- संवाददाता –
अंबिकापुर 07 अपै्रल 2024 (घटती-घटना)। नवीन कानून संहिता संबंधी एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सरगुजा पुलिस द्वारा रविवार को पीजी कॉलेज स्थित ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यशाला में उपस्थित पदाधिकारियों एवं वक्ताओं द्वारा नये कानूनों एवं प्रावधानों के बारे में एवं भारतीय न्याय संहिता,नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम की बारीकियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इसका मुख्य उद्देश्य पुलिस, अभियोजन, न्यायपालिका के साथ-साथ व्यापक रूप से समस्त आमजनों में जागरुकता लाना है। चूंकि उक्त नवीन कानून संहिता 1 जुलाई 2024 से पूरे देश में प्रभावशील होना है।
कार्यशाला दौरान आईजी अंकित गर्ग द्वारा नए कानून संहिता 1 जुलाई 2024 को प्रभावशील होना है, हमारी आजादी के बाद भी पुराने कानून के आधार पर ही कानूनी प्रावधानों का कियान्वयन हो रहा था, क्यों कि उस समय समाज की जरूरतें अलग थी एवं आपराधिक पद्वति में भी जमीन और आसमान का फर्क था। किन्तु वर्तमान समय और समाज की अपेक्षाओं के साथ नए कानून लागू किए जा रहे हैं। इसके अलावा अन्य नवीन कानून संहिता संबंधी विशेष जानकारी से अवगत कराया गया। विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार ठाकुर ने बताया कि वर्तमान समय के अनुसार वृहत रूप से नये कानून संहिता को लागू किये जा रहे हैं इसके बारे में पुलिस, अभियोजन, न्यायपालिका के साथ-साथ आमजनों को भी इसके बारे में जानना जरूरी है। तथा नए कानून में आवश्यकतों के अनुसार धाराओं में संशोधन किये गये हैं। इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराई गई है।
पुराने कानूनों का 160 वर्षों से अधिक का हो गया है समय
एसपी विजय अग्रवाल द्वारा नवीन कानून संहिता 2023 के बारे में अवगत कराया गया, कि 1 जुलाई 2024 से नवीन कानून संहिता लागू होना है। इसलिए इसके बारे में पुलिस, अभियोजन के अलावा आमजनों को भी जानकारी होना चाहिए। शासन-प्रशासन द्वारा लोकतंत्र में जनता की अपेक्षा के अनुरूप कानून बनाती है। पुराने कानून को लगभग 160 वर्षों से भी अधिक का समय हो गया है, उस समय कानूनों एवं प्रावधानों की जरूरत और चुनौतियां अलग थी।
विवेचना में नए धारा शामिल करने कराया गया अवगत
कार्यशाला पदाधिकारियों एवं वक्ताओं द्वारा बताया गया कि भारतीय दण्ड संहिता और दण्ड प्रक्रिया संहिता को हटाकर नवीन भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करने हेतु भारतीय संसद द्वारा दिसम्बर 2023 में कानून पारित किया गया था। केन्द्र सरकार द्वारा पुरानी भारतीय दण्ड संहिता में पर्याप्त संशोधन पश्चात् नवीन न्याय व्यवस्था स्थापित करने हेतु भारतीय न्याय संहिता 2023, नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 व भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू की गई है। कार्यशाला में विवेचकों को पुराने भारतीय दण्ड संहिता की धाराओं के स्थान पर नवीन भारतीय न्याय संहिता के तहत् वैधानिक कार्रवाई किए जाने हेतु एवं नवीन धाराओं में हुए परिवर्तन को अपने विवेचना में शामिल करने के लिए अवगत कराया गया।
नए कानूनों के प्रावधानों
को बताया गया
कार्यशाला में नवीन कानूनों की विशेषता एवं प्रावधानों जैसे औपानिवशिक कानून में बदलाव, महिला सुरक्षा एवं न्याय, आतंकवाद, संगठित अपराध एवं भारत की सम्प्रभुता, एकता एवं अखण्डता के विरूद्व अपराध, पीडि़त केन्द्रीत कानूनी प्रावधान, अनुसंधान में वैधानिक तकनीक, डिजीटल एवं इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के प्रावधान,न्यायालयीन प्रक्रिया से संबंधित प्रावधान एवं आगामी कार्ययोजना इत्यादि संबंधी विस्तृत जानकारी से अवगत कराया गया है।
कार्यशाला में ये रहे शामिल
सुजीत कुमार उमनि 10 वीं वाहिना सिलफिली, विलास भोस्कर संदीपान कलेक्टर सरगुजा, एमआर अहिरे पुलिस अधीक्षक सूरजपुर, मोनिका जायसवाल अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, आकांक्षा सक्सेना न्यायिक मजि. ब्रजेश राय विभागाध्यक्ष विधि संकाय, श्रुति कांबले एडीपीओ, राजेश सिंह एडीपीओ, डॉ. मिलिन्द सहायक प्राध्यापक एवं समाज के विभिन्न वर्गां के प्रतिनिधि डॉक्टर्स एसोसिएशन, चैंबर ऑफ कामर्स, मीडिया, ट्रांसपोर्ट्स युनियन, एनजीओ एवं पुलिस अधिकारी, कर्मचारीगण शामिल रहे।
