Breaking News

जशपुर@मुख्यमंत्री के गृह जिले में सड़क निर्माण को लेकर नियमों का नहीं हो रहा पालन, हरे भरे वृक्ष को मशीनों से उखाड़ कर बनाई जा रही है सड़क

Share

भूपेन्द्र सिंह –
जशपुर,16 अप्रैल 2024 (घटती-घटना)। प्रदेश के सरगुजा संभाग में एक ऐसी सड़क का निर्माण जारी है जिसको लेकर सभी नियम शिथिल कर दिए गए हैं यहां तक की पर्यावरण को लेकर भी सड़क निर्माण में ध्यान नहीं दिया जा रहा है और सड़क निर्माण के दौरान हरे भरे वृक्षों को ठेकेदार ने बिना अनुमति पोकलेन मशीन से उखाड़ कर नष्ट किया गया, जिसमें कई वृक्ष पूरी तरह से नष्ट होगा जैसा देखने में आ रहा है।
बता दें की जशपुर जिले के खुडि़यारानी में पक्के सड़क का निर्माण कार्य वर्ष 2023 में स्वीकृत हुआ था और तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी वहीं तब सड़क निर्माण कार्य जारी नहीं हो सका था जो अब जारी हुआ है और वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री भी जशपुर जिले से हैं और यह सड़क उन्हीं के क्षेत्र में बनाई जा रही है। बताया जा रहा है की करोड़ों की लागत से बनाई जा रही सड़क को लेकर कई नियम शिथिल कर दिए गए हैं जिसमे वन विभाग से अनापçा भी प्राप्त नहीं की गई है जैसा बताया जा रहा है और सड़क निर्माण के लिए हरे भरे वृक्षों को उखाड़ कर फेका जा रहा।
मुख्यमंत्री जशपुर के ही बन गए क्या इसलिए स्वीकृत सड़क निर्माण कार्य को बिना नियमों के पालन के ही बनाने की अनुमति प्रदान ही गई जो निर्माणाधीन है?
बता दें की वर्ष 2023 में पंद्रह करोड़ पंद्रह लाख की लागत वाली दो पक्की सड़कें स्वीकृत की गई थीं जो दोनों ही जशपुर जिले की थीं जिसमे कुल 8.04 किलोमीटर सड़क बनाए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी,एक सड़क कैलाशगुफा तक एवम एक सड़क खुडि़यारानी तक बनाए जाने की एक साथ स्वीकृति प्रदान की गई थी। खुडि़यारानी सड़क की लंबाई कुल 4.4 किलोमीटर है वहीं कैलाशगूफा सड़क की लंबाई 4 किलोमीटर है वहीं सड़क निर्माण के साथ साथ अगल बगल नाली निर्माण की भी स्वीकृति इस कार्य में प्रदान की गई है। अब सवाल यह उठ रहा है की क्या मामला मुख्यमंत्री के गृह जिले का है इसलिए सड़क निर्माण में नियमों को शिथिल किया गया है या बिना नियमों के पालन के सड़क बनाया जा रहा है। सड़क निर्माण के दौरान सबसे ज्यादा नियमो की अनदेखी इस मामले में देखी जा रही है की हरे भरे वृक्ष लगातार उखाड़ा जा रहा हैं। खुडि़यारानी पक्की सड़क निर्माण की लागत लगभग 8 करोड़ की है और 7 करोड़ के आसपास की लागत से कैलाश गुफा की सड़क बनाई जाएगी। माना जा रहा है की जब कांग्रेस शासनकाल में सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ तब यदि निर्माण कार्य जारी हुआ होता नियमों के पालन के साथ सड़क निर्माण कार्य किया जाता वहीं प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री चूंकि जशपुर जिले के ही बन गए इसलिए स्वीकृत सड़क निर्माण कार्य को बिना नियमों के पालन के ही बनाने की अनुमति प्रदान कर दी गई जो निर्माणाधीन है।
पर्यटन के रूप में विकसित करने की है योजना,उसी के तहत पक्की सड़क का हो रहा है निर्माण
