- विषय शिक्षक की जगह अन्य विषय के शिक्षकों ने जांची अन्य विषयों की उत्तरपुस्तिकाएं:सूत्र
- अन्य विषय के शिक्षकों का अन्य विषय की उत्तर पुस्तिकाएं जांचना नियम अनुसार गलत:सूत्र
- अन्य विषय शिक्षकों से अन्य विषय की उत्तरपुस्तिकाएं जचवाने मामले में यदि हुई जांच कार्य में त्रुटि,
- बोर्ड परीक्षाओं में शामिल छात्रों के भविष्य से होगा यह खिलवाड़
–रवि सिंह –
एमसीबी,10 अप्रैल 2024(घटती-घटना)। नवीन जिले एमसीबी से बोर्ड परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाओं के जांचने मामले में बड़ी लापरवाही और बड़ी त्रुटि सामने आ रही है। सूत्रों की माने तो एमसीबी नवीन जिले में इस बार पहली बार बोर्ड परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाएं जांचने के लिए प्राप्त हुईं थीं या यह कहें की समन्वयक केंद्र इसके लिए स्थापित किया गया था वहीं इसके तहत पहली बार जिले में बोर्ड परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाएं जांचने का कार्य संपन्न होना था। सूत्रों की माने तो नवीन जिले में बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने के दौरान बड़ी अनियमितता बड़ी त्रुटि बरती गई और उत्तर पुस्तिकाएं जांचने के दौरान विषय शिक्षक ही विषय की उत्तर पुस्तिका जांचे यह ध्यान नहीं रखा गया और अन्य अन्य विषय के शिक्षकों से अन्य विषय की उत्तर पुस्तिकाएं जंचवाई गई।
बता दें की यह मामला तब सामने आया जब उत्तर पुस्तिकाओं के जांचने का अंतिम दौर चल रहा था और इस दौर में संस्कृत विषय की उत्तर पुस्तिकाएं जांची जानी थीं,बताया जा रहा है की इसी समय यह बात सामने आई की अन्य विषय शिक्षकों से अन्य विषय की उत्तर पुस्तिकाएं जंचवाई जा रही हैं। मामला शिक्षकों के बीच से ही बाहर आ सकीं और शिक्षकों ने अन्य विषय की उत्तर पुस्तिका जांचने से मना भी किया जिसमें उनके द्वारा यह कहा गया की यदि अन्य विषय की उत्तर पुस्तिका जांचने के दौरान उनसे त्रुटि होगी और छात्रों को प्राप्त अंक को लेकर आपत्ती होगी तो वह शिकायत करेंगे और जिसके बाद यदि ऐसा सही पाया गया उत्तर पुस्तिका की जांच में यदि त्रुटि पाई गई तो उनके ऊपर कार्यवाही होगी इसलिए वह इससे बचने का भी प्रयास किए लेकिन बताया जाता है फिर भी अधिकारियों के दबाव के कारण शिक्षकों को अन्य विषय की उार पुस्तिकाएं जांचनी पड़ी और वह मजबूरी में भी उत्तर पुस्तिकाएं जांच गए वहीं उन्हे पारश्रमिक भी मिलेगा यह भी एक कारण था की शिक्षकों ने अन्य विषय की उत्तर पुस्तिका जांच दी।
अन्य विषय शिक्षक ने उत्तर पुस्तिका अन्य विषय की जांची है तो यह गंभीर मामला है…
कुल मिलाकर यदि सूत्रों की बात सही है और अन्य विषय शिक्षक ने उत्तर पुस्तिका अन्य विषय की जांची है तो यह गंभीर मामला है और इस मामले में जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही भी होनी चाहिए। वैसे जिले में जिला शिक्षा अधिकारी काफी अनुभवी हैं और उसके बाद भी ऐसी त्रुटि हुई है जो यदि सच में हुई है तो मामले में उन्हे भी जवाब देना होगा। जिले में पहली बार उत्तर पुस्तिकाएं जांचने के लिए आई और इतनी बड़ी त्रुटि भी हो गई ऐसे में कहा जा सकता है की उत्तर पुस्तिका जांचने के कार्य में लगे जिम्मेदार लोग केवल जल्द से जल्द उत्तर पुस्तिका जांचने के फिराक में थे जबकि त्रुटि को लेकर उन्होंने कोई जिम्मेदारी नहीं निभाई।
यदि पूरे मामले में जरा भी सच्चाई है तो क्या अब जिम्मेदार लोगों और कार्यवाही होगी?
