अंबिकापुर @दैनिक घटती-घटना की मुहिम को मिली सफलता…शासन की भूमि फिर लौटेगी शासन के पास…सरगुजा कलेक्टर ने सुनाया फैसला

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भूपेन्द्र सिंह –
अंबिकापुर,28 मार्च 2024 (घटती-घटना)।
शहर के राजमोहिनी देवी भवन के पीछे की शासकीय जमीन निजी हाथों में चली गई थी जिसे फिर से शासकीय करने के लिए दैनिक घटती-घटना ने मुहिम छेड़ रखी थी और लगातार खबर प्रकाशित कर कार्यवाही की मांग घटती घटना ने जारी रखी थी, अंततः वह दिन आ ही गया जब शहर के राजमोहनी देवी भवन के पीछे गोचर मद की बहुचर्चित जमीन घोटाले मामले में कलेक्टर न्यायालय ने बड़ा फैसला दिया। बंशु लोहार मामले में सभी रजिस्टि्रयां शून्य घोषित करते हुए जमीन पुनः गोचर मद में दर्ज करने और वापस शासकीय मद में दर्ज करने का आदेश नजूल अधिकारी को दिया है। ऑनलाइन माध्यम से शुरू हुई कलेक्टर न्यायालय की कार्यवाही में आज गुरुवार को बहुचर्चित जमीन घोटाले में बंसू उर्फ भटकुल को पुनः बुलाया गया। लेकिन उसकी लगातर अनुपस्थिति के बाद कलेक्टर ने मामले में तैयार 19 पृष्ठ का आदेश जारी करते हुए कहा कि बंशु प्रति छत्तीसगढ़ शासन मामले में प्रावधानों व संहिता के विपरीत पाए जाने से निरस्त किया जाता है एवं नमनाकला स्थित भूमि 243/1 रकबा 1.710 हे. (4.22 एकड़) भूमि को पूर्ववत शासकीय मद में दर्ज किए जाने का आदेश जारी किया जाता है। साथ ही नजूल अधिकारी को रिकार्ड दुरुस्त कर प्रतिवेदन भेजने कहा गया है। बंशु आ.भटकुल ने गलत तरीके से शासकीय भूमि का पटटा अपने नाम कराया था इसलिए उसके द्वारा बेची गई भूमि आदेश को भी निरस्त किया जाता है। बंशु द्वारा अनावेदक सतीश शर्मा, सन्मोगर वारियर,अभिषेक नागदेव, शेखर अग्रवाल, सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल, अनुषा नागदेव, महेश कुमार केडिया और दिनेश कुमार को बिक्री की गई शासकीय भूमि भी निरस्त की जाती है। कलेक्टर ने कहा कि यह आदेश खुली न्यायालय से जारी किया जाता है।
बता दें घटती-घटना शुरू से ही इस बड़े जमीन फर्जीवाड़े के मामले को लगातार उठाता रहा और प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ठ कराता रहा है। नमनाकला राजमोहनी देवी भवन के पीछे स्थित लगभग सवा 4 एकड़ गोचर मद की भूमि को राजस्व के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भू-माफियों से सांठगांठ कर बंशु आ.भटकुल के नाम दर्ज करा कौडि़यों के दाम पर बेचे जाने के मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही करते हुए भू-माफियाओं को कड़ा संदेश दिया है। मामले में कुछ दिन पूर्व ही प्रशासन की शिकायत पर तात्कालिक नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो,राहुल सिंह आरआई, नारायण सिंह आरआई एवं नजूल कार्यालय का रीडर अजय तिवारी के विरुद्ध पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया गया था। गांधीनगर पुलिस ने मामले में धारा 467, 468, 420, 120 बी के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। इसमे कुछ आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज हो चुकी है और अभी वे फरार है। प्रशासन ने आज कार्यवाही करते हुए राहुल सिंह आरआई, नारायण सिंह आरआई एवं नजूल कार्यालय का रीडर अजय तिवारी को निलंबित भी कर दिया है। गौरतलब है कि तहसीलदार (नजूल) अंबिकापुर एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अंबिकापुर द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार नमनाकला, अंबिकापुर स्थित शासकीय नजूल भू-खण्ड क्रमांक 243/1 रकबा 1.710 हे (4.22 एकड़) भूमि सरगुजा सेटलमेंट मे गोचर मद की भूमि है, जिसे अनियमित पट्टा और विधिक प्रावधानों के विपरीत अनावेदक बंशु द्वारा अपने नाम पर कराते हुये उक्त शासकीय नजूल भूमि में से कई व्यक्तियों को विक्रय कर दिया गया था।
लंबे समय से अनुपस्थित अधिकारी-कर्मचारी किए गए निलंबित
शासकीय कर्तव्य से बिना सूचना एवं अनुमति के अनुपस्थित रहने पर राजस्व निरीक्षक (नजूल) नारायण सिंह, अम्बिकापुर तहसील कार्यालय के राजस्व निरीक्षक राहुल कुमार सिंह, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय धौरपुर के सहायक ग्रेड-02 अजय तिवारी को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के निहित प्रावधानों के तहत कलेक्टर सरगुजा द्वारा निलंबित किया गया है। वर्तमान में लोकसभा निर्वाचन के मद्देनजर जिले में आदर्श आचार संहिता लागू है। आदर्श आचार संहिता के लागू होने से लोक सेवकों के अवकाश पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में उक्त अधिकारी-कर्मचारी द्वारा बिना सूचना के अनुपस्थित रहना पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में उपेक्षा तथा लापरवाही पायी गई है। निलंबन अवधि में इन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
कब होगी आरोपियों की गिरफ्तारी?

