एमसीबी@क्लब बार संचालक कांग्रेस शासनकाल में थे कांग्रेसी…भाजपा की सत्ता वापसी के साथ ही हुए भाजपाई?

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रवि सिंह-
एमसीबी,07 अप्रैल 2024 (घटती-घटना)। भाजपा में जाते ही या भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते ही दोषी दोषमुक्त हो जाते हैं। गुनहगार बेगुनाह साबित हो जाते हैं। दागी बेदाग साबित जो जाते हैं। पाक- साफ साबित हो जाते हैं यह बात नवीन जिले एमसीबी के जिला मुख्यालय के क्लब बार संचालक के भाजपा प्रवेश के बाद कही जा रही है। क्लब बार संचालक ने जो की पूर्व कांग्रेस विधायक के रिश्ते में भाई हैं और जिन्होंने कांग्रेस शासनकाल में जमकर साा का सुख भोगा और मनमानी की। साा परिवर्तन के कुछ ही दिनों बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली और यह सदस्यता उन्हे भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी ने ग्रहण कराई है जिसके बाद अब कई सवाल कांग्रेसी उठा रहे हैं। भाजपा पर इस मामले में व्यंग बाण छोड़ रहे हैं। एमसीबी जिले के एक कांग्रेसी ने तो क्लब बार संचालक के भाजपा प्रवेश को लेकर यह भी लिखा है सोशल मीडिया में की भाजपा प्रवेश करने वाले कट्टर कांग्रेसी शशिधर जायसवाल वह व्यक्ति हैं जिनके क्लब बार लाइसेंस मामले में पूर्व कांग्रेस शासनकाल के दो पूर्व कांग्रेस विधायक विधानसभा में आमने-सामने हुए थे। वहीं तब शशिधर जायसवाल की जिले में तूती बोलती थी।अब उनका भाजपा प्रवेश हुआ है और अब भाजपाई बताएंगे की शशिधर जायसवाल बार में अपने गंगाजल बेचते हैं । इसलिए भाजपा में उनको शामिल कराया गया है। कुल मिलाकर शशिधर जायसवाल के मामले में जिस कांग्रेसी ने यह पोस्ट सोशल मीडिया में की है वह यह भी बताना चाहते हैं की पूर्व कांग्रेस शासनकाल में इसी क्लब बार संचालक की तूती बोला करती थी।
लोकसभा प्रत्याशी ने कराया भाजपा प्रवेश, कांग्रेस शासनकाल में भाजपा नेता ही थे क्लब बार संचालक के विरोधी
क्लब बार संचालक का भाजपा प्रवेश कोरबा लोकसभा प्रत्याशी की उपस्थिति में संभव हुआ,लोकसभा प्रत्याशी ने ही भाजपा का गमछा पहनाकर क्लब बार संचालक को भाजपा में प्रवेश दिलाया। पूरे मामले में सबसे ध्यान देने वाली बात यह है की यह वही क्लब बार संचालक है जिसका विरोध कांग्रेस शासनकाल में भाजपाई ही किया करते थे और धरना भी दिया था। उन्होंने क्लब बार के संचालन मामले में । अब लोकसभा प्रत्याशी की उपस्थिति में वही भाजपाई क्लब बार संचालक का भाजपा में स्वागत कर रहे हैं और उत्साहित होकर उसकी बड़ाई कर रहे हैं। वैसे इस मामले में जब सवाल खड़े हुए तब लोकसभा प्रत्याशी को भी जवाब देते समय असहज देखा गया और उन्होंने भी यह कहा की वह मामले में जानकारी लेकर बता पाएंगी की क्या सच है। वैसे लोकसभा प्रत्याशी कुछ भी कहें सच तलाशने की बात कहें लेकिन स्थानीय भाजपाई जानते हैं की सच क्या है और क्लब बार संचालक कौन है। क्लब बार संचालक स्वार्थ के लिए भाजपा में शामिल हुआ है यह एकमात्र सत्य है यही माना जा रहा है।
क्लब बार संचालक है जनाधार विहीन,क्लब बार संचालक भी कारण बना था कांग्रेस प्रत्याशी की बड़ी हार का मनेंद्रगढ़ विधानसभा में