यदि पूरे मामले में जरा भी सच्चाई है तो क्या अब जिम्मेदार लोगों और कार्यवाही होगी यह भी सवाल है। वैसे कार्यवाही में कई बड़े अधिकारी भी फंस सकते हैं क्योंकि उत्तर पुस्तिका जांचने की जिम्मेदारी समन्वयक केंद्र शिक्षक तक सीमित नहीं है अधिकारी वर्ग इसमें ध्यान दे की त्रुटि न हो यह भी आवश्यक रहता है जो यदि ऐसी त्रुटि हुई है तो शायद कमी रही है। उत्तर पुस्तिका अन्य विषय शिक्षकों से यदि अन्य विषय की जंचवाई गई होंगी और यह बात सच होगी तो परीक्षा परिणाम लार असर पड़ना भी संभावित है ऐसे में छात्रों के भविष्य उनके परीक्षा परिणाम का दोषी कौन होगा यदि त्रुटि वश उनके परिणाम में भी दोष होगा यह भी एक प्रश्न हैं?
मामला उजागर तब हुई जब उत्तर पुस्तिका जांच कार्य का अंतिम दौर
वैसे बात उजागर तब हुई जब उत्तर पुस्तिका जांच कार्य का अंतिम दौर में था और माना जा रहा है की पहले भी ऐसा हुआ होगा जब जांच कार्य का आरंभ हुआ था और यह भी कहा जा सकता है की तब बात सामने नही आ सकी थी। वैसे इस मामले में यह भी कहा जा रहा है की अनुभव की कमी बड़ा कारण बना इस मामले में और पहली बार चूंकि नए जिले में उत्तर पुस्तिकाएं जांचने पहुंची थीं। वैसे इस मामले जिले के शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी खुद को पहली जिम्मेदारी मिली इसलिए त्रुटि हुई ऐसा कहकर नहीं बच सकते क्योंकि अधिकारी वह अन्य जगह भी रह चुके हैं और काफी अनुभव है उनके पास और अनुभव के साथ त्रुटि की बात गलत ही मानी जाएगी और यह माना जाएगा की केवल खुद को बचाने झूठ बोला जा रहा है। वैसे बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिका जांचने का कार्य ऐसे ही किसी शिक्षक को नहीं दिया जाता, यह तय किया जाता है नियम अनुसार की उसे कम से कम संबंधित विषय और कक्षा में अध्यापन का तीन वर्ष का अनुभव हो वहीं तब जाकर शिक्षक उत्तर पुस्तिका जांचने पात्र माना जाता है। उत्तर पुस्तिका विषय शिक्षक ही जांचेगा वहीं उसके जांचने के उपरांत पुनः एक विषय शिक्षक उसकी जांच करेगा नंबर टोटल करेगा तब जाकर अंक को परीक्षा परिणाम के लिए तय माना जाएगा। यदि नियमो के आधार पर नवीन जिले एमसीबी के बोर्ड परीक्षा उत्तर पुस्तिका जांच कार्य को देखा जाए तो यह माना जाएगा की यदि सही मायने में अन्य विषय शिक्षक ने अन्य विषय की उत्तर पुस्तिका जांची है तो यह बड़ी गलती है वहीं उन छात्रों के साथ कहीं न कहीं बड़ा अन्याय साबित हो सकता है यह मामला जहां की उत्तर पुस्तिका जिले में जचने आई हुईं थीं।