पूरे मामले में कलेक्टर सरगुजा भोस्कर विलास संदीपान ने गोचर मद की भूमि की गलत तरीके से हुई खरीदी बिक्री उसके भूस्वामी हक में दर्ज होने के मामले को निरस्त कर दिया और अब भूमि को पुनः गोचर मद में दर्ज करने का निर्देश जारी कर दिया। पूरे मामले में यह स्पष्ट हुआ की शासकीय जमीन को गोचर मद की भूमि को निजी स्वामित्व में दर्ज किया गया गलत तरीके से और उसका विक्रय भी किया गया। पूरे मामले में कलेक्टर न्यायालय ने सभी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया लेकिन कोई अपना पक्ष रखने नहीं पहुंचा और बाद भूमि को पुनः शासकीय भूमि घोषित करने का निर्देश कलेक्टर ने जारी कर दिया। वैसे इस मामले में कई जमीन दलाल और कई भूमाफिया सहित राजस्व विभाग के कई अधिकारी कर्मचारी शामिल थे और तब जाकर इतना बड़ा फर्जीवाड़ा संभव हो सका था यह माना जा रहा है। जमीन तो शासन को लौट जायेगी इसका आदेश कलेक्टर सरगुजा ने जारी कर दिया लेकिन मामले में दोषियों के ऊपर कार्यवाही कब होगी उनकी गिरफ्तारी कब होगी यह बड़ा सवाल है। मामले में कलेक्टर की कार्यवाही के बाद लोग उनकी प्रशंसा जरूर कर रहे हैं लेकिन लोगों का यह भी कहना है की मामले में दोषियों को जेल के सलाखों के पीछे भेजे जाने से भूमाफियाओं का आतंक कम होगा वहीं जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी कर्मचारियों में भी भय की भावना उत्पन्न होगी और वह ऐसी किसी गड़बड़ी करने से बचने का प्रयास करेंगे।
कलेक्टर सरगुजा ने वह कर दिखाया जो आज तक किसी ने नहीं किया
कलेक्टर सरगुजा भोस्कर विलास संदीपन ने बड़े भूमि फर्जीवाड़े मामले में बड़ी तत्परता और जल्द निर्णय लिया जो काबिले तारीफ माना जा रहा है। इस तरह के मामलों में इतना त्वरित निर्णय कभी होते नहीं देखा गया। कलेक्टर सरगुजा ने एक तरह से ऐतिहासिक फैसला दिया है और जिसमे उन्होंने कोई विलंब भी नहीं किया न ही वह किसी दबाव में आए न ही उन्होंने फैसले के लिए कोई समय लिया। पूरी कार्यवाही उन्होंने ऑनलाइन आयोजित की जिले के लोगों के समाने ऑनलाइन कार्यवाही हुई जो उनकी तत्परता बताने के लिए काफी है। कलेक्टर सरगुजा की कार्यवाही की प्रशंसा हो रही है और उनके इस फैसले के बाद उनके प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है और अन्य भी मामलो में वह ऐसी ही तत्परता प्रदर्शित करेंगे यह लोगों का विश्वास है।कलेक्टर सरगुजा से थर्रा रहे भू-माफिया
कलेक्टर कोरिया के फैसले के बाद अब जिले के भूमाफियाओं के मन में काफी भय देखने को मिल रहा है। सरगुजा कलेक्टर ने यह साबित कर दिया की वह जमीन फर्जीवाड़े मामले में कोई मुरव्वत किसी को नहीं देने वाले और सभी गड़बडि़यों वाले मामले में वह इसी तरह जल्द निर्णय लेकर फैसला करेंगे और जिसके बाद भूमाफिया जिले के अब थर्रा रहे हैं डर से। वैसे जिले में ऐसे कई मामले हैं और अब सभी मामले धीरे धीरे खुलने वाले हैं जिसमे शरणार्थियों को मिली जमीन का मामला भी सामने आएगा यह माना जा रहा है।


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