मनेंद्रगढ़ शहर का क्लब बार संचालक जिसका भाजपा प्रवेश हुआ है। भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी की उपस्थिति में वह जनाधार विहीन है और उसका विरोध भी कारण बना था। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की बड़ी हार का यह माना जाता है।बताया जाता है कि क्लब बार संचालक का क्लब बार शहर में उसके विरोध की वजह है और जिसके कारण शहर में कांग्रेस अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन कर सकी विधानसभा चुनाव में । क्लब बार संचालक के क्लब बार के कारण ही कांग्रेस की साख शहर में खराब हुई यह माना जाता है। वैसे कांग्रेस शासनकाल में उसे रोकने टोकने वाला कोई नहीं था और अब भी उसे कोई रोक टोक न करे इसलिए वह भाजपा में शामिल हुआ है यह लोगों का मानना है और लोगों का यह भी मानना है की जैसे ही फिर सत्ता परिवर्तन हुआ यह बदल जायेगा यही इसकी फितरत है।
कुछ भाजपाई बता रहे क्लब बार संचालक को भाजपा के लिए फायदेमंद जबकि वह कांग्रेस के लिए ही रहा हानिकारक
क्लब बार संचालक के भाजपा प्रवेश पर कुछ भाजपाई अब उसे पार्टी के लिए फायदेमंद बता रहे हैं जबकि वह कांग्रेस के लिए ही कांग्रेस में रहते हुए नुकसानदायक साबित हो चुका है। कांग्रेस जिस शहर से लगातार चुनावों में एकतरफा प्रदर्शन करती रही वह इस विधानसभा चुनाव में काफी पिछड़ गई जबकि क्लब बार संचालक जैस ही लोग कांग्रेस पार्टी के खिवैया बने रहे पांच साल तक जबतक कांग्रेस का शासन प्रदेश में बना रहा। अब जब शासन भाजपा का प्रदेश में स्थापित हुआ वैसे ही क्लब बार संचालक भी भाजपा प्रवेश कर लिए हैं और वह भाजपा को भी निपटाएंगे यह माना जा रहा है।
भाजपा में पहले की अपेक्षा अन्य दलों से प्रवेश हुआ आसान, अब सिद्धांत छोड़ पार्टी में प्रवेश के लिए पार्टी भी नजर आ रही तत्पर
पहले भाजपा में किसी का प्रवेश इतना आसान नहीं हुआ करता था।पहले भाजपा सिद्धांत पर चलकर ही अपने लिए कार्यकर्ता चयन किया करती थी,ऐसे ही किसी का भाजपा प्रवेश सम्भव नहीं हुआ करता था।खासकर दागदार चरित्र के लोगों का स्वार्थी लोगों का प्रवेश पार्टी में कभी संभव नहीं हुआ करता था। अब भाजपा में कभी भी किसी का प्रवेश संभव नजर आ रहा है। भाजपा के ही पुराने लोगों की माने तो पहले भाजपा में सदस्य बनने के लिए काफी कुछ साबित करना पड़ता था वहीं अन्य दलों से पार्टी में शामिल होने पर पहले तो मौका ही नहीं दिया जाता था और यदि मौका दिया जाता भी था तो निचले क्रम पर दिया जाता था और पुराने कार्यकर्ता को ही पहले क्रम पर रखा जाता था वहीं आज के परिदृश्य में पुराने कार्यकर्ता को भाजपा में तव्वजो कम दिया जाने लगा है और जो अन्य दलों से पार्टी में शामिल हो रहे हैं उन्हे ज्यादा महत्व दिया जा रहा है जो अब भाजपा की भी परंपरा बनती जा रही है। भाजपा इस तरह अब कमजोर होगी और कर्मठ कार्यकर्ता अब खुद का महत्व कम होता देख पार्टी से विमुख होंगे और जो पार्टी के लिए अच्छा नहीं होगा यह भी पार्टी के लोगों का मानना है। वैसे क्लब बार संचालक के पार्टी प्रवेश के बाद कई भाजपाई नाराज हुए हैं और उनकी नाराजगी केवल इस बात की है की पांच साल कांग्रेस शासनकाल में मजा मौज करने वाला भाजपा शासनकाल में भी मजा मौज करने शामिल हो गया है जो अनुचित है।