जशपुर जिले का कैलाश गुफा क्षेत्र और खुडि़यारानी पर्यटन के रूप के विकसित किया जा सके इसलिए ही दोनो जगहों की सड़क पक्की बनाई जाने की योजना बनी थी, उसी के तहत पक्की सड़क का निर्माण भी हो रहा है। पर्यटन के रूप में जशपुर को अलग पहचान दिलाना भी उद्देश है सड़कों के निर्माण मामले में। वैसे खुडि़यारानी और कैलाशगुफा क्षेत्र पर्यटन के रूप में पहले से ही अपनी पहचान रखती हैं और चूंकि सड़कें कच्ची थीं जिन्हें बनाया जा रहा है। वैसे पर्यटन के लिए विकसित करने के लिए सड़क निर्माण कार्य में नियमों की अनदेखी की जा रही है जिसको लेकर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।
वन विभाग के अधिकारी नहीं दे रहे मामले में संतोषजनक जवाब
पूरे मामले में वन विभाग के डीएफओ साथ ही अन्य अधिकारियों को जिसमे लोक निर्माण विभाग के अभियंता भी शामिल हैं से जब मामले की जानकारी लेने के लिए फोन पर संपर्क किया गया तब उनके द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। क्या क्लियरेंस वन विभाग का मिला है पर्यावरण विभाग का मिला है का जवाब अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं। वैसे अधिकारियों के जवाब नहीं देने की मंशा को लेकर यही कहा जा सकता है और ऐसा ही बताया भी जा रहा है की वह ठेकेदार के कारण उसकी मदद के लिए मुंह बंद किए हुए हैं जिससे जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूर्ण हो सके और मामला तूल न पकड़ सके।
क्या ठेकेदार पर होगी कार्यवाही?
सरकार की अनुमति के बिना पेड़ को कटाना अपराध है। भारतीय वन कानून 1927 के अनुसार सेक्शन 68 के अंतर्गत पर्यावरण कोर्ट में मामला दर्ज हो सकता है। इसमें पेड़ों की चोरी, पर्यावरण को नुकसान पहुंचने और प्रदूषण एक्ट के तहत मामला दर्ज हो सकता है। ऐसे में ठेकेदार द्वारा बिना अनुमति के दर्जनों पेड़ों को मशीन से उखाड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया क्या इस मामले में विभाग इस पर कार्यवाही करेगा?
वीरेंद्र चौधरी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जशपुर
ठेकेदार को बिना पेड़ों को नुकसान पहुंचाए काम करने को कहा गया था यदि हरे-भरे पेड़ों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है तो इस पर कार्यवाही की जाएगी। पेड़ों को नुकसान पहुंचाने की अनुमति बिल्कुल भी नहीं दी गई है।
जितेंद्र उपाध्याय डीएफओ जशपुर
अधिकारियों को मौके पर जांच करने के लिए भेजा गया है यदि ऐसा होगा तो कार्यवाही की जाएगी।
खुडि़यारानी क्षेत्र के सौंदर्यीकरण एवम पर्यटन क्षेत्र के रूप क्षेत्र को विकसित करने की मुख्यमंत्री ने की है घोषणा, क्या वृक्ष को नष्ट कर होगा सौंदर्यीकरण?
प्रदेश के मुख्यमंत्री जब खुडि़यारानी पहुंचे थे तब उन्होंने घोषणा की थी की वह क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए आवश्यक प्रयास जारी करेंगे वहीं क्षेत्र के सौंदर्यीकरण को लेकर भी वह ध्यान देंगें। अब सड़क निर्माण और सड़क चौड़ीकरण के दौरान यह देखने को मिल रहा है की हरे भरे वृक्षों को उखाड़कर सड़क निर्माण किया जा रहा है। अब सवाल यह उठ रहा है की क्या सौंदर्यीकरण और पर्यटन के रूप में क्षेत्र को विकसित करने के लिए वृक्षों को ही नष्ट करने की की बात की गई थी उनके द्वारा वहीं सवाल यह भी उठता है की क्या यही वन क्षेत्र और पर्यटन को लेकर सरकार की प्राथमिकता है जिसमे हरे भरे वृक्ष को नष्ट करना ही विकास कहलाता है?


Share

Check Also

रायपुर,@10 बाल आरोपी माना संप्रेक्षण गृह से हुए फरार

Share ‘ रायपुर,29 जून 2024 (ए)। राजधानी रायपुर के माना में स्थित बाल संप्रेक्षण गृह …

Leave a Reply

error: Content is protected !!