सरकारी गाइडलाइन रेट में 30 प्रतिशत की छूट खत्म
रायपुर,30 मार्च 2024(ए)। जमीन की सरकारी गाइडलाइन दरों में 30 प्रतिशत की छूट इसी महीने 31 मार्च को खत्म हो रही है। बता दें सरकार हर साल आदेश निकाल कर इस छूट की सीमा एक साल बढ़ा देती थी। लेकिन इस बार आवास पर्यावरण विभाग ने छूट बढ़ाने से साफ इंकार कर दिया है। आवास पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि गाइडलाइन रेट में छूट अब नहीं बढ़ाई जाएगी।
सरकार ने छूट बढ़ाने से इंकार का फैसला 29 मार्च को लिया है। मतलब 31 मार्च 2024 को खत्म हो जाएगी। तब यह फैसला लिया गया है। सरकार के इस फैसले से भूमाफियाओं और बड़े बिल्डरों में हड़कंप मच गया। रजिस्ट्री ऑफिस में मार्च की भीड़भाड़ को देखकर बड़ी संख्या में ऐसे रजिस्ट्रीयों को होल्ड करके रखा गया था कि अप्रैल में आराम से कराया जाएगा। मगर छूट समाप्त होने से अब जमीनों की रजिस्ट्री 43 प्रतिशत बढ़ जाएगी। याने बड़ी रजिस्टि्रयों में लाखों की चपत बैठेगी।
मनी लॉड्रिंग पर लगेगा अंकुश
दरअसल, जमीनों के गाइडलाइन रेट में छूट समाप्त होने से मनी लॉड्रिंग पर अंकुश लगेगा। इस समय गाइडलाइन रेट कम होने से दो नंबर का पैसा जमीनों में खपाया जा रहा है। खासकर, भूमाफिया इसका जमकर फायदा उठा रहे थे।
जारी गाइडलाइन से
किसानों को होगा फायदा
सरकार द्वारा गाइडलाइन रेट में छूट की अवधि न बढ़ाने से जमीनों की रजिस्ट्री करीब 43 परसेंट महंगी हो जाएगी। इससे सरकारी खजाने में करीब एक हजार करोड़ अतिरिक्त राजस्व आएगा। वहीं, किसानों को भी इसका फायदा होगा। किसानों की जमीन अधिग्रहण में उन्हें बड़ा नुकसान हो रहा है। छत्तीसगढ़ में चारों तरफ सड़कें बनने से बड़े स्तर पर जमीनों का अधिर्ग्रहण चल रहा है। मगर गाइडलाइन कम होने से उन्हें रेट कम मिल रहा है। आवास पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने भी यही कहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को इससे फायदा होगा।
2019 से जारी थी छूट
आपको बता दें छत्तीसगढ़ में 2019 से जमीनों के कलेक्टर रेट में 30 प्रतिशत की छूट दी गई थी जो अब 31 मार्च 2024 तक ही लागू रहेगी। बीते वर्ष नई गाइडलाइन तय करने के लिए मार्च के दूसरे हफ्ते में प्रदेश के ज्यादातर जिलों ने शासन को प्रस्ताव भेजा था कि गाइडलाइन रेट कम होने की वजह से सरकारी राजस्व में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में इस साल यानी 2023-24 के लिए भी सरकारी कीमत में बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक 2024 के नए वित्तीय वर्ष से रजिस्ट्री खर्च महंगे होने से रियल एस्टेट के व्यवसाय में असर पड़ सकता है।