भाजपा में शामिल होने क्लब बार संचालक ने चुकाई है कीमत,यह भी लग रहा है आरोप
क्लब बार संचालक ने भाजपा के शामिल होने के लिए लागत चुकाई है यह भी आरोप लग रहे हैं। आरोप लगाने वालों का कहना है की भाजपा को जो चाहिए वह क्लब बार संचालक के पास है इसलिए ही भाजपा में उनका प्रवेश संभव हो सका है।वैसे यदि क्लब बार संचालक कीमत चुकाकर भाजपा में प्रवेश कर सकें हैं और यह आरोप सही है तब तो यह भाजपा के नजरिए से अच्छी बात नहीं है क्योंकि भाजपा एक अनुशासित पार्टी मानी जाती है और एक क्लब बार संचालक यदि उसे अपने इशारे पर चलाने में यदि सफल हुआ है तो यह पार्टी के लिए उसकी साख के लिए अच्छी बात नहीं है।
भाजपा जिलाध्यक्ष सहित भाजपा संगठन ने धरना प्रदर्शन किया वही हो गए भाजपाई
क्लब बार संचालक के भाजपा प्रवेश को लेकर भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी से भी जब पूछा गया की वह पूर्व में कांग्रेसी रह चुके हैं और कांग्रेस शासनकाल में वह अपनी मनमानी के लिए प्रसिद्ध थे और प्रशासन में उनकी तूती बोलती थी और तब उनके विरुद्ध भाजपा जिलाध्यक्ष सहित भाजपा संगठन ने धरना प्रदर्शन किया था क्लब बार संचालन को लेकर जिसमे पूर्व विधायक की महापौर पत्नी सहित कई कांग्रेसी पार्षद साथ ही कांग्रेसी नेता तब सदस्य थे और उन्ही के कारण क्लब बार का लाइसेंस जारी हुआ था और उसी का भाजपा ने विरोध किया था तब और तब यह बात भी समाने आई थी की क्लब बार में मध्यप्रदेश की अवैध शराब खपाई जा रही है और इसका भी काफी विरोध हुआ था लेकिन तत्कालीन कांग्रेस विधायक के भाई होने के कारण क्लब बार संचालक के मामले में प्रशासन मौन रह गया था और कोई कार्यवाही नहीं हुई थी और क्लब बार भाजपा के लाख विरोध के बावजूद संचालित होता रहा था और जबकि वह राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर भी स्थित है और जिला मुख्यालय मुख्य मार्ग पर भी स्थित है।
क्या क्लब बार संचालक ने भाजपा में आने का निर्णय इसीलिए लिया है ताकी भाजपा शासनकाल में उसकी कमियां छिपी रहें?
वैसे क्लब बार संचालक ने भाजपा में आने का निर्णय इसीलिए लिया है जिससे उसका क्लब बार भाजपा शासनकाल में प्रभावित न हो साथ ही उसकी कमियां भाजपा शासन में भी छिपी रहें और उसका संचालन बिना किसी अवरोध जारी रहे,कहा यह भी जा रहा है की सूत्रों द्वारा की क्लब बार संचालक ने भाजपा में प्रवेश के लिए उन सभी भाजपा नेताओं को मैंजेज भी किया है जो उसके विरोध में थे जब शासन कांग्रेस की थी। वैसे पूरे मामले में सच्चाई जो भी हो लेकिन क्लब बार संचालक के भाजपा प्रवेश के बाद कांग्रेसियों को यह कहने का मौका जरूर मिल गया है की भाजपा में शामिल होते ही सारे पाप खत्म हो जाते हैं लोग पाक साफ हो जाते हैं वहीं सभी गुनाह माफ कर दिए जाते हैं और वही क्लब बार संचालक के मामले में भी हुआ है जिसने पैसे की जैसे ही झलक दिखाई उसका भाजपा प्रवेश संभव हुआ वहीं उसका प्रवेश भी खुद लोकसभा प्रत्याशी भाजपा ने पार्टी में कराया।


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