मनेद्रगढ़@स्थानीय ठेकेदार और साहू इंजीनियर की पार्टनरशिप शहर में बना चर्चा का विषय वार्ड क्रमांक 6 में बनाई जा रही है सड़क…पिछले तीन दिन पूर्व निर्माण कार्य हुआ प्रारंभ

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रवि सिंह –
मनेद्रगढ़,15 अप्रैल 2024 (घटती-घटना)। मनेद्रगढ़ नगर पालिका में एक इंजीनियर और स्थानीय ठेकेदार के आपसी तालमेल और पार्टनरशिप की चर्चा शहर में बड़े जोर से चल रही है।.मिली जानकारी के अनुसार किसी भी कार्य को वह ठेकेदार चाहता है उसे प्राप्त करने में साहू नामक इंजीनियर कागजों में भी बड़ा हेर फेर करता है सब इंजीनियर लगभग 10 वर्षों से मनेद्रगढ़ नगर पालिका में पदस्थ है,और भ्रष्टाचार में अपनी जड़े मजबूत कर चुका है एक चर्चित इमानुल ठेकेदार से सेटिंग कर सारे निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार कर रहा है इसकी शिकायत लगातार हो रही है उसके बाद भी या मनेद्रगढ़ में जमा हुआ है कहता है ऊपर तक पैसे देता हूं और अपने मनमर्जी काम करता हूं…।
ज्ञात हो कि वार्ड क्रमांक 16 में यासीन के घर के पास एक सीसी रोड का निर्माण कार्य बड़े तेज गति से चल रहा है नियमों के तहत उसे सड़क को आचार संहिता के दौरान नहीं बनाया जाना था लेकिन कांग्रेसी नेताओं के दबाव में उसे निर्माण कार्य को साहू इंजीनियर ने अपने चहेते ठेकेदार से करवा दिया है। जिसको लेकर कई राजनीतिक पार्टियों में विरोध के स्वर उत्पन्न हो रहे हैं, ठेकेदार एक से डेढ़ इंच मोटी रोड बनाकर साहू इंजीनियर के माध्यम से 6 इंच मोटाई की सड़क का बिल निकालने मैं उसका पूरा सहयोग कर देता है इस तरह सारे नियमों को शिथिल कर नगर पालिका परिषद मैं खूब मनमानी चल रही है नगर पालिका में कांग्रेसी अध्यक्ष बैठी हुई है वह ठेकेदार उनका भी बड़ा खासम खास बताया जाता है यही कारण है कि यहां पदस्थ सीएमओ और इंजीनियर उसे ठेकेदार की मनमानी में उसका पूरा सहयोग करते हैं या ठेकेदार की जड़े यही तक नहीं सीमित है उसका दबदबा झगड़ा खंड लेदरी नगर पालिका में भी है जिस काम को चाहता है उसे काम को अपनी मर्जी के मुताबिक एस्टीमेट बनाकर पूरे काम को ले लेता है सेटिंग का सेटिंग का मास्टर कहा जाने वाला अमानुल ठेकेदार अपना दबदबा बना रखा है।
नए नवेले ठेकेदार परेशान
नए नवेले ठेकेदार काफी परेशान कर दिए जाते हैं उनकी फाइल घुमा दी जाती हैं या उनसे बड़ा कमीशन का डिमांड किया जाता है,सवाल यहां पर यह भी है कि जितने भी बड़े टेंडर होते हैं वह टेंडर केवल इमामुल और उसके इर्द-गिर्द घूमने वाले लोगों को ही को ही क्यों दिए जाते हैं.? यदि नए लोग टेंडर डालते हैं तो उनकी कागजों में बड़ी कमी निकाल कर अंगद की तरह पैर जमाए बैठे यह इंजीनियर पेपर रिजेक्ट कर देता है और उन्हें डिसमलीफाई कर देता है जिसके कारण वह काफी परेशान हो जाते हैं और काम छोड़कर किसी और डिपार्टमेंट में चले जाते हैं यह सिल सिला मनेद्र नगर पालिका में काफी सब पिछले समय से चल रहा है इस तरह करके नए ठेकेदारों को मौका नहीं दिया जाता और अपने सेटिंग और वाले ठेकेदार को बुलाकर रात के अंधेरे में कई काले पीले कार्य अंजाम दिए जाते हैं यह सिलसिला प्रतिदिन उनके चिन्ह अंकित अड्डों में करते देखा जा सकता है नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदार मौजूद रहते हैं साहू इंजीनियर की स्थिति संदिग्ध है।


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