रधार राकेश सिंह के पास है दूसरी चाभी पूर्व डीपीएम जिनका स्थांतरण सुरजपुर हो गया है उसके पास है तीसरी चाभी सहायक लेखापाल जिसके साथ तमाम खरीदी में हुई अनियमितताओं को छुट्टी के दिन हेरफेर किया जा रहा है उसके पास है और एक चाभी भृत्य के पास दी गई है। सूत्र यह बता रहे है रात में 8 बजे के बाद पूर्व डीपीएम सुरजपुर कोरिया के स्वास्थ्य विभाग में पहुंच कर दस्तावेजो के साथ कलाकारी करने में जुटे हुए है ताकि तमाम जांच में उनका किया काला पीला दुरस्त हो सके। दैनिक घटती घटना इसकी पुष्टि नहीं करता पर केजांच की मांग जरूर करता है।


चेम्बर अभी तक पूर्व डीपीएम के पास
विभागीय सूत्रों की माने तो कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ का पूरा खेल अब हर कोई जान चुके है। पूर्व डीपीएम के साथ मिलकर उन्होंने जो अनाप शनाप आदेश दिए है और तमाम खरीदी की है उसके सारे दस्तावेज अब तक पूर्व डीपीएम के पास ही है, सूत्र बताते है प्रमुख दस्तावेज अपने घर पर रखे हुए है कार्यालय में किसी को भी ऐसे दस्तावेजों की भनक तक नही होने दी जा रही है। वही अब तक पूर्व डीपीएम का चेम्बर उन्ही के पास है चेम्बर में नेमप्लेट भी अब तक लगी हुई है। पूरे खेल में सीएमएचओ की भूमिका बड़ी ही संदिग्ध बताई जा रही है। कमर्चारियों के सामने या और लोगो के सामने पूर्व डीपीएम को सीधे गाली देकर बात करते है, जबकि विभाग का हर काम बिना पूर्व डीपीएम की राय लिए एक कदम नही उठाते। कलेक्टर कार्यालय में कितने बजे मिलना है यह भी तय करके कार्यालय से वो निकलते है।
क्यों किया गया कार्यालय का सीसीटीवी बन्द?
सीएमएचओ कोरिया द्वारा कार्यालय में लगे सभी सीसीटीवी बन्द करा दिया गया है ताकि किसी के आने जाने की जानकारी कैमरे में रिकॉर्ड न हो सके। जबकि पूर्व में पल पल की रिकॉर्डिंग इस कार्यालय में होती थी, रात में काम करने या आने जाने वालों की जानकारी किसी को न हो सके इसलिए सीसीटीवी बन्द करा दिया गया। सूत्रों की माने तो ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि जब मन चाहे आकर फाइलें निपटाई जा सकें और जिसका सबूत न मिल सके।
प्रभार नहीं दिया है अब तक
पूर्व डीपीएम ने अब तक नव पदस्थ डीपीएम को पूरा प्रभार नही दिया है। अभी वो उन दस्तावेजो में कलाकारी करने में जुटे है। यही कारण हैं कि एक चाभी पूर्व डीपीएम के पास है और सीएमएचओ ने सीसीटीवी बन्द करा दिया है। ताकि रात में कार्यालय में उसकी आवाजाही किसी को पता न चल सके।
फाइलों से गायब करा रहे दस्तावेज
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के निर्देश पर हो रही जांच में प्रमुख जांच अधिकारी के निर्देश पर खरीदी की फाइलों से मुख्य दस्तावेज गायब करा दिए जा रहे है,हर फ़ाइल से एक दो दस्तावेज गायब हो चुके है। पूरी जांच को रफादफा करने में जिला प्रशासन का पूरा साथ मिलता दिख रहा है क्योंकि आये दिन पूर्व डीपीएम कलेक्टर से मिलने कलेक्टर कार्यालय में देखा जा रहा है।


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